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Showing posts from February, 2013
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डा. श्याम रूद्र पाठक के आंदोलन से मीडिया, सोनिया गांधी, भाजपा व तमाम सामाजिक संगठन बेनकाब देश से अंग्रेजी की गुलामी से मुक्त करने के लिए ‘सर्वौच्च न्यायालय व उच्च न्यायालयों में न्याय भारतीय भाषाओं के दिलाने की मांग को लेकर सोनिया गांधी के दर पर 4 दिसम्बर से निरंतर धरना देेने वाले देश के अग्रणी वैज्ञानिक डा श्याम रूद्र पाठक, गीता मिश्रा व प्रोफेसर पाण्डे को 85 दिन से अधिक हो गये। सबसे शर्मनाक बात यह है कि विगत 80 दिन से डा श्यामरूद्र पाठक को एक प्रकार 4 दिसम्बर से पुलिस हिरासत में रखा गया है। वे 4 दिसम्बर से निरंतर दिन में 10 जनपथ सोनिया गांधी के निवास पर धरना देते है उसके बाद सायंकाल दिल्ली पुलिस उनको गिरफतार करके जेल भेजने के बजाय डा श्यामरूद्र पाठक को तुगलक रोड़ थाने में ही बंद रखा जाता है। अपनी मांगों को लेकर डा श्यामरूद्र पाठक 4 दिसम्बर से निरंतर पुलिस की हिरासत में ही रखा गया है और अभी तक उनको न तो न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। वहीं हर सायं डा श्यामरूद्र पाठक को तो पुलिस थाने में ही बंद रखती है वहीं उनकी सह आंदोलनकारिनी गीता मिश्रा को उनके दिल्ली आवास पर पुलिस हर रोज
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भारतीय संस्कृति के गौरव रामसेतु को तबाह करने व देशद्रोहियों का स्मारक भारत में बनाने से बाज आये सरकार दिल्ली में स्थापित की जा रही है भारत के लाखों शहीदों के हत्यारे व भारत को गुलाम बनाने के गुनाहगार ब्रिट्रेन के हुक्मरानों की मूर्तियों  -गुनाहगार फिरंगी हुक्मरानों की मूर्तियों को फांसी की सजा दो  एक तरफ भारतीय सरकार भारतीय संस्कृति व आस्था के प्रतीक भगवान राम द्वारा बनवाये गये रामसेतु को देश की करोडों जनता के पुरजोर विरोध के बाबजूद तोड़ कर तबाह करने को तुली है वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार बहुत ही शर्मनाक ढ़ग से भारत के लाखों देश भक्तों के कातिल, व देश की सम्पति को लूटने एवं गुलाम बनाने वाले ब्रिट्रेन के गुनाहगार हुक्मरानों को गौरवान्वित करने के लिए भारत की राजधानी दिल्ली के बुराड़ी क्षेत्र में कारोनेशन पार्क बना कर ब्रिट्रेन की महाराजा व महारानी सहित तमाम गुनाहगारों की मूर्तियों को स्थापित करने की धृष्ठता करने जा रही है। गौरतलब है कि आजादी के तत्काल बाद देशभक्तों ने इंडिया गेट से लेकर तमाम महत्वपूर्ण स्थानों में लगी देश के स्वाभिमान को रौंद कर शताब्दियों तक गुलाम बनान
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अपनी जन्मभूमि की भी सुध लें उत्तराखण्डीः इंजी. रतन सिंह गुनसोला नई दिल्ली(प्याउ)। टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष इंजीनियर रतनसिंह गुनसोला ने  दिल्ली सहित देश विदेश में रहने वाले लाखों उत्तराखण्डियों से खुला आवााहन किया कि अपने विकास के साथ साथ उत्तराखण्ड के  विकास के लिए समर्पित हों कर अपनी जन्मभूमि की सेवा करने के अपने दायित्व का निर्वाह करें। इंजीनियर गुनसोला ने यह आवाहन प्यारा उत्तराखण्ड के सम्पादक देवसिंह रावत से 24 फरवरी को दिल्ली में अपने प्रवास के दौरान एक संक्षिप्त