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Showing posts from February, 2011

निशंक को हटाने के लिए भाजपा नेतृत्व पर भारी दवाब

निशंक को हटाने के लिए भाजपा नेतृत्व पर भारी दवाब निशंक को बनाये रखने से होगा भाजपा का उत्तराखण्ड में लोक सभा की तरह सफाया नई दिल्ली। दिल्ली में जिस प्रकार से कभी घोर विरोध्ी रहे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं कोश्यारी व खडूडी के गठजोड़ के बाद दिल्ली में शुरू किये गये निशंक हटाओं अभियान से एक बार पिफर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्राी निशंक के चुनाव से पहले मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने की अटकलें लगाये जाने लगी। सुत्रों के अनुसार दिल्ली में निशंक को मुख्यमंत्राी के पद पर आसीन रखने के मजबूती घेराबंदी को देख कर कभी एक दूसरे के घोर राजनैतिक विरोध्ी रहे भाजपा  नेता भगतसिंह कोश्यारी व खंडूडी ने प्रदेश में भाजपा की निरंतर गिरती हुई छवि को बचाने के लिए दिल्ली दरवार में संयुक्त रूप से निशंक हटाओं भाजपा बजाओ अभियान शुरू कर दिया हे। दोनों नेता हालांकि पूर्व मुख्यमंत्राी रहने के साथ साथ मुख्यमंत्राी के मजबूत दावेदार भी माने जा रहे है। परन्तु जब प्रदेश की निशंक सरकार के एक के बाद एक घोटालों में घिरे होने से से जनता के बीच में भाजपा की छवि को निरंतर गिरते देख कर दोनों नेताओं ने प्रदेश में भाजपा बचाने व प्रदेश

स्वयं को पाक साफ रखते हुए बाबा रामदेव करें भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कुरूक्षेत्र का ऐलान

स्वयं को पाक साफ रखते हुए बाबा रामदेव करें भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कुरूक्षेत्र का ऐला न बाबा रामदेव के द्वारा देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रखर मोर्चा खोलने से बौखलाये कांग्रेसिंयो ने बाबा रामदेव पर जो उनकी अकूत 1100 करोड़ रूपये से अधिक की सम्पतियों का आरोप लगाया, उससे पूरा देश हैरान है कि सच क्या है। इस मामले में एक बात साफ है कि देश में चंद लोगों के पास अरबों खरबों की अकूत सम्पति है। जो अधिकांश कालाधन के रूप में है। इस मामले में एक ही बात देश की जनता चाहती है कि बाबा का भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान तो अच्छा हैं, परन्तु बाबा रामदेव भी भ्रष्टाचारियों से स्वयं से दूर रखे व अपने अभियान की पावनता की भी रक्षा करें। वे कांग्रेसी या अन्य भ्रष्टाचारियों से न घबरायें अगर वे पाक साफ रहेंगे तो पूरा देश उनके साथ हैं अगर उन्होंने भी नेताओं की तरह दोहरा आचरण किया तो महाकाल सबकों बेनकाब करता है। बाबा रामदेव को निर्भीक हो कर अपने आप को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ निर्मम प्रहार करते हुए भ्रष्टाचार से त्रस्त इस देश की जनता को सही दिशा देनी चाहिए। जब बाबा रामदेव को भ्रष्टाचार में आकंठ घीरे उत्तराखण्ड के मु

भगवान राम नहीं विकास पुरूश तिवारी की छत्राछाया चाहिए भाजपा को

भगवान राम नहीं विकास पुरूश तिवारी की छत्राछाया चाहिए भाजपा को क्हां गयी भाजपा की नेतिकता देश की राजनीति में कब कौन किसके साथ होगा यह कहा नहीं जा सकता। कब कौन किसका दूश्मन व कब कोन किसका मित्रा बन जाय। कब किसको पार्टियां भ्रष्टाचारी बताये व कब किसको विकास पुरूष बता दे। ऐसा ही अजीबो गरीब नजारा उत्तराखण्ड में भी दिखाई दे रहा है। वहां पर प्रदेश सरकार के दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर जिस प्रकार से 11 पफरवरी को एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतिन गड़करी, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्राी तिवारी व प्रदेश के मुख्यमंत्राी सहित तमाम बड़े नेता आसीन थे। जो प्रदेश सरकार की गरीबों को सस्ता अनाज देने की योजना का शुभारंभ कर रहे थे। गडकरी जी तो शायद नये थे परन्तु प्रदेश भाजपा के नेताओ ंको तो इस बात का भान होगा ही कि जिस तिवारी का वह सार्वजनिक मंच से आरती उतार रहे हैं उसी तिवारी के राज को कुशासन का प्रतीक बता कर उनकी प्रदेश भाजपा सरकार ने उनके चार दर्जन से अध्कि घोटालों की जांच करने के लिए एक आयोग का गठन कर रखा है।  जिस तिवारी को प्रदेश भाजपा ने जनविरोध्ी बता कर प्र

