-दिल्ली में राजनैतिक प्रतिनिधित्व हासिल करने के लिए संसद में उत्तराखण्डियों ने कसी कमर

-दिल्ली में राजनैतिक प्रतिनिधित्व हासिल करने के लिए संसद में उत्तराखण्डियों ने कसी कमर/
-उत्तराखण्डी समाज की तीन महत्वपूर्ण घटनायें, नरेन्द्र नेगी का भ्रष्टाचार विरोधी गीत, राष्ट्रपति के समक्ष गुंजा निशंक का भ्रष्टाचार, संसद में महत्वपूर्ण बैठक/
आज 2 जून के हितों की रक्षा के लिए तीन महत्वपूर्ण कार्यो का शंखनाद हुआ। एक उत्तराखण्ड के महान गायक नरेन्द्रसिंह नेगी ने तिवारी के कुशासन से मुक्ति दिलाने के लिए बनाये गये अपने ‘नौछमी नारैण्ण’ गीत के बाद अब भ्रष्टाचारियों के शिकंजे में बुरी तरह से जकड़े उत्तराखण्ड की रक्षा के लिए ‘अब कथ्गा जी खेचुलू रे’ को उत्तराखण्ड की जनता के लिए जारी किया। उत्तराखण्ड की जनता को आशा है कि नौछमी नारैण की तरह ही इस गीत का प्रभाव उत्तराखण्ड की जनता में ठीक वेसे ही पड़ेगा जैसे तिवारी के कुशासन को उखाड़ फैंकने में पड़ा था।
वहीं दूसरे महत्वपूर्ण कदम के तहत कांग्रेस पार्टी ने उत्तराखण्ड प्रदेश में आसीन भाजपा की निशंक सरकार को भ्रष्टाचारियों की सरकार बताते हुए राष्ट्रपति को निशंक सरकार के भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा प्रस्तुत किया। कांग्रेस के राज्य प्रभारी चैधरी वीरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में पांचों सांसदों, विधायकों ने राष्ट्रपति के समक्ष निशंक सरकार के कारनामों को प्रस्तुत किया। इस घटना के बाद निशंक के भ्रष्टाचार के खिलाफ मूक सा दिखने वाली कांग्रेस अब आक्रमक नजर आयेगी, इसके बाद लगता है कांग्रेस अब निशंक सरकार को उनके कारनामों को जनता के समक्ष रखते हुए निशंक सरकार को एक पल के लिए चैन की सांस भी नहीं लेने देगी।
इसके अलावा एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में 2 जून को बृहस्पतिवार के दिन दिल्ली में रहने वाले 25 लाख से अधिक उत्तराखण्डी समाज को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस व सरकार में उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए संसद में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। उत्तराखण्ड कांग्रेस के अग्रणी नेता हरिपाल नेतृत्व की अध्यक्षता में आयोजित इस सम्मेलन में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सांसद जय प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि वह उत्तराखण्डी समाज को हर संभव उचित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश करेंगे। सभा में प्रथम वक्ता के रूप में बोलते हुए प्यारा उत्तराखण्ड के सम्पादक देवसिंह रावत ने कहा कि लोकशाही में थोपशाही चलाने वाले या समाज के एक तबके की उपेक्षा करने वाले लोकशाही के दुश्मन होते है। समाज के समग्र विकास के लिए प्रतिभावान व हर समाज को विकास का सम्मुचित अवसर देना चाहिए। संसद में आयोजित इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में उत्तराखण्डी समाज के प्रबुध जनों व कांग्रेस के समर्पित कार्यकत्र्ताओं ने भी भाग लिया। इन तीनों घटनाओं का सीधा सम्बंध उत्तराखण्डी समाज के हितों से जुड़ा हुआ है। गौरतलब है कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में ही नहीं प्रदेश सरकार में दिल्ली के 25 लाख उत्तराखण्डी लोगों की घोर उपेक्षा की जाती है। इसको सुधारने के लिए संसद में आयोजित इस बैठक का दूरगामी प्रभाव देखने को निकट भविष्य में मिलेगा।

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