भैंटवार्ता में दी। इंजीनियर गुनसोला 24 ने गढ़वाल भवन दिल्ली की नयी कार्यकारणी के चुनाव में भागलेने आये हुए हजारों की संख्या में पंहुचे उत्तराखण्डियों को अपना यह संदेश देने के लिए पंचकुंया रोड़ दिल्ली में भी पंहुचे। इस भैंटवार्ता में इंजीनियर रतनसिंह गुनसोला ने कहा कि भले ही प्रदेश की अब तक की सरकारें प्रदेश की प्रतिभाओं का सम्मान व उपयोग नहीं कर पा रही है , परन्तु प्रदेश के विकास व यहां के हक हकूकों की रक्षा के लिए जागरूक उत्तराखण्डियों को अपने अपने स्तर पर उत्तराखण्ड में अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्र
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हेदराबाद के आतंकी हमले के बाद हुआ गया में नक्सली हमला आतंकी और नक्सली समस्या का स्थायी समाधान करने से क्यों डर रही है सरकार?  देशवासी अभी 21 फरवरी बृहस्पतिवार को हेदराबाद में हुए आतंकी हमले से उबर भी नहीं पाया था कि अगले ही दिन 22 फरवरी शुक्रवार दोपहर बिहार के गया जनपद में नक्सलियों ने  बारूदी सुरंग से पुलिस जीप उड़ा कर उसमें सवार सभी सात पुलिसकर्मियों सहित एक ग्रामीण को मौत के घाट उडा दिया। बिहार के गया में हुए नक्सली हमले के बारे में पुलिस सुत्रों के अनुसार विस्फोट रौशनगंज थाने से लगभग 600 मीटर दूर उचला गांव में 22 फरवरी की दोपहर 12.08 बजे हुआ।  इस विस्फोट में स्थानीय थाने के एएसआई प्रद्युम्न कुमार राय और एसपीओ पवन कुमार सहित 7 पुलिस कर्मियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। ये पुलिसकर्मी आंगनवाडी सेविकाओं के चयन के बाद वापस लोट रहे थे कि उनकी वापसी पर वारूदी सुरंग से विस्फोट करने का जाल नक्सलियों ने पहले से बिछा दिया था। इस हमले के बाद  नक्सलियों ने पुलिसकर्मियों के हथियार भी लूट लिए। इस कायराने हमलों से भले  ही देश के सत्तांध हुक्मरान व राजनेता केवल रस्मी बयान बाजी करने में लग
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एक साल 13 दिन बाद दिल्ली सरकार ने दिया नजफगढ़ की दामनी के परिजनों को 1 लाख रूपये की सहायता  उत्तराखण्ड सरकार कुछ  तो शर्म करो जलविहार की बहादूर गरीब दामिनी की सुध ले नहीं पायी अब तक दिल्ली की मुख्यमंत्री ? गत वर्ष 9 फरवरी 2012 को नजफगढ़ दिल्ली में सामुहिक बलात्कार व हत्या की शिकार हुई उत्तराखण्ड मूल की दामिनी के परिजनों को कई बार गुहार लगाने के बाद दिल्ली सरकार ने आज एक साल 13 दिन बाद दामिनी के माता-पिता को एक लाख रूपये का चैक सौंपा। दिल्ली सचिवालय में इस अवसर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री के एडिशनल सचिव कुलानन्द जोशी के अलावा उत्तराखण्डी समाज से कांग्रेसी नेता दिवान सिंह नयाल, भाजपा नेता डा विनोद बछेती, उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत, उत्तराखण्ड महासभा के अनिल पंत, पत्रकार सतेन्द्र रावत, संगीतकार राजेन्द्र चैहान सहित अनेक प्रतिष्ठित समाजसेवी उपस्थित थे।   लोकशाही के सामान्य शिष्टाचार निभाते हुए प्रदेश की मुख्यमंत्री को या उनके अधिकारियों को 16 दिसम्बर की दामिनी की तर्ज पर ही पीडि़त के परिजनों के घर भी जा कर उनको ढाढश बंटाते हुए सहयोग देना चाहिए था