काश उत्तराखण्ड में भी एक नेता होता

काश उत्तराखण्ड में भी एक नेता होता मध्य प्रदेष के मुख्यमंत्री चैहान से सबक लें उत्तराखण्डी राजनेता  काश उत्तराखण्ड में भी एक नेता होता। आप कहेंगे रावत जी क्या कह रहे हो? यहां तो देश के दूसरे भागों से अध्कि बड़े नेता हैं। यहां तो नेताओं के अलावा दूसरा कोई हैं ही नहीं। नेतागिरी तो यहां की माटी में कण कण में भरी हुई है।कहने को उत्तराखण्ड में नेताओं की कमी नहीं हैं। यहां एक दो नहीं आध दर्जन से अध्कि  अखिल भारतीय नेताओं की जमात है। देश के सबसे वरिष्ठ राजनेता नारायणदत्त तिवारी हैं, केन्द्रीय मंत्राी हरीश रावत हैं, विश्वविख्यात संत व राजनेता सांसद सतपाल महाराज हैं, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भगतसिंह कोष्यारी व  भुवनचंद खंडूडी हैं जैसे दिग्गज राष्ट्रीय नेता हैं। कहने को तो भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी भी उत्तराखण्डी मूल के नेता हैं परन्तु उनका केवल मुख्यमंत्राी के पद पर कोन आसीन हो इसमें हस्तक्षेप करने के अलावा किसी मामले में अपने आप को उत्तराखण्डी मामने को तैयार नहीं है। नेता तो दूसरे भी हैं जो प्रदेश में अपने आप के मुख्यमंत्राी के सबसे बड़े दावेदार मानते हैं, इनमें

कब मिलेगा राश्ट्र को अपना भारत धाम

  कब मिलेगा राश्ट्र को अपना भारत धाम भारत को सर्वोच्च धाम से वंचित रखने वाले हुक्मरानों जवाब दो इससे बड़ा दुर्भाग्य किसी देश का और दूसरा क्या होगा कि उसके गौरवशाली सर्वोच्च धम व विरासत से वहां की सरकारें जानने के बाद भी वंचित रखे। यह सरकारों का दूसरा क्या होगा किसी भी अर्थ में राष्ट्रवादी कार्य नहीं माना जा सकता है यहां की सरकारों ने देश की आम जनता से देश के उस गौरवशाली सर्वोच्च धम से देश की जनता को जानबुझ कर वंचित रखा, जिसके नाम से देश को भारत के नाम से जाना जाता है। हाॅं मैं महाराजा भरत जिनके नाम से इस देश का नाम भारत पड़ा उनके जन्म स्थान ‘भारत धम’ के बारे में आज पिफर दो टूक सवाल देश के हुक्मरानों के साथ उत्तराखण्ड प्रदेश की सरकारों से कर रहा हूॅ।  उस भाजपा की उत्तराखण्ड प्रदेश सरकार से भी कर रहा हॅू जो संघ पोषित भाजपा अपने आप को राष्ट्रवादी होने का दंभ भरती है। कांग्रेस से आशा ही क्यों करें। उसे लगता है देश की संस्कृति व इतिहास से ही कहीं कोई लेना देना नहीं है। उसके लिए तो उस मुर्गे की तरह सुबह तभी लगती है जबसे उसने बाग देना शुरू किया हो। इसी तरह कांग्रेस को भी भारत का इतिहास या

गणतंत्र को तरसता भारत

गणतंत्र को तरसता भारत  भले ही भारत को अंग्रेजों की दासता से 15 अगस्त 1947 को आजादी मिल गयी हो परन्तु आजादी के 64 साल बाद भी सदियों तक गुलामी की बदनुमा जंजीरों में रौंदा गया यह भारत आज भी अपने गणतंत्रा को तरस रहा है। जिस देश का तंत्रा अपनी भाषा को रौंदते हुए  गुलामी की भाषा में ही संचालित होता हो उस देश में गणतंत्रा कहना एक प्रकार से गणतंत्रा का अपमान हो। जिस देश का तंत्रा में देश के आत्मसम्मान को रौंदते हुए गुलामी के बदनुमा दागों को आत्मसात किया जाता हो उस देश को गणतंत्रा या स्वतंत्रा कहना एक प्रकार से गणतंत्रा का गला घोंटना ही है?। जिस देश में उसकी अपनी  संस्कृति व इतिहास को रोंद कर देश के दुश्मनों द्वारा षडयंत्रा के तहते उसे गणतंत्रा कहना एक प्रकार से गणतंत्रा का अपमान करना ही है। हकीकत में आज देश के आम गण के लिए इस तंत्रा में एक रत्ती भर जगह नहीं है। आम आदमी को न केवल कार्यपालिका, विधयिका अपितु न्यायपालिका में कहीं अपना वजूद दिखाई नहीं दे रहा है। हालत इतनी शर्मनाक हो गयी है कि देश के अंदर ही देश की प्रमुख राजनीति पार्टी भाजपा को श्रीनगर के लाल चैक में 26 जनवरी को झण्डारोहण करने

