-कुम्भ आयोजन में ंनिशंक ने मांगा नोबल पुरस्कार मिलेगी जेल!
-कुम्भ आयोजन में ंनिशंक ने मांगा नोबल पुरस्कार मिलेगी जेल!/
-कोश्यारी के बजाय निशंक को म ुख्यमंत्री बनाने वाले खंडूडी, भाजपा अ ाला नेता व संघ जिम्मेदार इस कलंक के िलए/
मेने र्कइ बार इसी समाचार पत्र में दो टूक शब्दों में लिखा था कि भगवान बदरीनाथ अंधे नही ं ह ै। वो हर दोषी जो देवभूमि उत्तराखण्ड को अपने नापाक कृत्यों से शर्मसार करने का नापाक कृत्य करता है उसे भगवान बदरीनाथ कभी माफ नहीं करते। उसको हर हाल में दण्ड िमलता है । इसका ताजा उदाह रण है कुम्भ घोटाला। आखिरकार भाजपा आला नेतृत्व क े अ ांखों के तारे भाजपा के केन्द्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल िनशंक क े खिलाफ 2010 में हरि द्वार म ें हुए उसी िवश्व िवख्यात कुम्भ आयोजन ंके मामले में भ्रष्टाचार करने के मामले में ंअदालत में 200 करोड़ का भ्रष्टाचार के आरोपी के रूप में मामला द र्ज कर िदया गया, िजस कुम्भ के आयोजन के सफल अ ायोजन क े नाम पर निशंक व उनके प्यादे निशंक कोे नोबेल पुरस्कार देने की बचकाना मांग कर ंजगहंसाईं क े पात्र बने हुए हैं।
देहरादून की अदालत में ं2010 मेें ंआसीन रहे भाजपा के मुख्यमंत्री िनशंक ंके कार्यकाल में सम्पन्न ह ुए इस कुम्भ के आयोजन मेें जिस प्रकार से भारी अनिमियता यें हुए उस पर केग ने भ ी प्रद ेश सरकार को कटघरे में खड़ा िकया था, उसी को आध ार बना कर ंअग्रणी अ िधवक् ता जे डी जै न ने निशंक व वर्तमान पर्यटनमंत्री मदन को िशक सहित 13 लोगों को अ ारोप ी ब नंा कर मामला देहरादून की सीजीएम कोर्ट में दर्ज िकया गया।
इस ंप्रकरण पर मामला द र्ज कराने की याचिका पर जैसे ही प्रदेश क ेलोकपाल ने अपनी स्वीकृति प्रदान की तो ंप्रदेश के भाजपा नेताओं के ही नही ं भाज पा व संघ के आला नेताअ ों के चेह रे से हर्वाइ या उतर गयी। सवाल यह है कि इस मामले में गुनाहगार केवल निशंक उसके 12 साथी हैं जिनका नाम या िचका में है या अ न्य कोई। मेरा तो साफ मानना ह ै कि निशंक क्या है ं उसके बारे में पूरा उत्तराखण्ड का बच्चा जानता है। अदालतें या मीडिया क् या क हती या समझती है परन्तु प्रदेश की जनता जिसने 50 साल से निशंक सहित ंसभी नेताओं का उदय से लेकर पराभव ही यह यात्रा द ेखी तो उसी म ालुम है िक इनका असली चरित्र क्या है। असली दोेषी तो वे हैं जो अपनी संकीर्ण स्वार्थों व कुण्ठाअ ों के खातिर अच्दे लोगों का विरोध करके संवेधानिक पदा ें पर ऐसे भ्रष्ट प्यादों को आसीन करते है। निशंक प्रकरण पर वे लोग िजम्मेदार है जिन्होंने निशंक को मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तक बनाया। आखिर आज प्रदेश केे म ुख्यमंत्री खंडूडी, संघ प्रमुख व भाजपा आला नेतृत्व किस मुंह से उत्तराखण्ड क ी जनता के समक्ष खड े ह ोगे? आज इ स शर्मसार प्रकरण के लिए निशंक से अधिक वे लोग जिम् मेदार ह ै जिन्ह ोंने संघ समर्पि त व िरष्ठ पाक छवि के नेता भगत िसंह कोश्यारी को िवधायकों के पुरजोर समर्थ न के बाबजूद खंडूडी व उनके प्यार े निश ंक को प्रदेश की सत्ता पर आसीन कराया । क्यों केवल जातिवाद व क्षेत्रवाद के कारण अच्छे व्यक्तियों के ब जाय ऐसे बेनकाब रहे मोहरों को संवैधा िनक प द ों पर आसीन किया जायेगा तो उसका परिण ाम ऐसे ही शर्मसार करने वाला होगा। कोश्यारी जि नको जनता व अ िधकांश विधायकों का समर्थन हासिल था उनको जबरन वनवास देकर खंडूडी निशंक को प्रदेश की सत्ता में आसीन करने वाले आज सबसे बडे गुनाह गार हैं।
हालांकि स्ट िर्जंया, जल िवधुत परियोजना आदि घोटालों में निश ंक सरकार पह लेे ह ी घोटाला ें में ंपूरी तरह लिप्त हो गयी थी, का ेर्ट में बेनकाब भी हुए ंकिसी प्रका र से निशंक अपने कौशल से बच निकले परन्तु कहते है दुनिया की अदालत से भले ही पाक साफ बरी ह ो जायें परन्तु उपर वाले की अदालत से बरी नहीं ह ो स कते ह ै ?
