-बहुगुणा की ताजपोशी प्रकरण से भाजपा की तरह कांग्रेस का आला नेतृत्व भी हुआ बेनकाब

-बहुगुणा की ताजपोशी प्रकरण से भाजपा की तरह कांग्रेस का आला नेतृत्व  भी हुआ बेनकाब

इस सप्ताह जैसे ही उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के लिए सांसद विजय बहुगुणा के नाम का ऐलान कांग्रेस आला नेतृत्व के नाम पर 10 जनपत के दरवारियों ने किया गया, उससे न केवल उत्तराखण्ड अपितु पूरा देश ही भौचंक्का रहा । मुख्यमंत्री के रूप में बहुगुणा की ताजपोशी ने कांग्रेस आला नेतृत्व की जमीनी पकड़ व विवेक पर पूरी तरह उसी प्रकार से प्रश्न चिन्ह लगा दिया, जिस प्रकार सुशासन व रामराज्य की दुहाई देने वाली भाजपा ने भगतसिंह कोश्यारी जेसे संघ निष्ट साफ छवि के जननेता के बजाय निशंक को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया था। ।  जिस समय पांच राज्यों का चुनाव परिणाम आ रहे थे, उस समय पूरे देश में रामदेव व अण्णा हजारे के भ्रष्टाचार  के खिलाफ व्यापक देशव्यापी माहौल बना हुआ है, वहीं देश की आम जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ कमर कसे हुए है ऐसे में प्रदेश के वरिष्ट सुलझे हुए जनाधार वाले नेताओं का दर किनारे करके विजय बहुगुणा जैसे नेता के हाथों में प्रदेश की कमान सौंपना यह साबित करता है कि कांग्रेसी आला नेतृत्व को न तो प्रदेश की जमीनी राजनीति का जरा सा भी ज्ञान है अपितु उनको अपनी पार्टी की के हितों का भी भान नहीं है।

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