खच्चर चलाने के लिए मजबूर हैं राज्य आंदोलनकारी रणजीत पंवार
खच्चर चलाने के लिए मजबूर हैं राज्य आंदोलनकारी रणजीत पंवार उत्तराखण्ड के हुक्मरानों जरा शर्म करो राज्य गठन जनांदोलन के लिए संसद की चैखट पर सालों तक धरना देने वाले आंदोलनकारियों को भूली उत्तराखण्ड की सरकार व सामाजिक संगठन ‘रावत जी मैं केदारनाथ मार्ग पर यात्रा काल में खच्चर चलाता हॅू’ जैसे ही मेरे राज्य आंदोलनकारी साथी रूद्रप्रयाग जनपद निवासी रणजीत पंवार ने गत सप्ताह दिल्ली के राष्ट्रीय धरना स्थल पर मेरे कुशल क्षेम पूछने पर कहा तो मैं सन्न रह गया। आंदोलनकारियों के कल्याण के बड़े बडे दावे करने वाली उत्तराखण्ड सरकार व उनके कारिंदों को होश कहां हैं कि वे आंदोलनकारियों की सुध ले। राज्य गठन आंदोलन में मात्र छह दिन की जेल जाने वालों को तो प्रदेश सरकार सरकारी सेवाओं में नियुक्ति व पेंशन देने का दावा कर रही है। वहीं अपने जीवन के कई साल राज्य गठन आंदंोलन के लिए संसद की चैखट पर धरना देने वाले प्रमुख आंदोलनकारी सरकारी की उपेक्षा के कारण कोई रणजीत सिंह पंवार की तरह खच्चर चलाने के लिए विवश हैं तो कोई देवेन्द्र चमोली की तरह दिल्ली की फेक्टरियों में धक्के खा रहे हैं तो दूसरी त...
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