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Showing posts from 2013
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नक्कारे मुख्यमंत्री बहुगुणा से अधिक गुनाहगार है सोनिया   मुख्यमंत्री बहुगुणा की अकुशलता ने और खौपनाक बना दिया उत्तराखण्ड में आयी राष्ट्रीय त्रासदी को  सोनिया गांधी द्वारा बलात थोपे गये मुख्यमंत्री की अकुशलता का दण्ड भोग रहा है उत्तराखण्ड स हित राष्ट्र उत्तराखण्ड में इस पखवाडे आयी विनाशकारी प्राकृतिक आपदा को प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की अक्षम सरकार ने और भी खौपनाक बना दिया। इस त्रासदी को विकट बनाने वाले मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा व उनकी मृतप्राय सरकार से अधिक अगर कोई गुनाहगार है तो कांग्रेस की आलाकमान जिन्होने विधायक व जनता द्वारा नकारे गये व्यक्ति को प्रदेश को बलात मुख्यमंत्री के रूप में थोपा और बार बार असफल होने के बाबजूद इनको थोपे रखा है। अगर भारतीय जांबाज सैनिक(सेना/वायुसेना/भातिसीसु/आपदा) इस राहत व बचाव में नहीं आते तो प्रदेश सरकार इस देवभूमि में फंसे लोगों का क्या दुर्दशा करती इसकी कल्पना से भी लोगों की रूह भी कांप जाती है। सैनिकों ने ही यहां फंसे 1 लाख 7 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला, सडके व पुल बनाये व आपदा में फंसे लोगों के लिए फरिश्ते साबित हुए। पूरा देश
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मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा 13 वें दिन भी केदारनाथ तक नहीं जा पाये  भगवान शिव ने दिया केदानाथ धाम में जूता पहने के घुसे दर्जा धारी कांग्रेसी मंत्री को चेतावनी  उत्तराखण्उ का एक सचिव हर दिन आ रहा है हेलीकप्टर से दिल्ली विजय बहुगुणा थोपने के लिए माफी मांगे सोनिया  उत्तराखण्ड आपदा में बचाव व राहत के लिए सेना को सलाम, विजय बहुगुणा सरकार को लानत सेना के कमाण्डर फंसे यात्रियों के साथ 12 किमी पैदल चले,  पूरा विश्व केदारनाथ में हुई विनाशकारी त्रासदी से स्तब्ध है। हजारों आदमी मारे जा चूके हैं परन्तु उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा 13 वें दिन (27 जून तक ) भी केदारनाथ धाम की सुध लेने का दायित्व भी नहीं निभा पाये। वह तो भला हो भारतीय सेना का जिसने एक लाख से अधिक पीड़ितों को बचाव व राहत पंहुचायी। एक तरफ भारतीय सेना/वायुसेना/भातिसुब/आपदा प्रबंधन के जाबांज जवानो ने अपनी जान को दाव पर लगा कर उत्तराखण्उ में गत सप्ताह आयी प्राकृतिक आपदा में फंसे सवा लाख से अधिक श्रद्धालुओं को ेबचा कर पूरे देशवासियों का दिल जीत लिया वहीं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री इस प्राकृतिक आपदा में सबसे ज्यादा तब