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सत्तांध हुक्मरानों के कारण भारत भी बन जायेगा पाकिस्तान की तरह आंतंकीस्तान  देश की सत्तांध राजनीति के कारण देश में आतंकी बैखौफ देश को तबाह कर रहे है। राजनेता अपने निहित स्वार्थ के लिए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने को ही अपना कर्तव्य मान रहे है। इसी कारण आतंकी संसद, मुम्बई, दिल्ली, कारगिल ही नहीं कल 21 फरवरी को हेदराबाद में भी बम विस्फोट कर 15 निर्दोष लोगों की हत्या व सवा सौ से अधिक लोगों को घायल कर चूके हैं। आखिर भारत की निर्दोष जनता कब तक इन सत्तांध सरकारों की लापरवाही के कारण इन नापाक आतंकियों के हाथों  बम धमाकों में आये दिन मारे जायेंगे।  मनमोहन सरकार अपने वोट बैंक के खातिर इन आंतंकियों के सफाया करने, घुसपेटिये आतंकियों को बाहर करने व एक ठोस नीति बनाने में पूरी तरह से विफल रही है। उप्र, असम, बंगाल, दिल्ली, आंध्र ही नहीं इन घुसपेटियों ने सीमाान्त प्रदेश उत्तराखण्ड में भी अपने पांव पसार लिये है। देश की सरकारें अगर इसी प्रकार मूक रही तो आने वाले 15 सालों में देश आतंकियों के पूरी तरह से शिकंजे में होगा और ये आतंकी भारत को भी पाकिस्तान की तरह आतंकीस्तान बना देंगे। देश में जिस प
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महिलाओं के लिए बैखौप आजादी व यौन अपराधों पर तत्काल अंकुश लगाने की मांग को लेकर जंतर मंतर पर विशाल धरना -प्रदर्शन 21 फरवरी संसद के बजट सत्र के दौरान महिलाओं के साथ हो रही यौन हिंसा पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर जंतर मंतर पर माले  की छात्र इकाई आइसा के साथ अनैक महिला संगठनों ने मिल कर महिलाओं के लिए ‘बेखौप आजादी’ की हुंकार भरते हुए संसद की चैखट राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर दिल्ली पर विशाल धरना दिया। इसमें फिल्म अभिनेत्री शबाना आजमी से लेकर अनैक प्रतिष्ठित महिलाओं ने भी इसमें भाग लिया। इसमें अरविन्द गौड की नाट्य मण्डल अस्मिता ने भी इस पर अपना नाटय का मंचन किया। सुबह से रात साढ़े सात तक चले इस विशिष्ट धरने में बड़ी संख्या में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय व जामिया विश्ववि़द्यालय के छात्र-छात्राओं के अलावा वामपंथी विचारकों ने भाग लिया। इसमें महिलाओं के लिए पूर्ण आजादी की पुरजोर मांग की गयी। इस धरने में विख्यात में जहां जनवादी नेत्री कविता कृष्णन् ने अपने औजस्वी संबोधन से महिलाओं की पूर्ण आजादी व उन पर हो रहे यौन अत्याचारों पर प्रकाश डाला । वहीं देश की
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अब रामदेव की तरह चुनौती को स्वीकार करना भी सीखें अरविन्द केजरीवाल  केजरीवाल जी, पलायनवादी नेतृत्व को कभी स्वीकार नहीं करता है भारतीय जनमानस  खबरिया चैनलों व मीडिया की अंध व्यवसायिकता कहां ले जायेगी भारतीय लोकशाही को  21 फरवरी को जंतर मंतर पर इंडिया न्यूज चैनल द्वारा आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविन्द केजरीवाल से होने वाली बहस अरविन्द केजरीवाल के न पंहुचने पूरी नहीं हो पायी।  हालांकि इस सीधे प्रसारण में कई  समर्थकों ने दीपक चैरसिया का प्रखर विरोध किया। इस खुली बहस की चुनौती  अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास व संजय सिंह से हुई इंडिया न्यूज के दीपक चैरसिया से हुई अलग अलग तीखी बहस के बाद चुनौती के रूप में निश्चित किया गया था। अरविन्द केजरीवाल के न आने से यह कार्यक्रम चला पर इसके लिए उत्सुक लोगों को निराशा ही हाथ लगी। गौरतलब है कि इंडिया न्यूज टीबी चैनल पर विगत कई दिनों से अन्ना को मोहरा बना कर व्यवस्था से आक्रोशित जनभावनाओं की आड में अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा के लिए दुरप्रयोग किया। आम लोगों को विश्वास था का अरविन्द केजरीवाल इस सीधी बहस की चुनौती को स्वीकार क
