
सन्यास ले या रामजन्मभूमि अवतार ले आडवाणी -अटल बनने की अंधी ललक रही आडवाणी के पतन का कारण -भाजपा की दुर्दशा के लिए आडवाणी भी कम जिम्मेदार नहीं, -गोविन्दाचार्य को नेतृत्व सोंपे संघ, गडकरी भी पूरी तरह असफल भले ही पार्टी में अपने आप को अपमानजनक ढंग से अलग थलग किये जाने व संघ-भाजपा में अपने शागिर्द नरेन्द्र मोदी को प्रमुखता दिये जाने से आहत कभी भाजपा के शिखर पुरूष रहे लालकृष्ण आडवाणी ने इस सप्ताह मुम्बई बैठक से आहत हो कर अपनी पीड़ा को अपने ब्लाग में परोक्ष रूप से इजहार करने की तह में अगर हम जायें तो हम पायेगे कि जिस भाजपा के अटल से अधिक संगठन को मजबूत करने वाले शिखर नेता की तौर पर सम्मानित व प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदार के रूप में कई सालों से पार्टी के मुख रहे लालकृष्ण आडवाणी ही आज संघ व पार्टी की नजरों में उपेक्षित होने के लिए खुद ही जिम्मेदार हें। पार्टी के वरिष्ट व जमीनी नेताओं के बजाय अपनी चैकड़ी डी फोर को प्रमुखता दे कर आडवाणी ने जहां पार्टी में लोकशाही का गला घोंटा वहीं समर्पित कार्यकत्र्ताओं में भारी निराश किया। पूरे देश में सौगन्ध राम की खाते हैं म...