केन्द्र से कांग्रेस, उत्तराखण्ड से निशंक व उ.प्र से माया सरकार का होगा सफाया

केन्द्र से कांग्रेस, उत्तराखण्ड से निशंक व उ.प्र से माया सरकार का होगा सफाया/
जनविरोधी भाजपा-कांग्रेस व बसपा पर महाकाल की काली छाया/
जा को प्रभु दारूण-दुख देऊं, ताकी मति पहले हर लेहूॅ

त्रिकालदर्शी महाकवि तुलसीदास की उपरोक्त पंक्तियां जनता से पूरी तरह से कट गये भाजपा व कांग्रेस के पदलोलुप नेताओं पर शतः प्रतिशत सटीक बैठती है। काल के पदचाप से जो संदेश साफ सुनाई दे रहा है कि आगामी चुनावों में जहां भारत की महान जनता मनमोहन सिंह की सरकार को हटा कर कांग्रेस के सत्तांधों को करारा सबक सिखायेगी। वहीं विश्व संस्कृति की पावन गंगोत्री उत्तराखण्ड प्रदेश में आसीन भाजपा की भ्रष्टतम निशंक सरकार को 2012 में होने वाले विधानसभा चुनाव में हटा कर दिल्ली में भ्रष्टाचारी कुशासक को शर्मनाक संरक्षण दे रहे आसीन संघ भाजपा के धृतराष्टों को सबक सिखायेगी। इसके साथ ही दलित, गरीब, उपेक्षित समाज के हितों की दुहाई देकर सत्तांध बनी बसपा सरकार की मुखिया की दमनकारी व तानाशाही को भी प्रदेश की जनता विधानसभा चुनाव में पदच्युत करेगी। जिस प्रकार से बसपा नेत्री जनहितों को अमानवीय पुलिसिया दमन से रौंद रही है, उसको देख कर महाकाल कभी उसे मनमोहन सिंह व निशंक की तरह ही माफ नहीं करेगा।
कांग्रेस पर महाकाल की वक्रदृष्टि का स्पष्ट संकेत यह देख कर सहज ही महसूस किया जा सकता है कि देश को अपने कुशासन से भ्रष्टाचार, मंहगाई व आतंक पर जरा सी भी ईमानदारी से अंकुश लगाने के प्रथम दायित्व का निर्वाहन न करने से देश की आम जनता का जीना दुश्वार कर ने वाली सप्रंग सरकार का प्रमुख दल कांग्रेस ने अपने पतन का ठीकरा देश व कांग्रेस की महान जननेत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के सर फोडने का आत्मघाति कार्य किया। मेरे इस लेख को लिखे दो दिन भी नहीं हुए थे कि महाकाल ने कांग्रेस के सत्तांधों की ऐसी मति हर ली कि उन्होंने दिल्ली के रामलीला मैदान में भ्रष्टाचारियों द्वारा विदेशों में बैंकों में जमा की गयी अकूत धन को भारत में लाने की मांग को लेकर आंदोलनरत विश्व विख्यात योग गुरू बाबा रामदेव व उनके हजारों अनुयायियों पर 4 जून की रात 2 बजे (5 जून)को मनमोहन सिंह सरकार की अत्याचारी पुलिस ने आंसूगैस के गोलों व लाठियों के प्रहार कर उस समय हमला किया जब वे गहरी नींद में सोये हुए थे। इस शांतिपूर्ण देश हित के जनांदोलन में सम्मलित सोते हुए अनशनकारी बुजुर्ग, साधु-संतों, महिलाओं व बच्चों पर पुलिस ने अमानवीय दमनकारी कार्यवाही किया उसने मनमोहन सिंह के कुशासन से पतन के गर्त में डुब रही कांग्रेसी सरकार के लिए ताबूत की कील ही साबित हो रही है। ऐसा िनकृष्ठ दमन दुनिया के इतिहास में किसी भी चंगैज, औरंजेब, बाबर व फिरंगी अत्याचारी तानाशाहों ने भी नहीं किया। मनमोहन सिंह सरकार की इस कुकृत्यों से विश्व जनमत के आगे विश्व की सबसे बड़ी लोकशाही व प्राचीन संस्कृति के ध्वजवाहक भारत का सर शर्म से झुका दिया। भले ही कांग्रेसी रणनीतिकारों ने बाबा रामदेव से मिल कर गोल मोल समझोता कर ही दिया था। इसका ऐलान भी रामदेव के मंच व सरकार के मंत्री कपिल सिब्बल दोनों ने प्रेस वार्ता में कर ही दिया था। परन्तु महाकाल को इनदोनों की चालाकी मंजूर नहीं थी। होनी को निश्चित करने के लिए दोनों की मति पर ऐसा पर्दा एक चिटिठी ने ऐसो गुल खिलाया की सब उलटा पुलटा हो गया। ऐसे ही मतिभ्रम के आगोश में कांग्रेसी सत्तांधों ने लाठी चार्ज करा कर एक प्रकार से अपने ताबुत पर खुद ही कील ठोक दी। बाबा रामदेव को भी महाकाल के पदचाप को समझना चाहिए, उनको निशंक सरकार के भ्रष्टाचारों व कांग्रेसी नेता तिवारी के कृत्यों को जानकर भी अपने हमदर्द बनने के नाटक को समझना चाहिए। दोनों के साथ खडे हो कर बाबा रामदेव ने अपनी कमजोरी ही जाहिर की। बाबा को समझना चाहिए कि सत्य का साथ छोड़ने पर आदमी की स्थिति कैसी असहाय सी हो जाती है यह बाबा ने स्वयं पुलिसिया दमन के बाद बाबा को खुद ही समझ में आ गया होगा। जो महाकाल किसी को महाकाय भी बना सकता है वह पल में जमीदोज भी कर सकता है। आदमी केवल महाकाल के हाथों का एक खिलोना मात्र है।