गुनाहगार क ेवल निशंक ह ी नहीं अपितु वे ला ेग हैं जो उनके गुनाहों पर पर्दा डाल क र उनको संवेधा िनक पद ों पर अ ासीन करा ते रहे। खंडूडी गुनाहग ार है ं, जिन्होंने जा नते ह ुए भी उनको मुख्यमंत्री ब नाने में अपनी पूरी ताकत लगा कर कोश्यार ी का रास्ता रोका। गुनाहगार आडवाणी व भाजपा अ ध्यक्ष गडकरी है जिन्होंने ऐसे बेनकाब व्यक्ति को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। गुनाहगार संघ है जो म ूक र ह कर ऐसे कृत्य क ो करके भार तीय संस्कृति की उदगम स्थली को रौंदते रह े।
अगर आज निशंक पर केस दर्ज हुआ तो गुनाहगा र केवल वह ही नहीं अपितु वे सभी नेता हैं जिन्होंने को श्यारी क ी राह रोक कर िनशंक, मदन कौशिक जेसे नेताअ ों क ो प्रदे श की छाती में म ूंग दलने की इजाजत दी। इसके बाबजूद क्या सोच कर निशंक को राष्ट्रीय उ पाध्यक्ष बना कर भाजपा के सुशासन के चेहरे क ो पूरी तरह से ब ेनकाब किया गया। क्या जातिवाद व भ्रष्टाचार भाजपा के सुशासन क ा प्र ितक है? अगर आज राज्यपाल निशंक पर मामला द र्ज करने की इजाजत नहीं द ेता तो क्या प्रद ेश भाजपा सरकार से यह अ ाश क ी जा सक ती कि वे निशंक पर कैस करने क ी इ जाजत भी देते? कभ् ाी नही ं जो ंइ तने भ्रष्टाचारों के बाब जूद निशंक को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब नाये उस भाजपा से क्या आशा क ी जा सकती।
निशंक को चाह े अद ालत दोषी माने या न माने, यह बाद का िवषय है परन्तु इस प्रकरण से एक बात साफ हो गयी कि भाजपा क ा भ्रष्टाचार विरोध अपने अ ाप में कांग्रेस की तरह ही दिखावा है अ सल में ंयहां भी भ्रष्टाचा िर यों को संरक्षण व महत्वपूर्ण प दों पर अ ासीन िकया जाता है। परन्तु महाकाल किसी भी अपराधी को माफ नहीं करता। उसने राव, मुलायम, तिवारी, खंडूडी के बाद निशंक को भी मिला दण्ड इ स बात गवाह ह ै।
आओ उत्तराखण्ड बचाओ
खंडूडी, निशंक ंहो या तिवारी
उत्तराखण्डी की जनता इनकी मारी,
जातिवाद व क्षेत्रवाद ये लाये,
भ्रष्टाचार से ये उत्तराखण्ड रूलाये।
इनको दिखाओ बाहर के द्वारे
नहीं तो चोपट कर देंगे देवभूमि प्यारी।
मुजफरनगर के जख्म हमे रूलाते
गैरसैंण के लिए शहीद, हमे पुकारें
उठो जागो मेरे उत्तराखण्डी वीरो
इन सत्तालोलुपुओं से
जन्मभूमि को बचालो।।
-देवसिंह रावत (22.10.2011)
शेष श्री कृष्ण कृपा। ह िर आंेम तत्सत्। श्रीकृष्णाय् नमों।
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