उत्तराखण्ड में जल, जंगल व जमीन पर स्थानीय लोगों के हक के लिए प्रधानमंत्री से गुहार
उत्तराखण्ड में जल, जंगल व जमीन पर स्थानीय लोगों के हक के लिए प्रधानमंत्री से गुहार/
उक्रांद नेता ऐरी ने राज्य गठन के बाद नैतिक पतन व कांग्रेसी नेता उपाध्याय ने कांग्रेस व भाजपा दोनों सरकारों को बताया असफल/
नई दिल्ली(प्याउ)।आज 25 जून 2011 को दिल्ली में उत्तराखण्ड के अनैक संगठनों ने उत्तराखण्ड के जल, जंगल व जमीन पर विकास के नाम पर बाहरी लोगों को सोंपने की प्रदेश व केन्द्र सरकार की प्रवृति का पुरजोर विरोध करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को यहां के जल, जंगल व जमीन पर स्थानीय लोगों को सौंपने हेतु एक ज्ञापन भेंट किया। सोमवार, 25 जून को संसद की चैखट राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर दिल्ली में सामाजिक संगठनों द्वारा सांझे रूप में आयोजित एक दिवसीय धरने में कांग्रेस, उक्रांद व भाजपा के नेताओं सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भाग लिया। भाग लेने वालों में उत्तराखण्ड क्रांतिदल के शीर्ष नेता काशीसिंह ऐरी, कांग्रेस विधायक किशोर उपाध्याय, भाजपा नेता पूर्व विधायक मुरारी सिंह पंवार व श्याम लाल मंझेडा के अलावा बड़ी संख्या में राज्य गठन के अग्रणी आंदोलनकारी एवं समाजसेवी उपस्थित थे। धरने में जहां उक्रांद नेता काशीसिंह ऐरी ने प्रदेश गठन के बाद प्रदेश में नैतिक चरित्र के ह्रास के साथ प्रदेश में निरंतर बढ़ते हुए भ्रष्टाचार पर गंभीर चिंता प्रकट की, वहीं धरने को संबोधित करते हुए कांग्रेसी विधायक किशोर उपाध्याय ने भाजपा व कांग्रेस दोनों ही सरकारों पर प्रदेश के हितों की घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाया कि इन दस सालों में प्रदेश में एक भी उच्च स्तरीय चिकित्सालय तक भी नहीं बनाने पर सरकारों को कटघरे में रखा। वहीं उन्होंने चिकित्सा, शिक्षा व रोजगार तीनों क्षेत्रों में प्रदेश की अब तक की दोनों सरकारों को असफल बताया। वहीं इस अवसर पर उन्होंने देश में सबसे पिछडे जनपदों में प्रदेश के चमोली, उत्तरकाशी व चम्पावत के लोगों को आरक्षण की सुविधा देने की पुरजोर मांग की।
इस धरने में सम्मलित होने वाले अग्रणी आंदोलनकारियों में राज्य गठन के लिए संसद की चैखट पर निरंतर छह साल तक सफल धरना देने वाले ‘उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत व पूर्व अध्यक्ष खुशहाल सिंह बिष्ट, उक्रांद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रताप शाही, महेश पपनै, मजदूर नेता जसपाल रावत, कवि देवेश्वर प्रसाद जोशी, गंगोत्री सामाजिक संगठन की अध्यक्षा श्रीमती कमला रावत, मनमोहन जोशी आदि उपस्थित थे। इस धरने का संचालन पत्रकार सुरेश नौटियाल ने किया। इस धरने का आयोजन, उत्तराखण्ड चिंतन, म्यर उत्तराखण्ड व अखिल भारतीय उत्तराखण्ड महासभा के दिल्ली प्रदेश ने संयुक्त रूप से किया। उत्तराखण्ड चिंतन के के एम पाण्डे, नन्दन सिंह बोरा, अखिल भारतीय उत्तराखण्ड महासभा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष जयसिंह नेगी, पत्रकार गिरीश बलूनी, शिवचरण मुण्डपी तथा म्यर उत्तराखण्ड संस्था के महासचिव सुदर्शन सिंह रावत, पत्रकार सतेन्द्र रावत, धीरेन्द्रसिंह अधिकारी, श्री पाण्डे प्रताप रावत आदि उपस्थित थे।