नेताजी का अपमान क्यों कर रही है भाजपा

नेताजी का अपमान क्यों कर रही है भाजपा संघ प्रमुख मोहन भागवत जी व भाजपा अध्यक्ष गड़करी जी अब आप ही बताये कि भाजपा शासित प्रदेश उत्तराखण्ड में आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद बोस का अपमान  करना कौन सी राष्ट्र भक्ति है? आखिर एक तरपफ भाजपा देश के सम्मान के प्रतीक तिरंगा झण्डे को पफहराने के लिए कश्मीर की राजधनी श्रीनगर के आतंक प्रभावित क्षेत्रा में जाने के लिए तिरंगा यात्रा करने में अपनी ताकत लगा कर अपने आप को देशभक्त पार्टी बता रही थी। वहीं 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर हिन्दु ध्र्म की राजधनी समझी जाने वाले पावन हरिद्वार में जिलाध्किारी व कचहरी के सामने वाले चैराहा पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा के अनावरण करने की दो पल की फुर्सत भाजपा शाशित उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्राी रमेश पोखरियाल निशंक को नहीं मिली। मुख्यमंत्राी के आने के पूर्व निर्धरित कार्यक्रम के अंतिम समय पर रद्द करने से न तो नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की आदम कद प्रतिमा का अनावरण ही किया गया। इस कारण आजादी के महानायक की कपटे में लिपटी हुईआदमकद मूर्ति इस देश के हुक्मरानों सहित सभी देश के नागरिकों की गैरत को ध

अटल सरकार ने पाक अध्किृत कश्मीर में क्यों नहीं फहराया तिरंगा

 लाल चैक पर तिरंगा फेहराने का प्रकरण पर अटल सरकार ने पाक अध्किृत कश्मीर में क्यों नहीं फहराया तिरंगा भाजपा ही नहीं केन्द्र व जम्मू कश्मीर सरकार दोषी मेरा स्पष्ट मानना है कि अगर भाजपा गठबंध्न की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने पाक अध्किृत कश्मीर में तिरंगा पफेहराने का काम किया होता तो उसको आज भारतीय भू भाग वाले कश्मीर में तिरंगा पफेहराने के लिए इतना जिद्दोजहद नहीं छेड़ना पड़ता। इसके  लिए देश की जनता से भाजपा को मापफी मांगनी चाहिए। क्योंकि देश की जनता इस मुद्दे पर पहले ही कांग्रेस को गुनाहगार मानती है। जब भाजपा के हाथ में देश की बागडोर थी तो उसने क्यों पाक अध्किृत कश्मीर को हासिल नहीं किया। क्यों धरा 370 को समाप्त नहीं किया। क्यों कश्मीर में अलगाववादी केन्द्र तहस नहस किये। अब सत्ता से बाहर आने के बाद मात्रा अपनी राजनीति चमकाने के लिए तिरंगा श्रीनगर में फेहराने की ऐलान करने से देश को क्या हासिल होगा? यह देश का दुर्भाग्य है कि अपने ही देश में देश के राष्ट्रीय झण्डे को देश में ही पफेहराने के नाम पर जो गंदी राजनीति हुई उससे देश का  जो अपमान देश विदेश में हो रहा है उसका भान न तो श्रीनगर के ला