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हकीकत को कोई नक्कार नहीं सकता अपने भागीरथों व सपूतों पर नाज होता है हर समाज को कई लोगों को इस बात से दुखी हैं कि धोनी व उन्मुक्त आदि प्रदेश में बसे आज की दुनिया के चमकते सितारे खुद को उत्तराखण्डी नहीं अपितु जिस शहर व प्रदेश में वे रहते हैं खुद को उसी का बताते हैं। व्यवहारिक दृष्टि से यह उचित भी है। क्योंकि अगर धोनी जैसे  लोग उस धरती जिसने उनको सामान्य से देश का महानायक बनाने का आसमान दिया व सम्मान दिया को अपना न बता कर अपना मूल का बतायेंगे तो, वहां के लोगों की भावनाये बेहद आहत होगी। इसलिए एक कुशल व सफल व्यक्ति के रूप में धोनी ने यही कहा व किया जो उसको करना चाहिए था। वो अपने को भले ही झारखण्ड का मानता रहा परन्तु अपनी शादी उसने उत्तराखण्डी युवती से ही की। यह है उसका असली पहचान व उत्तर। धोेनी ने कई समय अपनी असली पहचान को उजागर किया भी। हाॅं उत्तराखण्डी आपदा के बारे में धोनी ने संवेदना के वो दो शब्द तक नहीं बोले जो उनके ही कनिष्ठ साथी शेखर धवन ने कहे। उत्तराखण्डियों को आशा थी , उनको कम से कम संवेदना तो प्रकट करनी ही चाहिए थी। परन्तु धोनी बोलने से अधिक करने में विश्वास करता हैे। यह
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सनातनी परंपराओं से खिलवाड़ न करें मुख्यमंत्री विजय बहुगुणाः शंकराचार्य माधवाश्रम शांति यज्ञ नहीं सभी मृतक श्रद्धालुओं का अग्नि संस्कार, पिण्डदान, श्राद्ध व तर्पण होना आवश्यक श्री केदारनाथ मंदिर परिसर के शुद्धिकरण  तक ऊखीमठ में हो सतत् पूजाः शंकराचार्य माधवाश्रम  श्री केदानाथ में शंकराचार्य की कोई समाधि नहीं, झूठ न फेलाये मीड़िया शंकराचार्य माधवाश्रम आश्रम जोशीमठ में 2000 से अधिक श्रद्धालुओं को आश्रय व भोजन देने में जुटा शंकराचार्य माधवाश्रम के शिष्यों ने लुघियाना, मुजफरनगर व दिल्ली से कई ट्रक राहत सामाग्री बांटी जायेगी व चिकित्सा ट्रस्ट कोटेश्वर ने पीडितों के भेजी दवाईयां कोटेश्वर(प्याउ) संसार भर के हिन्दुओं के सर्वोच्च धर्माचार्य शंकराचार्य माधवाश्रम जी महाराज ने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को आगाह किया कि वे इस त्रासदी में मारे गये हजारों श्रद्धालुओं का अग्नि, पिण्ड, तर्पण व श्राद्ध संस्कार कराने के बजाय शांति यज्ञ करा कर सनातन धर्म से खिलवाड़ न करें। शंकराचार्य ने कहा कि अगर अकाल मृत्यु वाले का अंतिम संस्कार सनातनी परंपरा से नहीं किया गया तो वह प्रेत बन कर
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जीर्णोधार की जरूरत नहीं है केदारनाथ धाम की  अपितु इस क्षेत्र  की पावनता बचाने की जरूरत किसी पीड़ित गांव या सडक-पुल आदि को गोद लें मोदी व अन्य सरकारें शांति यज्ञ के साथ प्रायश्चित यज्ञ करके बांध व शराब से बर्बाद करने वाले कृत्यों को रोकने का संकल्प भी ले मुख्यमंत्री बहुगुणा गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी ने प्राकृतिक आपदा का साक्षी रहा केदानाथ धाम के पुनर्निणाम की जो पेशकश की वह भले ही स्वागतयोग्य है। परन्तु केदारनाथ की पावनता देख कर सनातन धर्मी न तो प्रदेश सरकार व नहीं भारत सरकार से  तथा न हीं किसी अन्य सरकारों से इसकी पुनर्निमाण की याचना करता है। इस मूल मंदिर को कोई खतरा नहीं है। केवल मंदिर के अंदर व बाहर सफाई की जरूरत है। इस प्राचीन धाम की जब जरूरत होगी भगवान शिव सनातनी धर्मियों से खुद ही करा सकता है। श्रीबदरीनाथ केदारनाथ समिति इसमें सक्षम है। केदारनाथ में अगर कुछ जरूरत है तो वह मंदिर के चारों तरफ विनाश के कारण बने मलवे की सफाई करके यहां पर किसी प्रकार के व्यवसायिक गतिविधियों को पुन्न प्रारम्भ न करने की। अंधी व्यवसायिकता से मंदिर की पावनता पर ग्रहण लगा दिया था। जिस प्रकार स
