मेरी प्यारी फेसबुक



मेरी प्यारी फेसबुक
कितनी सुन्दर
लगती हो तुम
जब हंसाती हो तुम
जब दिल मिलाती हो तुम
मेरे दिल की धडकनों
की रानी बन गयी
है अब दिलरूबा
फेसबुक अपनी फेसबुक
तुमसे कितनी हसीनाये
जलती है तेरे इस योवन से
तेरे पर मंडराते हे भौंरे
रात और दिन दीवाने बन
फिर भी तुम सबका दिल
रखती हो मुस्कराती हो
अपना बनाती हो
बिछुडों को मिलाती हो
साथ निभाती हो तब तक
जब तक दौलत
खनकते रहे
बरसते रहे तुम पर
-देवसिंह रावत
(24मार्च 2012 प्रात 955 बजे)

Comments

Popular posts from this blog

खच्चर चलाने के लिए मजबूर हैं राज्य आंदोलनकारी रणजीत पंवार

-देवभूमि की पावनता की रक्षा की फिर भगवान बदरीनाथ ने- निशंक के बाद मनंमोहन को भी जाना होगा