जिस प्रकार से कांग्रेस के नेताओं ने मनमोहन सिंह जैसे आत्मघाति राजनेता को प्रधानमंत्री के पद पर बनाये रखा है वह देश व कांग्रेस के लिए ही घातक साबित हो रहा है। मनमोहन सिंह की सरकार भारतीय हितों के बजाय अमेरिका के हितों को भारत में मजबूत करती रही। वहीं मन मोहन की तरह ही कांग्रेस पार्टी ने सरकार में आस्कर फर्नाडिस जैसे जन नेताओं की बजाय जनार्जन द्विवेदी, अहमद पटेल व आनन्द शर्मा जैसे लोगों को आगे कर रखा है। इस कारण आज कांग्रेस जनता से ही नहीं अपने कार्यकत्र्ताओं से भी दूर हो गयी है। मनमोहन सरकार की सत्तालोलुपता कितनी है कि बाबा रामदेव के आमरण अनशन से सत्ताच्युत होने की आशंका से इतने भयाक्रांत हो गये कि मनमोहन सिंह सरकार के चार चार मंत्री बाबा रामदेव से अनशन न करने की गुहार लगाने हवाई अड्डे पर ही पंहुच गये। अगर यह सरकार मंहगाई व जनहितों के लिए इतनी तत्पर रहती तो आज देश को इतने दुर्दिन नहीं देखने पड़ते।
वहीं भाजपा के आला नेतृत्व का पतन की नींव उसी दिन पड़ी जब भाजपा के नेताओं ने ‘भगवान राम मंदिर बनाने को अपने ऐजेन्डे में न होने की बात कही, कारगिल, कंधार व संसद प्रकरण पर शर्मनाक हथकण्डे अपनाया, ताबूत प्रकरण, नवरत्नों को कोड़ी के भाव बेचना व इंडिया इज साइनिंग नाउ के बेमोसमी गीत गाने के कृत्य किये। भाजपा ने जनता से जुड़े उमा भारती, गोविन्दाचार्य, मदनलाल खुराना आदि नेताओं को दरकिनारे करते हुए सुषमा व जेटली जेसे बंद कमरों की राजनीति करने वालों को अपनी कमान सोंपी। सुशासन देने का दम भरने वाले देवभूमि उत्तराखण्ड में सत्तासीन होते ही घोर जातिवादी व भ्रष्टाचारियों के संरक्षक बन कर ऐसे बेनकाब हुए कि जिस देख कर उत्तराखण्ड की जनता भाजपा नेतृत्व को धिक्कार रही है। परन्तु क्या मजाल भाजपा व संघ नेतृत्व का मोह धृतराष्ट्र की तरह उत्तराखण्ड व कर्नाटक के सत्तांधों से हो रहा है। आज जिस प्रकार से भाजपा में कर्नाटक के रेड़डी बंधुओं के संरक्षण देने के मामले में सुषमा व जेटली में मै नहीं-मैं नहीं का द्वंद चला हुआ है तथा वहीं दूसरी तरफ उत्तराखण्ड में आसीन भाजपा की निशंक सरकार के भ्रष्टाचार के प्रकरणों की वाद उच्च न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय में गूंज रहे हों परन्तु भाजपा के तथाकथित भावी प्रधानमंत्री ही नहीं जिस प्रकार से संघ द्वारा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर आसीन किये गये गडकरी कर रहे हैं, उसके बाद साफ हो गया कि भाजपा भी कांग्रेस की ही कार्बन कापी है व उसका भ्रष्टाचार का विरोध करने की बात हाथी के दांत की तरह छदम ही है। आज इन दोनों दलों में इतनी ताकत भी नहीं रही कि दोनों मिल कर बाबा राम देव की तरह हुंकार भर कर आम जनता तो रही दूर अपने तथाकथित पूरे कार्यकत्र्ताओं को ही सड़को ंपर उतार सके। दोनों दलो सहित तमाम राजनैतिक दल आज देश की जनता के विश्वास पर पूरी तरह से बेनकाब हो चूके है। लगता है इनकी जनविरोधी कृत्यों को चुकता करने के लिए ही महाकाल ने इनके नेतृत्व की मनोशक्ति को उलटी पुलटी कर दी है। इसी कारण ये ऐसे कृत्य महाकाल के पाश में फंस कर कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में भी जनसेवा व राजनीति को भी व्यापार समझ कर जनता को मूर्ख समझने वाली भाजपा की आशाओं पर बज्रपात ही होगा। विश्व के चमत्कारी व रहस्यमय शक्तियों के स्वामी काला बाबा की बात मुझे अक्षरशः कदम कदम पर सच ही साबित होती दिखाई दे रही है कि देवी..काल कभी किसी को डण्डा उठा कर मारने नहीं आता है वह कारण बनाता है। काला बाबा की इसी परमशक्ति व भगवान श्री कृष्ण की परमकृपा से मैं भविष्य की गर्भ में छुपे हुए इस सच को जनहित के लिए उजागर इसलिए कर रहा हॅू कि ये सत्तांधों को इस सच्चाई का अहसास हो सके कि महाकाल के हाथों में वे केवल कठपुतली से अधिक कुछ नहीं है। इसलिए अहंकारी, अत्याचारी व सत्तांधों का पतन निश्चित है।

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