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उत्तराखण्ड त्रासदी पर तिहाड़ के केदियों की भी आत्मा जागी पर राहुल गांधी बच्चन, खान बंधु व धोनी मौन क्यों ? सोनिया गांधी द्वारा बलात थोपे गये मुख्यमंत्री की अकुशलता का दण्ड उत्तराखण्ड सहित पूरे देश को भोगना पडा उत्तराखण्ड में इसी पखवाडे आयी  विनाशकारी प्राकृतिक आपदा में मारे गये देश भर के हजारों तीर्थ यात्रियों की दर्दनाक मौत व केदारनाथ, गोरीकुण्ड, अगस्त्यमुनि, उत्तरकाशी, चमोली, पिथोरागढ में हुई भारी त्रासदी से ़तिहाड़ जेल के केदियों को झकझोर कर रख दिया। तिहाड़ जेल के केदियों व कर्मचारियों ने उत्तराखण्ड त्रासदी में 13 लाख रूपये का राहत योगदान देने का निर्णय लिया। परन्तु तिरूपति, शिरड़ी , लालबाग के राजा व सत् सांई जैसे धनकुवैर धर्मार्थ ट्रस्टों के मठाधीशों की आत्मा अभी सोई हुई है। उनको नहीं सुनाई दिया मानवता का यह करूण क्रंदन। देश की जनता हैरान है कि इस छोटी छोटी घटनाओं पर इंटरनेटी दुनिया में घडियाली आंसू बहाने वाले अमिताभ बच्चन, शाहरूख, आमिर व सलमान जैसे सिने अभिनेता कहां गये। क्यों मौन है अभी धोनी, तेंदुलकर जैसे नामी आदि खिलाड़ी। देश हैरान है कि कल तक संडकों पर देश के लिए आंसू
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अगर चोराबरी ताल की तरह कभी टिहरी आदि बांधों में बादल फट गये तो कोन बचायेगा महाविनाश?  चोराबरी ताल (गांधी सरोवर) में बादल फटने के बाद मची केदारनाथ में भारी तबाही  चोराबरी ताल (गांधी सरोवर) में बादल फटने के बाद केदारनाथ धाम में जो प्रलयंकारी तबाही हुई, इससे पूरा देश स्तब्ध है। हजारों लोग पलक झपकते ही इस महाकाल में समा गये। इस विनाशकारी त्रासदी को देखने के बाद मन में प्रश्न उठ रहा है कि अगर इसी प्रकार के बादल कभी टिहरी सहित प्रदेश में बने बांधों में फट गये तो प्रदेश सहित पूरे देश में कितनी विनाशकारी त्रासदी होगी इसकी कल्पना से ही रूह कांप जाती है। सबसे हैरानी की बात है कि जब से गंगा यमुना की उदगम स्थली में पर्यावरणविदों, भूकम्पीय वेताओं व देश के लाखों लोगों के विरोध के बाबजूद प्रदेश की सरकारों ने यहां पर टिहरी जैसे बांधों का निर्माण किया। कुछ सालों से टिहरी, उत्तरकाशी सहित पूरे क्षेत्र में बादल फटने आदि प्राकृतिक आपदाओं की बाढ़ सी आ गयी है। इसके पीछे यहां पर विकास के नाम पर बांधों को निर्माण, सुरंगों व सडकों के निर्माण में भारी बारूद विस्फोटों का इस्तेमाल करना है। हिमालय के इस सब
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श्री केदारनाथ की त्रासदी में पीउि़तों की साहयता के लिए आये श्रद्धालुः शंकराचार्य माधवाश्रम जी महाराज श्री केदारनाथ की स्थिति सुधरने तक ऊखीमठ में हो सतत् पूजाः शंकराचार्य माधवाश्रम  श्री केदानाथ में शंकराचार्य की कोई समाधि नहीं, झूठ न फेलाये मीड़िया हजारों लोगों के मारे जाने व केदारनाथ के रावल यानी मुख्य पूजारी लिंग की कोई जानकारी न मिलने से चिंतित शंकराचार्य  शंकराचार्य माधवाश्रम आश्रम जोशीमठ में 2000 से अधिक श्रद्धालुओं को आश्रय व भोजन देने में जुटा शंकराचार्य माधवाश्रम चिकित्सा