चीन से खतरनाक है नपुंसक भारतीय हुक्मरान

चीन से खतरनाक है नपुंसक भारतीय हुक्मरान -भारतीय हुक्मरानों की नपुंसकता देख चीन उतरा दादागिरी पर -चीन द्वारा अरुणाचल व कश्मीर में नत्थी वीजा देने की हटध्र्मिता जनवरी माह में भारत सरकार ने पिफर अरूणाचल प्रदेश पर चीन के रूख पर पिफर हो हल्ला मचाना शुरू कर दिया। इस बार मामला चीन द्वारा अरूणाचल प्रदेश के अध्किारी को उसकी चीन यात्रा के लिए ठीक उसी प्रकार का विवादस्थ नत्थी वजी देने का का दुराग्रही व कपटपूर्ण तथा शत्राुतापूर्ण कार्य जारी रखा। ऐसा नहीं है कि यह  यह ध्ृष्ठता चीन ने पहली बार करके भारत की प्रभुसत्ता को अपने नापाक कृत्यों से रौंदने का कुकृत्य किया हो। वह ऐसी ध्ृष्ठता 1962 से निरंतर करता आ रहा है। कभी चीन द्वारा भारत की हजारों वर्ग किमी भू भाग कब्जा कर तो कभी तिब्बत पर काबिज हो कर। कभी भारत को तबाह करने में जुटे अमेरिका के प्यादे पाकिस्तान को संरक्षण व प्रोत्साहित कर भारत में आतंकी गतिविध्यिों को संचालित कर। परन्तु क्या मजाल है कि भारतीय हुक्मरान संसद द्वारा पारित चीन द्वारा हड़पे गये भारतीय भू भाग को वापस मांगने का प्रथम दायित्व को उठा सकने का साहस जुटा पा रहे है। इसी नपुंसकत

भारत की लुटिया डुबो देगा प्रधानमंत्री _अनर्थशास्त्री है मनमोहन

जंतर मंतर      देवसिंह रावत  अर्थशास्त्री नहीं अनर्थशास्त्री है मनमोहन  भारत की लुटिया डुबो देगा प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह सब्जी की दुकान से प्याज की खरीददारी करने के बाद दिन दुगुनी रात चैगुनी महंगाई को देख कर ताई क्रोध से तिलमिलाते हुए बोली....ऐसा घोर अंध्ेर कभी नहीं देखा।.. मैने कहा ताई यह अर्थशास्त्राी का राज है अंध्ेर नहीं। ताई गुर्राई अरे अर्थशास्त्री नहीं अनर्थशास्त्राी कहो। मंहगाई से आम लोगों का जीना हराम हो रखा है यह कैसा अर्थशास्त्राी है जो लोगों का जीना हराम कर रहा है। आखिर उसे ऊपर वाले की मार का डर नहीं है, जो ऐसा अनर्थ होने दे रहा है। मैने कहा ताई ऊपर वाला तो उसके साथ है। ताई बोली अरे कैसी बात करता है ? ऊपरवाला कभी अनर्थ  के साथ नहीं रहता। तू किस ऊपर वाले की बात कर रहा है?  मैने कहा ताई आज ऊपर वाला अमेरिका के शासक  को ही समझते हैं भारत के हुक्मरान। पहले जार्ज बुश था आज कल ओबामा है। यह सुनते ही ताई भिनभिनाई। अरे मेने दुनिया देखी है ऊपर वाला कभी अमेरिका नहीं हो सकता है। उसकी मार से ऐसे कई अमेरिका व उसके शासक पानी भी नहीं मांगते। कहां है अब वह बुश .... उसको डिस्चार्ज किसने

नेताजी का अपमान क्यों कर रही है भाजपा

नेताजी का अपमान क्यों कर रही है भाजपा उत्तराखण्ड के  मुख्यमंत्री का एक और  कानरामा संघ प्रमुख मोहन भागवत जी व भाजपा अध्यक्ष गड़करी जी अब आप ही बताये कि भाजपा शासित प्रदेश उत्तराखण्ड में आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद बोस का अपमान  करना कौन सी राष्ट्र भक्ति है? आखिर एक तरपफ भाजपा देश के सम्मान के प्रतीक तिरंगा झण्डे को पफहराने के लिए कश्मीर की राजधनी श्रीनगर के आतंक प्रभावित क्षेत्रा में जाने के लिए तिरंगा यात्रा करने में अपनी ताकत लगा कर अपने आप को देशभक्त पार्टी बता रही थी। वहीं 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर हिन्दु ध्र्म की राजधनी समझी जाने वाले पावन हरिद्वार में जिलाध्किारी व कचहरी के सामने वाले चैराहा पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा के अनावरण करने की दो पल की फुर्सत भाजपा शाशित उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्राी रमेश पोखरियाल निशंक को नहीं मिली। मुख्यमंत्राी के आने के पूर्व निर्धरित कार्यक्रम के अंतिम समय पर रद्द करने से न तो नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की आदम कद प्रतिमा का अनावरण ही किया गया। इस कारण आजादी के महानायक की कपटे में लिपटी हुईआदमकद मूर्ति इस देश के हुक