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बसंत मिले या पतझड जिन्दगी की राह में बसंत मिले या पतझड जिन्दगी की राह में नादान बन कर फिर दिल न लगाना कभी।। चाहे स्वागत करो या विलाप करो तुम दुनिया से एक दिनसबको जाना होगा। बसंत को भी पतझड की तरह जग से यहां आकर जाना है सबको मेरे साथी।। सब अपने ही समय में यहां आते जाते फिर क्यों किसी का यहां दिल दुखाते।। सृष्टि के इस सुन्दर उपवन में देखों फूल खिले है रंग विरंगे जड़ चेतन के । जीवन के इस अनन्त सफर में देखो जग बगिया में हम ही हैं फूल व कांटे। हम सबके भी हैं अपने शूल और फूल खिलता वही जिसको खिलाता है माली। नहीं तो कांटों की सेज सुलाता है माली जीवन में भी बसंत-पतझड दिखाता माली। किसे ताज तो किसे रात दिखाता माली जिंदगी के इस सफर में सबको साथी। इन हसीन व खौपनाक राहों में भी जीकर दुनिया को छोड घर अपने जाना ही होगा। न रखो राग द्वेष किसी से भी यहां साथी हम सब हैं इस जीवन पथ के राही साथी।। जिन्दगी हे अमानत इस बाग के माली की  इसलिए मिल जुल कर जीना सीख लो।। बसंत मिले या पतझड जिन्दगी की राह में नादान बन कर फिर दिल न लगाना कभी।। -देवसिंह रावत  (रविवार 17 फरवरी दोपहर सवा एक बजे)  
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नन्दादेवी राजजात यात्रा के 19 नहीं 25 पढ़ाव होंगे  29 अगस्त से 16 सितम्बर 2013 को होगी विश्वविख्यात श्रीनन्दादेवी राजजात यात्रा नन्दादेवी राजजात समिति द्वारा घाट क्षेत्र की उपेक्षा से आक्रोशित घाट के ग्रामीणों ने विधायक डा जीत राम का घेर ाव घाट (प्याउ)। एक तरफ पूरा विश्व के करोडों श्रद्धालु 29 अगस्त 2013 से प्रारम्भ हो रहे श्री नन्दादेवी राजजात यात्रा का बेसब्री से इंतजारी कर रहे है। वहीं नन्दादेवी राजजात समिति द्वारा घोषित 29 अगस्त से 16 सितम्बर तक के 280 किमी लम्बी इस राजजात यात्रा के पडावों पर विवाद हो गया है। श्री नंदादेवी राजजात समिति द्वारा राजजात यात्रा में घोषित 19 पडावों में विकासखण्ड घाट के महत्वपूर्ण पडावों की उपेक्षा करने से आक्रोशित घाट विकासखंड के आंदोलित लोगों द्वारा अपना घेराव करने पर इस क्षेत्र के विधायक डा जीतराम ने जनता को बताया कि श्री नन्दादेवी राजजात यात्रा के पडावों में घाट विकासखण्ड की उपेक्षा किसी भी सूरत में नहीं की जायेगी और उनके ही दवाब में नन्दा देवी राजजात समिति द्वारा पूर्व में घोषित इस विश्व विख्यात यात्रा के 19 पडावों को बढ़ा कर अब 25 पड़ाव क
