अंधेरों में दिल लगाने वालो, उजालों से ना डरा करो

कुंये से बाहर निकल खुले आकाश का तो नजरा लो


तुम्हारी लक्ष्मण रेखाओं से कहीं बढ़ कर है ये दुनिया 


जरा अज्ञानता की केचुली से बाहर निकल कर देखो



-देवसिंह रावत

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