उत्तराखण्ड त्रासदी पर तिहाड़ के केदियों की भी आत्मा जागी पर राहुल गांधी बच्चन, खान बंधु व धोनी मौन क्यों?
सोनिया गांधी द्वारा बलात थोपे गये मुख्यमंत्री की अकुशलता का दण्ड उत्तराखण्ड सहित पूरे देश को भोगना पडा
उत्तराखण्ड में इसी पखवाडे आयी विनाशकारी प्राकृतिक आपदा में मारे गये देश भर के हजारों तीर्थ यात्रियों की दर्दनाक मौत व केदारनाथ, गोरीकुण्ड, अगस्त्यमुनि, उत्तरकाशी, चमोली, पिथोरागढ में हुई भारी त्रासदी से ़तिहाड़ जेल के केदियों को झकझोर कर रख दिया। तिहाड़ जेल के केदियों व कर्मचारियों ने उत्तराखण्ड त्रासदी में 13 लाख रूपये का राहत योगदान देने का निर्णय लिया। परन्तु तिरूपति, शिरड़ी , लालबाग के राजा व सत् सांई जैसे धनकुवैर धर्मार्थ ट्रस्टों के मठाधीशों की आत्मा अभी सोई हुई है। उनको नहीं सुनाई दिया मानवता का यह करूण क्रंदन। देश की जनता हैरान है कि इस छोटी छोटी घटनाओं पर इंटरनेटी दुनिया में घडियाली आंसू बहाने वाले अमिताभ बच्चन, शाहरूख, आमिर व सलमान जैसे सिने अभिनेता कहां गये। क्यों मौन है अभी धोनी, तेंदुलकर जैसे नामी आदि खिलाड़ी। देश हैरान है कि कल तक संडकों पर देश के लिए आंसू बहाने वाले केजरीवाल कहाॅं है? क्या उनको यह भीषण प्राकृतिक आपदा जिससे पूरा देश पीड़ित है दिखाई नहीं दे रहा है। देश आहत है परन्तु कांग्रेस के कार्यकारी आला कमान राहुल गांधी न तो कहीं नजर आ रहे हैं व नहीं उनका कोई बयान तक आ रहा है। भारतीय सेना का जांबाज नौजवान दिन रात अपनी जान पर खेल कर राहत व बचाव काम में जूटे हुए है। देश के अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री व मंत्री उत्तराखण्ड से अपने अपने प्रदेश के लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत अभियान का संचालन कर रहे हैं। परन्तु केन्द्र की मनमोहन सरकार को इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के अपने दायित्व का निर्वाह करने में भी शर्म आ रही है। बाबा रामदेव ही नहीं भाजपा कांग्रेस, सपा और सेना व अर्ध सैनिक बल इस राहत में अपना योगदान दे रहे हैं। परन्तु बोलीवुड व क्रिकेट के बेताज बादशाह न जाने कहां खो गये।
कांग्रेसी आलाकमान द्वारा जनता व कांग्रेसी विधायकों दोनों द्वारा नकारे गये व्यक्ति विजय बहुगुणा को बलात मुख्यमंत्री के रूप में थोपे जाने का खमियाजा आज उत्तराखण्ड व देश को इस आपदा में भी उत्तराखण्ड सरकार की अकुशलता व दिशाहीनता का दण्ड भोगना पड़ रहा है। हालत इतने बदतर है कि अपने मुख्यमंत्री व सरकार के इस आपदा पर भी गैर जिम्मेदाराना व अलोकतांत्रिक व्यवहार के कारण बदरीनाथ के कांग्रेसी विधायक राजेन्द्र भण्डारी को भी सार्वजनिक ढ़ग से लोकशाही का आईना दिखाना पडा। इसी कारण रूद्र प्रयाग में आक्रोशित जनता के आक्रोश का कोप भाजन बन कर मुख्यमंत्री बहुगुणा, आपदा मंत्री यशपाल आर्य व कबीना मंत्री हरक सिंह रावत को हेलीकप्टर से उल्टे पांव वापस जाना पडा। महिलाओं ने मुख्यमंत्री व उनकी सरकार को उनके निकम्मेपन के कारण चूड्डियां भेंट की। आपदा प्रबंधन व राहत पंहुचाने में प्रदेश सरकार का इतना गैरजिम्मेदाराना रवैया रहा कि बदरीनाथ जेसे विश्वविख्यात धाम में इस आपदा में फंसे 20 हजार लोगों में खाद्यान्न की समस्या से जुझना पडा। इससे साफ हो गया कि छोटी छोटी जगहों में फंसे लोगों को कितनी तकलीफ उठानी पडी होगी।इनकी सुध लेने की आश करना भी बहुगुणा सरकार से करना एक प्रकार से नाइंसाफी होगी। मुख्यमंत्री बहुगुणा व उनकी सरकार की संवेदनहीनता इसी बात से जगजाहिर हो गयी कि जिस दिन उत्तराखण्ड इस भयंकर त्रासदी से गुजर रहा था, देश के प्रधानमंत्री व कांग्रेस अध्यक्षा स्वयं दोनों प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण कर रहे थे उसी दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, आपदा प्रबंधन मंत्री यशपाल आर्य, कबीना मंत्री हरक सिंह रावत व इंदिरा हृदेश के अलावा प्रदेश के मुख्य सचिव सुभाष कुमार व वित्त सचिव राकेश शर्मा आपदा क्षेत्रों में राहत व बचाव कामों को दिशा देेने के बजाय दिल्ली में देखे गये। दिल्ली में कई कांग्रेसी आला नेताओं द्वारा उनके दिल्ली में रहने पर डपट लगाने के कारण किसी की भी इतनी हिम्मत नहीं हुई कि दिल्ली में होने के बाबजूद वे कांग्रेस के कार्यकारी आला नेतृत्व राहुल गांधी को उनके जन्म दिन पर बधाई देने के लिए उनके द्वार पर कदम रखने का साहस कर पाये।
कांग्रेस के युवा नेता राजपाल बिष्ट इस बात के लिए काफी चिंतित है कि इस आपदा में उत्तराखण्ड के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में सड़क मार्ग व पुलों के टूटने से इन क्षेत्रों की समस्यायें और विकराल हो गयी है। इन हजारों पीड़ित उत्तराखण्डियों की तरफ न अभी सरकार का ध्यान है व नहीं मीडिया का।
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