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सूर्य नमस्कार का विरोध नहीं यह भारतीय संस्कृति को रोंदेने का खतरनाक षडयंत्र है देश भर में आज 2 करोड़ से  अधिक विद्यार्थी सूर्य नमस्कार करके विश्व में एक कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैे। कुछ तथाकथित लोग इसका विरोध कर रहे हैं। इनका विरोध केवल यह है कि यह भारतीय संस्कृति का अंग है जिसमें मातृ देव भव, पितृ देव भव, अपने से बडों बुजुर्गो को नमन् करना और इस सृष्टि के मूलाधार सूर्य, वायु, जल, पृथ्वी, गाय सहित सम्पूर्ण जड़ चेतन को परमात्मा का स्वरूप मान कर उनको नमन् करना और सम्मान करना सिखाया जाता है। सूर्य नमस्कार का विरोध करने वालों की मानसिकता तब कहां गयी जब वे स्कूल कालेजों में टाई व स्कर्ट पहनने व न्यायालयों में काला कोट गर्मी में भी पहनने में मूक रहते हे। क्या भारतीय संस्कृति का अनादर करना ही लोकतंत्र व सच्चा धर्मनिरपेक्ष है तो ऐसा धर्म निरपेक्षता को हजार बार हम लानत देते है। इसकी अब इस देश में कोई जरूरत नहीं हे। हमने विश्व की सबसे वैज्ञानिक भाषा संस्कृत को इन्हीं अंधों के विरोध के कारण जमीदोज कर दिया और हमने भारतीय प्राचीन सनातनी ज्ञान विज्ञान को पौंगा पंथी मान कर दफन कर दिया। आज पूरा
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दामिनी प्रकरण के दो महिने पूरे होने पर आंदोलनकारियों ने किया  जंतर मंतर से इंडिया गेट तक  विरोध मार्च 16 दिसम्बर को दिल्ली में चलती बस में पेरामेडिकल की छात्रा दामिनी के साथ हुए सामुहिक बलात्कार की पूरे विश्व में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना के दो माह होने पर 16 फरवरी को 16 दिसम्बर क्रांति के आंदोलनकारियों ने पुलिस व वर्षा को धत्ता बताते हुए जंतर मंतर से इंडिया गेट तक विरोध मार्च निकाला और अमर जवान ज्योति पर दामिनी को श्रद्धांजलि देते हुए इस प्रकरण के सभी 6 गुनाहगारों को फांसी की सजा देने की मांग की। ‘16 दिसम्बर क्रांति ’संगठन में  आम आदमी, छात्र-छात्रायें, बुजुर्ग, महिलायें व नौजवान जुडे हैं। जो देश में महिलाओं पर हो रहे निरंतर यौन अत्याचार के खिलाफ व्यापक जन जागरण करने व कडे कानून बनाने के लिए जंतर मंतर पर 24 दिसम्बर से डटे हुए है। हालांकि इन आंदोलनकारियों का मनोबल तोडने व इनको बदनाम करने के लिए किये जा रहे तमाम घिनौने हथकण्डे भी इनके समर्पण को कमजोर नहीं कर पा रहे है। गौरतलब है कि 16 दिसम्बर क्रांति के बेनरतले दिल्ली मे दामिनी से हुए ंसामुहिक बलात्कार प्रकरण के दोषियों
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16 मई को खुलेंगे भगवान श्री बदरीनाथ के कपाट  नरेन्द्र नगर (प्याउ)। विश्व के सबसे प्राचीन हिन्दु धर्म के सर्वोच्च पावन धाम भगवान बदरीनाथ के पावन दर्शन अरबों सनातन धर्मी श्रद्धालु 16 मई से कर पायेंगे। 2013 में भगवान श्री बदरीनाथ धाम के कपाट  16 मई को प्रातः 4 बजे खुलेंगे। यह घोषणा बसंत पंचमी के पावन पर्व पर े टिहरी राजवंश के  महल में महाराजा मनुजेंद्र शाह के प्रतिनिधिी की उपस्थिति में की गयी। इस अवसर पर बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल सहित तमाम प्रमुख पदाधिकारी भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 2012 में भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खुले थे। श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की रस्म के रूप में तेल कलश यात्रा जो  गाडूघड़ी नाम से जानी जाती है की तिथि 30 अप्रैल तय की गई है। गौरतलब है कि गढ़वाल के पूर्व नरेश  की ओर से पारम्परिक रूप से तेल कलश बदरीनाथ धाम के लिए भेजा जाता है। पिछले साल प्राकृतिक आपदाओं व अतिवृष्टि से इस पावन यात्रा में अत्यधिक व्यवधान आया था। यही नहीं इस दौरान अनैक तीर्थ यात्रियों की अकाल मृत्यु से इस यात्रा घिरी रही। दिव्य हिमालय में स्थित भगव