ट्रस्ट कोटेश्वर ने पीउितों के भेजी दवाईयां मोक्षभूमि उत्तराखण्उ में आयी प्रलयंकारी त्रासदी पर गहरा दुख प्रकट करते हुए शंकराचार्य माधवाश्रम जी महाराज ने भगवान केदानाथ की सत्त पूजा ऊखीमठ में कराने की जरूरत बतायी। दूरभाष से प्यारा उत्तराखण्ड के सम्पादक देवसिंह रावत से 22 जून को अपने विचार प्रकट करते हुए शंकराचार्य माधवाश्रम जी महाराज ने कहा कि जिस प्रकार से मीउि़या केदारनाथ में आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि बहने के बारे में जानकारी दे कर लोगों को गुमराह कर रहा है, वह निन्दनीय है। शंकराचार्य माधवाश्
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लोकशाही का सबक आस्टेªलिया के प्रधानमंत्रियों से सीखें मनमोहन सहित भारतीय नेता एक तरफ आस्टेªलिया में आयी विनाशकारी बाढ़ आने पर वहां के तत्कालीन प्रधानमंत्री केविन रूड्ड ने भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन व अन्य भारतीय नेताओं की तरह मात्र हवाई स र्वेक्षण रूपि सैर सपाटा करने का काम नहीं किया अपितु आस्टेªलिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री केविन रूड्ड ने राहत कामों में हाथ बटाते हुए एक बाढ़ पीड़ित का भारी बक्सा अपने सर पर रख कर उनको सुरक्षित स्थान पर पंहुचाने का काम किया। यह होता है लोकशाही में जनप्रतिनिधी का दायित्व जो खुद को जनता का सेवक समझे न की भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित तमाम नेताओं की तरह खुद को जनता का सेवक नहीं अपितु जनता को अपना गुलाम समझते है। देखों उत्तराखण्ड के केदारनाथ सहित अनैक स्थानों में इसी सप्ताह आयी विनाशकारी त्रासदी को जमीन पर उतर कर लोगों का दुख दर्द बांटने के बजाय हवाई सर्वेक्षण करके अपने दायित्व का इति समझा। प्रधानमंत्री तो रहे दूर अभी तक केदारनाथ धाम में प्रदेश के आपदा मंत्री व मुख्यमंत्री भी नहीं गये। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को 22 जून को केदारनाथ ज
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राष्ट्रीय आपदा घोषित कर, राहत राशि प्रदेश सरकार को न देकर सेना को ही दी जाय पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री व सरकार के खिलाफ जनता व तीर्थ यात्रियों में भारी आक्रोश मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के किसी भी जनप्रतिनिधी व अधिकारी को विदेश दोरे पर 1 साल का प्रतिबंध लगाया जाय प्रदेश में पर्यावरण संतुलन से खिलवाड करने वाले सभी निर्माणाधीन बांधों को रोका जाय पावन देवभूमि को शराब का गटर बनाने व धारी देवी जैसे तहस नहस करने से रोका जाय देहरादून। (प्याउ)। उत्तराखण्ड में 16-17 जून को आये विनाशकारी त्रासदी में हजारों लोगों के मरने की आशंका व्यक्त की जा रही है। पूरे देश के अधिकांश राज्यों के हजारों लोग यहां फंसे हुए है, पीड़ित है और मारे जा चूके है। इसलिए सरकार को तत्काल इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करके इसका राहत व बचाव का पूरा दायित्व निभा रही सेना को ही केन्द्र सहित पूरे विश्व से मिलने वाली राहत राशि को पूरी तरह से अक्षम साबित हो चूकी उत्तराखण्ड की सरकार को न दे कर सेना को ही दी जाय। क्योंकि प्रदेश सरकार का पूरा तंत्र नाकाम साबित हो चूका है। प्रदेश में बन रही तमाम जल विद्युत परियोजनाओं को जो इस