उक्रांद नेता ऐरी ने राज्य गठन के बाद नैतिक पतन व कांग्रेसी नेता उपाध्याय ने कांग्रेस व भाजपा दोनों सरकारों को बताया असफल/
नई दिल्ली(प्याउ)।आज 25 जून 2011 को दिल्ली में उत्तराखण्ड के अनैक संगठनों ने उत्तराखण्ड के जल, जंगल व जमीन पर विकास के नाम पर बाहरी लोगों को सोंपने की प्रदेश व केन्द्र सरकार की प्रवृति का पुरजोर विरोध करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को यहां के जल, जंगल व जमीन पर स्थानीय लोगों को सौंपने हेतु एक ज्ञापन भेंट किया। सोमवार, 25 जून को संसद की चैखट राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर दिल्ली में सामाजिक संगठनों द्वारा सांझे रूप में आयोजित एक दिवसीय धरने में कांग्रेस, उक्रांद व भाजपा के नेताओं सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भाग लिया। भाग लेने वालों में उत्तराखण्ड क्रांतिदल के शीर्ष नेता काशीसिंह ऐरी, कांग्रेस विधायक किशोर उपाध्याय, भाजपा नेता पूर्व विधायक मुरारी सिंह पंवार व श्याम लाल मंझेडा के अलावा बड़ी संख्या में राज्य गठन के अग्रणी आंदोलनकारी एवं समाजसेवी उपस्थित थे। धरने में जहां उक्रांद नेता काशीसिंह ऐरी ने प्रदेश गठन के बाद प्रदेश में नैतिक चरित्र के ह्रास के साथ प्रदेश में निरंतर बढ़ते हुए भ्रष्टाचार पर गंभीर चिंता प्रकट की, वहीं धरने को संबोधित करते हुए कांग्रेसी विधायक किशोर उपाध्याय ने भाजपा व कांग्रेस दोनों ही सरकारों पर प्रदेश के हितों की घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाया कि इन दस सालों में प्रदेश में एक भी उच्च स्तरीय चिकित्सालय तक भी नहीं बनाने पर सरकारों को कटघरे में रखा। वहीं उन्होंने चिकित्सा, शिक्षा व रोजगार तीनों क्षेत्रों में प्रदेश की अब तक की दोनों सरकारों को असफल बताया। वहीं इस अवसर पर उन्होंने देश में सबसे पिछडे जनपदों में प्रदेश के चमोली, उत्तरकाशी व चम्पावत के लोगों को आरक्षण की सुविधा देने की पुरजोर मांग की।
इस धरने में सम्मलित होने वाले अग्रणी आंदोलनकारियों में राज्य गठन के लिए संसद की चैखट पर निरंतर छह साल तक सफल धरना देने वाले ‘उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत व पूर्व अध्यक्ष खुशहाल सिंह बिष्ट, उक्रांद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रताप शाही, महेश पपनै, मजदूर नेता जसपाल रावत, कवि देवेश्वर प्रसाद जोशी, गंगोत्री सामाजिक संगठन की अध्यक्षा श्रीमती कमला रावत, मनमोहन जोशी आदि उपस्थित थे। इस धरने का संचालन पत्रकार सुरेश नौटियाल ने किया। इस धरने का आयोजन, उत्तराखण्ड चिंतन, म्यर उत्तराखण्ड व अखिल भारतीय उत्तराखण्ड महासभा के दिल्ली प्रदेश ने संयुक्त रूप से किया। उत्तराखण्ड चिंतन के के एम पाण्डे, नन्दन सिंह बोरा, अखिल भारतीय उत्तराखण्ड महासभा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष जयसिंह नेगी, पत्रकार गिरीश बलूनी, शिवचरण मुण्डपी तथा म्यर उत्तराखण्ड संस्था के महासचिव सुदर्शन सिंह रावत, पत्रकार सतेन्द्र रावत, धीरेन्द्रसिंह अधिकारी, श्री पाण्डे प्रताप रावत आदि उपस्थित थे।
kisi se guhaar kyun lagate ho?
ReplyDeletekyun nahi ek manch par aate ho?
ye sab to tera hi seencha-paala hai
jo kadam-kadam par inka hi bana niwala hai
tum to bas! apne haathon me satta ki dor thaamlo
tab apna adhikaar milega, bhaiya ye tum aj jaanlo