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आन,मान व शान व हक हकूकों को रौंदने वाले भैडियों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार व समाज दोनों को भी आगे आना होगा  फेसबुक में पूर्व में भी बेटियों को शादी का झांसा दे कर शोषण होने वाली खबर प्रकाशित हुई थी तो तहलका के इसी लेख पर पहले भी मैने टिप ्पणी की थी। मेरा मानना है कि इसके लिए समाज से अधिक यहां की व्यवस्था जिम्मेदार है। जो इस प्रकार के तत्वों पर अंकुश लगाने में असफल रही है। न तो यहां की राजनेताओं व नहीं नौकरशाहों को प्रदेश की आन मान शान व हक हकूकों के प्रति जरा सा भी भान है। पूरी व्यवस्था चंगैजीवृति में प्रदेश के वर्तमान संसाधनों को लुटने व लुटवाने में लगी है। इसके लिए महिला मंगलदल, युवाओं व पत्रकारों को आगे आना होगा। दुर्भाग्य यह है चंद लोगों को छोड़ कर यहां अपनी संकीर्ण मनोवृति में आकंठ धृतराष्ट बन कर प्रदेश को पतन के गर्त में धकेलने के लिए उतारू हैं। उत्तराखण्ड का नाम रौंदने की धृष्ठता की गयी थी उसको तो प्रदेश के जांबाज लोगों ने छह साल बाद हासिल कर लिया। प्रदेश के स्वााभिमान को मुजफरनगर काण्ड में रौंदा गया, उसके गुनाहगारों को सजा देने के बजाय, प्रदेश के लिए इससे शर्मनाक और दूस
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भारतीय लोकगायकी का ध्रुवतारा -लोकगायक से जननायक बने नरेन्द्रसिंह नेगी  भले ही देश में हिन्दी सहित तमाम भारतीय भाषाओं में गीत लिखने वाले व गाने वाले गायकों की संख्या असंख्य है। परन्तु जो मुकाम उत्तराखण्ड के शीर्ष लोकगायक नरेन्द्रसिंह नेगी ने अपने प्रदेश में युगान्तकारी व क्रांतिकारी गीतों को गा कर जननायक बन कर हासिल किया वह वर्तमान में हिन्दी के बाॅलीवुड के गायकों को भी हासिल नहीं है। अपने ही रचित गीतों को स्वर देकर न केवल नरेन्द्रसिंह नेगी देश की रक्षा में लगे लाखों जांबाज वीर सैनिकों के दिलों की धडकन है अपितु वे उत्तराखण्ड में यहां की जनविरोधी सरकारों द्वारा समुचित विकास न किये जाने के कारण पीढी दर पीढ़ी देश प्रदेश में वनवासी जीवन जीने के लिए अभिशापित लाखों उत्तराखण्डियों व अकेल ही उत्तराखण्ड में घर परिवार की जिंम्मेदारी ढोने के लिए मजबूर महिलाओं के सुख दुख के सहारा भी बने है।  आज देश का प्रबुद्ध लोग व राजनीतिज्ञ भी यह जानते हैं कि उत्तराखण्ड में एक ऐसा महान लोकगायक है नरेन्द्रसिंह नेगी जिन्होंनेे देश के सबसेे बडे दिग्गज राजनेता व कांग्रेसी मुख्यमंत्री नारायणदत्त तिवारी को ही न
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वेलेन्टाइन डे के नाम पर व्यापार हो गया है प्रेम, वेलेन्टाइन डे के नाम पर व्यापार हो गया है प्रेम, इस व्यापार से बढा हिंसा छेड़छाड  बलात्कार ।। जग मदिरा का गटर बन कर सजा देह बाजार नारी जग में बन गयी आज क्यों इतनी लाचार।। हिंसा व दुराचार से हो गयी सारी दुनिया त्रस्त अपराधियों का संरक्षक क्यो बन गया है तन्त्र ? दानवों के इस व्यापार से कराह रहा यह संसार अश्लीलता के इस व्यापार को बढ़ा रही सरकार।। दुराचार की इस आंधी में बदनाम हो गया है