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विनाषकारी आपदा से तबाह केदारनाथ जाने के बजाय दिल्ली में प्रधानमंत्री से सहायता की गुहार लगाने आये मुख्यमंत्री, आपदा मंत्री व रूद्रप्रयाग के विधायक रूद्रप्रयाग में मुख्यमंत्री बहुगुणा, आर्य व हरक सिंह का हुआ भारी विरोध  प्रदेश के एक मंत्री को लगाई कांग्रेसी प्रभारी ने दिल्ली आने पर डांट  राहुल गांधी को जन्म दिवस की बधाई देने का साहस नहीं कर पाये दिल्ली में पंहुचे नेता मुख्यमंत्री सहित वरिश्ठ नेताओं  के दिल्ली में आने पर लोग हैरान केन्द्र सरकार ने दिये 1000 करोड़ की सहायता दिल्ली में बनाया उत्तराखण्ड निवास में एक अस्थाई नियंत्रण कक्ष, प्र धानमंत्री राहत कोषा से प्रत्येक मृतक को 2 लाख व घायलों को 50 हजार  नई दिल्ली।  उत्तराखण्ड में आयी विनाशकारी तबाही से सबसे प्रभावित स्थान केदारनाथ या उत्तरकाशी में डेरा डाल कर शासन प्रशासन को आपदा राहत पंहुचाने में तेजी लाने का काम तथा इस आपदा से पीड़ितों का ढाढश बढाने के बजाय उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, आपदा प्रबंधन मंत्री यशपाल आर्य व प्रदेश सरकार में कबीना मंत्री रूद्रप्रयाग के विधायक डा हरक सिंह रावत के साथ-साथ प
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आडवाणी ही हैं राजग को बिखराव के सूत्रधार  मनमोहनी कुशासन को प्राणुवायु देगी जदयू नई दिल्ली(प्याउ)। रेल मंत्री जोशी के इस्तीफे के बाद दिल्ली के राजनैतिक दलों में जदयू के केन्द्रीय मंत्रीमण्डल में सम्मलित होने की अटकलें जोरों पर थी । परन्तु 17 जून को मंत्रीमण्डल में विस्तार के बाद इस पर उमड़ रहे बादल छट गये। भले ही जदयू केन्द्रीय मंत्रीमण्डल में भले ही सम्मलित नहीं हुआ हो परन्तु वह बाहर से मनमोहन सरकार के संकटमोचक बनेगे। गौरतलब है कि  मुलायम की सपा की कभी भी केन्द्रीय सरकार से समर्थन वापस की आशंका को दूर करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने जदयू से मिला अघोषित समर्थन किसी प्राणवायु से कम नहीं है। अब साफ है कि जदयू द्वारा भाजपा नेतृतव वाला राजग गठबंधन छोडने के ऐलान के साथ ही मनमोहन सरकार की अस्थिरता का भय भी दूर हो गया। परन्तु नीतीश व कांग्रेस का संभावित गठजोड़ में क्या गुल खिलायेगा?  यह तय है कि नीतीश कुमार की यह तिकड़म भले ही उनको सियासी कुछ फायदा दे दे परन्तु जनता की नजरों में उनकी विश्वसनीयता पर गहरा प्रश्न चिन्ह लग गया है। इसके अलावा एक बात भी चर्चाओं में है कि भले ही नीतीश इस प्
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अमेरिका व रूस की नाक बना सीरिया, तबाह प्यारा उत्तराखण्ड की विशेष रिपोर्ट- अमेरिका व रूस की नाक बनने के कारण आज सीरिया तबाही के कगार पर है। एक तरफ सीरियाई विद्रोहियों को अमेरिका शह दे रहा है वहीं सीरिया के राष्ट्रपति को रूस पहले की तरह मजबूती से साथ दे रहा है। हालत यह है कि रूस व अमेरिका की हथियारों की दुकान जम कर चल रही है। मारे जा रहे हैं तो सीरिया के ही लोग। एक तरफ अमेरिका इराक,लीबिया व अफगानिस्तान की तरह सीरिया में अपना कब्जा जमाना चाहता है। वहीं दूसरी तरफ रूस अपने मित्र देश रहे सीरिया का साथ दे रहा है। इसी कारण  अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके रूसी समकक्ष ब्लादिमीर पुतिन के बीच  उत्तरी आयरलैंड में आयोजित जी-8 शिखर सम्मेलन में भी सामने आये।