प्रेम शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार से वंचित जग है त्रस्त।। सत्तांध दुशासन चंगेज यहां हैं वेलेन्टाइन में मस्त पावन पवित्र प्रेम का गलघोंट दिया है क्यों सर्वत्र? वेलेन्टाइन डे को फिर क्यों बढावा दे रही सरकार इससे फैल रहा है हिंसा, व्यभिचार का ही व्यापार।। यौन शिक्षा के नाम से दुषित होगे अबोद्य नौनिहाल नैतिकता का गला घोंट रही मूर्ख बेलेन्टाइनी सरकार।। अराजकता के गर्त में देश को धकेल रही हैं सरकार बेलन्टाइनी व्यापार से क्यों नरक बना रही  संसार।। -देवसिंह रावत (14 फरवरी2013  वेलेन्टाइन -प्रातः 10.05 बजे श्रीकृष्ण चरणों में सादर समर्पित )
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राजधानी बनाओ गैरसैंण  माफिया, नेता और नौकरशाह यूं बनियांच काल आज उत्तराखण्डियों की एक ही मांग आज राजधानी गैरसैंण उत्तराखण्ड का जू च विरोधी, तों कू क्यूं च दून प्यारी, गैरसैंण मां बसियां च उत्तराखण्डी वीर शहीदों का प्राण तख नी च कखी भू माफिया, खाली कलंक न लगावा देहरादून माॅं कख रन देवता भेजी जरा ये भी बतावा एक बात सभी आज कान लगावा गैरसैंण ना गैर बतावा गैरसैंण च उत्तराखण्ड की आन मान शान -पहचान  दीदा गैरसैंण को न गैर बतावा, शहीदों की भूमि यो च उत्तराखण्ड की प्राण यो च, गैरसैण राजधानी गैरसैण  लखनऊ से जब छोडी मोह क्यों थोपी अब देहरादून  आओ मिलके गीत गावा, राजधानी हमारी च गैरसैंण  -देवसिंह रावत  (11 फरवरी की रात 9.24 बजे)
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ऊखीमठ त्रासदी के पाच माह  बाद भी प्रदेश सरकार की लापरवाही से आक्रोशित  भू वैज्ञानिक बलबीर धर्मवान करेंगे  14 फरवरी को ऊखीमठ में  भूख हडताल  13 सितम्बर 2012 को हुई त्रासदी में 60 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी  उत्तराखण्ड के रूद्रप्रयाग जनपद के ऊखीमठ क्षेत्र में 13 सितम्बर को बादल फटने के बाद भूस्खलन के कारण हुई भारी त्रासदी से निपटने में दुर्घटना के समय घडियाली आंसू बहाते हुए प्रभावित क्षेत्र को इस प्रकार की प्राकृतिक आपदा के निदान के लिए ठोस कदम उठाने वाला प्रदेश का शासन प्रशासन इस त्रासदी के 5 माह बीत जाने के बाद अब कुम्भकर्णी नींद सो गया है। इस क्षेत्र के अनैक गांवों के  लोगों के जीवन पर मंडरा रहे खतरे को नजरांदाज कर प्रशासन न तो अपनी की गयी घोषणा के अनुसार इस भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र का सही ढंग से वैज्ञानिक (भू वैज्ञानिक, सीविल इंजीनियर, मौसम वैज्ञानिक)सर्वेक्षण करा रहा है। इस से आहत हो कर व क्षेत्र की जनता पर मंडरा रहे प्राकृतिक आपदा के खतरे से बचाने के लिए इसी संवेदनशील क्षेत्र के मंगोली गांव के मूल निवासी विख्यात भू वैज्ञानिक बलबीरसिंह धर्मवान 14 फरवरी से
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उप्र सरकार व रेलवे की लापरवाही से हुआ कुम्भ में रेलवे स्टेशन हादसा रेल मंत्री व उप्र के कुम्भ प्रबंध मंत्री दें तत्काल इस्तीफा रेलवे स्टेशन पर हुई दुर्घटना में 36 मरे 50 से अधिक घायल इलाहाबाद(प्याउ)। इलाहाबाद पावन कुम्भ के दूसरे बडे शाही स्नान मौनी आमावस्या के दिन स्नान करने के बाद रेलवे व प्रशासन की लापरवाही से रेलवे स्टेशन की 5 व 6 नम्बर प्लेटफार्म पर हुई दुर्घटना में 16 महिलाओं सहित 36 श्रद्धालु मारे  गये व 31 घायल हो गये। हालांकि प्रशासन प्रत्यक्ष दर्शी के दावे को गलत बता रहा है कि यह दुर्घटना पुलिस द्वारा लाठी चार्ज करने के कारण अपने घरों को लोट रहे श्रद्धालुओं  में मची भगदड़ के कारण मची । उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी इस दुर्घटना का टिकरा रेलवे के सर फोड़ रही है। कुल मिला कर इस दुर्घटना में प्रशासन व रेलवे दोनों की लापरवाही का खमियाजा आम जनता को अपनी जान से चूकाना पडा। इस प्रकरण से साफ हो गया कि न तो प्रशासन व नहीं रेलवे दोनों ने कुभ मेले में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ के लिए किये गये तमाम प्रबंधों की पोल खोल दी है। उप्र सरकार व रेलवे के कुम्भ के लि
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गायकी के 40 वर्ष पूरे होने पर महान लोक गायक नरेन्द्रसिंह नेगी का दिल्ली में भव्य सम्मान  उत्तराखण्डी जनता से जो लोकसम्मान मिला उसके आगे तमाम सरकारी सम्मान गौणः नेगी  उत्तराखण्ड के सबसे बडे जन नायक बन कर उभरे है नरेन्द्रसिंह नेगी: डा गोविन्द सिंह  नई दिल्ली(प्याउ)।‘ उत्तराखण्ड की महान जनता ने उनके गीतों को दिल में बसाते हुए उनको जो सम्मान दिया है, उस अपार सम्मान व स्नेह को पाने के बाद उनके मन में किसी प्रकार की सरकारी सम्मान पाने की एक रत्ती भी ललक नहीं है।  जो सम्मान उत्तराखण्ड की जनता से उत्तराखण्ड सहित देश विदेश में उन्हें मिला है उसके आगे कोई भी सरकारी सम्मान गौण है।’ यह दो टूक विचार उत्तराखण्ड गौरव से सम्मानित महान लोक गायक नरेन्द्रसिंह नेगी ने उनकी  गायकी के 40 वर्ष पूरे होने पर देश की राजधानी दिल्ली में संसद भवन के समीप विख्यात कन्स्टीट्यूशन हाल में 10 फरवरी को आयोजित भव्य सम्मान समारोह में सम्मानित करने पर कही। इस कार्यक्रम का आयोजन अग्रणी समाजसेवी व उद्यमी डा विनोद बछेती ने दिल्ली पेरामेडिकल संस्थान के सहयोग से उत्तराखण्ड लोक भाषा  साहित्य मंच, दिल्ली द्वारा किया।
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नजफगढ़ की दामिनी की पहली बरसी पर जंतर मंतर पर आक्रोशित आहत उत्तराखण्डियों ने दी श्रद्धांजलि उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन के बाद पहली बार सम्मलित हुए तमाम अग्रणी लोग नई दिल्ली(प्याउ)। 9 फरवरी 2012 को दिल्ली के नजफगढ़ से बलात्कारियों की शिकार बनी दामिनी को एक बरस बीत जाने पर उत्तराखण्ड समाज ने संसद की चैखट राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस श्रद्धांजलि सभा में पंहुचे समाज के लोग इस बात से बेहद आहत थे कि इस घटना को एक साल होने के बाबजूद अभी तक न तो न्याय ही मिला व नहीं पीडि़ता के परिजनों को केन्द्र, दिल्ली या उत्तराखण्ड कहीं की भी सरकार ने सहायता देनी तो रही दूर उनकी सुध तक नहीं ली। उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन के बाद पहली बार इतनी बडी संख्या में अधिकांश अग्रणी समाजसेवी, राजनेता, पत्रकार, उ़द्यमी , महिलायें सहित बडी संख्या में उत्तराखण्डियों ने भाग लिया। इस श्रद्धांजलि सभा में उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भगतसिंह कोश्यारी, उत्तराखण्ड से राज्यसभा सांसद तरूण विजय, प्रोग्रेसिव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मंमगांई, उत्