सीरिया में कई महिनों से सरकार व अंमेरिकी समर्थक विद्रोहियों के बीच जिस प्रकार खुला युद्ध छिडा हुआ है उसमें अब अमेरिका इराक की तरह सीधा हस्तक्षेप करने के लिए उतारू हो रहा है। वहीं सीरिया में हजारों लोग इस युद्ध में मारे गये हैं और सीरिया का पूरा विकास अवरूद्ध ही नहीं तहस नहस हो गया है। 
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-आंध्र प्रदेश में कांग्रेसी जडों में मट्ठा डाला सोनिया व मनमोहन ने -तेलंगाना न बना कर और जगन मोहन को जेल में बंद करके ेहैदराबाद(प्याउ)। वादा करके भी तेलंगाना न बनाना और  जगन मोहन रेड्डी को सत्तामद में प्रताडित करने की कांग्रेस नेतृत्व की आत्मघाति भूल से कांग्रेस की सदैव पक्षध्र रही आंध््रप्रदेश के लोग कांग्रेस बेहद आक्रोशित है। वंशवाद से दशकों तक संचालित हो रही कांग्रेस को जगन रेड्डी से परहेज क्या रहा यह तो सोनिया गांध्ी व उनके सलाहकार ही बता सकते है। परन्तु आम जनता इसे मनमोहन को प्रधनमंत्राी बनाने की तरह ही सोनिया गांध्ी की भयंकर भूल मानती है। पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे जगनमोहन रेड्डी के प्रति सहानुभूति की लहर है वहीं तेलंगाना क्षेत्रा में कांग्रेस का नाम लेवा कोई वजनदार नेता भी आज कांग्रेस के पास नहीं है। आम जनता में कांग्रेस के विश्वासघात पर गहरा आक्रोश है। गौरतलब है कि तेलंगाना बनाने का जो वादा कांग्रेस ने दिया था उस पर मुकर कर कांग्रेस ने अपनी जड्डों में एक प्रकार से मट्ठा ही डाल दिया है। इससे आक्रोशित हो कर तेलंगाना क्षेत्रा के कांग्रेसी विधयक व सांसदों ने
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चिकित्सा संस्थान को भूमि आवंटन प्रकरण  बनेगी निशंक व तिवारी के गले की फांस नैनीताल (प्याउ)। उत्तराखण्ड के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी व मुख्यमंत्री रहे भाजपा नेता रमेश पोखरियाल इन दिनों गैरकानूनी तरीके से सौंग नदी के किनारे की जमीन हिमालय आयुव्रेदिक योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान के लिए बिना कोई स्टांप शुल्क दिए मुफ्त में दिलाने के विवाद में बुरी तरफ से घिर गये है। सुत्रों के अनुसार इस आर्युवेदिक  चिकित्सा संस्थान से निशंक की बेटी भी जुडी हुई है।  एक तरफ उच्च न्यायालय में इस प्रकरण पर एक याचिका पर न्यायालय ने निशंक सहित सम्बंधित पक्षों से जवाब तलब किया है। वहीं अण्णा आंदोलन के अग्रणी वरिष्ठ अधिवक्ता एवं आम आदमी पार्टी से जुड़े प्रशांत भूषण ने प्रदेश के इन दोनों मुख्यमंत्री रहे नेताओं को इस प्रकरण पर सीधा आरोप लगाया है। गौरतलब है कि प्रशान्त भूषण के पिता व देश के पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण के  रमेश पोखरियाल से काफी नजदीकी सम्पर्क है। यही नहीं स्टर्डिया प्रकरण में भी शांतिभूषण निशंक की ढाल बने थे। इससे जानकारों ने अण्णा के भ्रष्टाचार आंदोलन में इन दोनों पि
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मनमोहन जैसे हवाई नेताओं को संगठन व सरकार में मुख्य पदों पर आसीन करने से हुई देश व कांग्रेस की दुर्गति कांग्रेस संगठन व सरकार में लम्बे सम किया जा रहा है नजरांदाजया जा रहा हे नजरांदाज नई दिल्ली, (प्याउ)। भले ही सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव 2014 के लिए नयी कार्यकारणी का गठन कर फिर से सत्तासीन होने के दीवास्वप्न देख रही हो परन्तु देश की जनता मनमोहनी सरकार के कुशासन से इतने त्रस्त हैं कि वह इसको आगामी लोकसभा चुनाव में उखाड फेंकने का मन बना चूकी है। सोनिया गांधी जब तक कांग्रेस सरकार व संगठन में मनमोहन जैसे हवाई नेताओं को वरियता दे कर जमीनी नेताओं को नजरांदाज करती रहेगी तब तक कांग्रेस सत्तासीन नहीं हो पायेगी। सोनिया गांधी के नेतृत्व में चलने वाली मनमोहनी सरकार के कुशासन से त्रस्त नेहरू, इंदिरा ही नहीं नरसिंह राव व राजीव गांधी के कार्यकाल में भी उत्तराखण्ड को हमेशा कांग्रेस में महत्वपूर्ण स्थान केन्द्रीय मंत्रीमण्डल में मिलता रहा। परन्तु जबसे सोनिया गांधी के हाथों में कांग्रेस की कमान आयी तब से उत्तराखण्ड की शर्मनाक उपेक्षा कांग्रेस केन्द्रीय सरकार व संगठ
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भाषा आंदोलन को रौंदने का दण्ड भोग रहे हैं अटल व आडवाणी सत्तासीन हो कर भाषा के लिए अटल आडवाणी ने किये दो कार्य 1-संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी बोल कर, भारत में हिन्दी की जडों को काटने का काम 2-भाषा आंदोलन को कुचलने जैसे जघन्य कार्य नई दिल्ली (प्याउ)। सत्तामद में चूर हो कर भाषा आांदोलन को रौंदने के अभिशाप का दण्ड भोग रहे हैं अटल व लालकृष्ण आडवाणी’ । जैसे ही संसद की चैखट पर चल रहे भारतीय भाषा आंदोलन में भाषा आंदोलन के पुरोधा पुष्पेन्द्र चोहान ने आडवाणी की दयनीय स्थिति पर हो रही चर्चा पर यह दो टूक बात कही तो एक पल के लिए आंदोलनकारी सन्न रह गये। सन्न रहना भी था क्योंकि अटल व लालकृष्ण आडवाणी की ही नहीं भारतीय जनता पार्टी की छवि भारतीय भाषा व संस्कृति के मूल्यों के लिए संघर्ष करने वाले राष्ट्रवादी नेताओं की दशकों से बनी हुई है। श्री चैहान ने कहा कि कांग्रेस सहित अन्य दलों की सरकारों ने तो भारतीय भाषाओं की जडों में मट्ठा तो डालने का काम तो किया ही लेकिन भारतीय भाषाओं व राष्ट्रवाद के पुरोधा बन कर जो दो काम अटल व आडवाणी ने किये उससे आज भी देश स्तब्ध है। राजग गठबंधन में सत्तासीन होते ही
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प्रकृति से खिलवाड़ करने से मचा उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा का तांडव - धारी देवी डुबोने व प्रदेश में सैकड़ों बांध बनाकर प्रकृति से खिलवाड़ करने को उतारू सरकार -केदारनाथ में भारी तबाही  उफान से 60 लोग लापता, प्रदेश में पोने दो सो होटल व मकान बहे - उत्तरकाशी रूद्रप्रयाग, टिहरी, चमोली, पिथोरागढ़ व देहरादून में चारों तरफ मची अति वर्षा से तबाही एक तरफ सरकार विकास के नाम पर लाखों लोगों की आस्था के केन्द्र माॅं धारी देवी की मंदिर को श्रीनगर में अलकनन्दा पर बनने वाले बांध में डूबोने को उतारू है। वहीं प्रकृति उत्तराखण्ड में मानसून से पहले ही अतिवर्षा से भारी तांडव मचा रही है। प्रदेश में पाने दो सो से अधिक मकान ध्वस्थ हो गये। 5 दर्जन से अधिक लोग काल कल्वित हो गये है। 50 हजार लोग जहां तहां फंसे हुए है। केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार तीन दिन बाद 10 होलीकप्टरों से प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामाग्री पंहुचायेंगे।  देवभूमि में इस तांडव को लोग प्रदेश की जनआस्था व प्रकृति  से खिलवाड कर रही प्रदेश सरकार के कुशासन से नाराज प्रकृति का प्रकोप मान रहे हैं। वहीं प्रदेश के बुद्धिजीवी भी
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आखिर कब तक थोपी जायेगी देश में अंग्रेजी की गुलामी  देश को अंग्रेजी की गुलामी से मुक्ति के लिए निर्णायक संघर्ष मे सम्मलित हो राष्ट्रभक्त देश के स्वाभिमान व लोकशाही की रक्षा के लिए देश का पूरा शासन प्रशासन देश की भाषा में राजकाज हो न की अंग ्रेजी भाषा में। देश को भले ही अंग्रेजो ंसे मुक्ति 15 अगस्त 1947 को मिल गयी हो परन्तु हो परन्तु आज 65 साल बाद भी देश के हुक्मरानों ने देश को अंग्रेजी भाषा का गुलाम बना रखा है। देश की लोकशाही को कार्यपालिका, न्यायपालिका व विधायिका में अंग्रेजी की गुलामी थोपे रख कर न केवल आजादी के महान शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों का घोर अपमान किया जा रहा है अपितु देश की आजादी को बंधक बना दिया गया है। उसको देश के अग्रेजी मानसिकता के स्वयंभू गुलाम हुक्मरानों की नालायकी के कारण संसार की प्राचीन, समृद्ध, सर्वश्रेष्ठ व सबसे ज्यादा बोली जाने वाली संस्कृत, हिन्दी, तमिल आदि भाषाओं के बाबजूद उन्हीं अंग्रेजों की भाषा अंग्रेजी की गुलामी शर्मनाक ढ़ग से देश पर थोप कर देश के स्वाभिमान व लोकशाही को रौंदने का राष्ट्रद्रोही कृत्य किया जा रहा है। 1947 से आज तक देश की आजादी
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चंगैजी ठेकेदारी प्रथा से श्रमिकों व कर्मचारियों को लुटवा रही है सरकार   प्रधानमंत्री आवास पर श्रमिकों व कर्मचारियों को शोषण से मुक्त कराने के लिए पीड़ित कर्मचारियों ने बोला धावा  कर्मचारियों व श्रमिकों को लूटने के तीन दोषी सरकार, अधिकारी  व ठेकेदार  नई दिल्ली(प्याउ)। सरकार आज भ्रष्ट ठेकेदारों व उच्चाधिकारियों की मिली भगत से देश में जंगेजी ठेकेदारी प्रथा को निजी क्षेत्र व सरकारी क्षेत्र में बलात थोप कर करोड़ों मजदूर व कर्मचारियों का बंधुआ मजदूरों से बदतर शोषण करा रही है। चंगैजी ठेकेदारी प्रथा के कारण आज हर महिने कर्मचारियों का आधा वेतन ठेकेदार, अधिकारियों व नेताओं डकार रहे हैं। वहीं उससे 12 से 18 घण्टों का काम ले कर श्रमिक हितों का गला घोंटा जा रहा है।  14 जून को सायंकाल बड़ी संख्या से दिल्ली नगर निगम में वर्षो से बंधुआ मजदूरों से बदतर स्थिति में काम कर रहे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने यकायक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास पर धावा बोल कर उनसे न्याय की गुहार लगायी। अचानक दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों की जायज मांगों व सरकारी नगर निगम में हो रहे वर्षो से शोषण से प्रधानमंत्र.ी का