उत्तराखण्ड जमीन की खुली लूट की रक्षा एकजूट हों उत्तराखण्डी
उत्तराखण्ड जमीन की खुली लूट की रक्षा एकजूट हों उत्तराखण्डी/
राजधानी गैरसैंण बनाने व मुजफरनगर काण्ड के अभियुक्तों को सजा दिलाने का लिया संकल्प/ राज्य गठन जनांदोलनकारियों को केन्द्रीय मंत्री रावत ने किया सम्मानित/ नई दिल्ली( प्याउ)। उत्तराखण्ड के हितों की रक्षा के लिए यदि उत्तराखण्डी ईमानदारी से करना चाहते हैं तो उन्हें दलगत राजनीति से उपर उठ कर प्रदेश की जमीनों को बेचने पर उतारू सरकारों पर अंकुश लगाना होगा।
यह खुला आवाहन कांग्रेस के केन्द्रीय महासचिव व उत्तराखण्ड प्रभारी चैधरी बीरेन्द्रसिंह ने किया। वहीं आंदोलनकारियों ने गैरसैंण राजधानी बनाने व मुजफरनगर काण्ड के दोषियों को हर हाल में सजा दिलाने का संकल्प लिया। श्री सिंह ने दलगत राजनीति को दरकिनारे छोड़ते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि अगर प्रदेश के लोगों ने अपने जमीनों को बचाने के लिए एकजूटता नहीं दिखायी तो एक दिन उत्तराखण्ड के भविष्य पर पूरी तरह ग्रहण लग जायेगा।’ कांग्रेसी महासचिव ने कहा कि आज जरूरत है प्रदेश गठन के बाद जो प्रदेश की जमीनों को बड़ी संख्या में गैर उत्तराखण्डियों को खराद की तरह बांटी गयी उस पर एक श्वेत पत्र जारी करने की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 60 प्रतिशत भू भाग पर जंगल है इसका यहां के विकास में सदप्रयोग करना चाहिए। उन्होंने यहां के जल संसाधनों को मिनरल बाटर व छोटे हाइथ्रो प्रोजेक्ट आदि लगाने प्रदेश के लोगों को भी प्रदेश में औद्योगिक विकास में मिलने वाले सरकारी सहयोग की तरह समर्थन व संरक्षण मिले तो यहां की तकदीर ही बदल सकती है। उन्होने साफ शब्दों में कहा कि प्रदेश के लोगों को दलगत राजनीति से उपर उठ कर ऐसे दल को मतदान करना चाहिए जो वहां की जनभावनाओं व हितों की रक्षा करने के लिए समर्पित हो। उन्होने आश्वासन दिया कि उनके प्रभार में कांग्रेस उत्तराखण्डियों की जनभावनाओं को साकार करने का काम करेगी। इसके साथ ही चैधरी बीरेन्द्रसिंह ने उत्तराखण्ड के नेता भी अपने छुद्र अहं की राजनीति को छोड़ कर प्रदेश के हित में काम करेंगे।
चैधरी बीरेन्द्रसिंह 17 जुलाई की सांय को केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत के नई दिल्ली स्थित आवास पर उत्तराखण्ड राज्य गठन आंदोलनकारियों व पत्रकारों की एक विशेष बैठक को संबोधित करते हुए कही। इस बैठक का आयोजन केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत ने दिल्ली में राज्य गठन के आंदोलनकारियों के सम्मान मे दिल्ली आयोजित एक का उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन के प्रखर संगठनों को (जिन्होंने देश की राजधानी दिल्ली सहित पूरे उत्तराखण्डी समाज को अपने समर्पित ऐतिहासिक संघर्षो व प्रखर तेवरों से उत्तराखण्ड राज्य गठन के आंदोलन को देश के राज्य गठन के इतिहास में देश की राजधानी को सबसे लम्बे समय से झकझोरने का कीर्तिमान स्थापित करके तत्कालीन सरकार को पृथक उत्तराखण्ड राज्य गठन के लिए मजबूर किया।) केन्द्रीय कृषि व संसदीय कार्य राज्य मंत्री हरीश रावत अपने दिल्ली निवास पर रविवार 17 जुलाई 2011 को सम्मानित किया। सांय साढे तीन बजे अपने निवास 9 तीनमूर्ति लेन स्थित निवास पर रखे भोज में आमंत्रित संगठनों में उत्तराखण्ड राज्य गठन के लिए संसद की चैखट पर 6 साल तक संसद की चैखट जंतर मंतर पर निरंतर सफल धरना प्रदर्शन करने वाला उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा, उत्तराखण्ड महासभा, उत्तराखण्ड जनमोर्चा व उत्तराखण्ड राज्य लोक मंच आदि प्रमुख है। इस अवसर पर राज्य आंदोलन के लिए सर्मिर्पत कवियों की नव प्रकाशित पुस्तकों का भी विमोचन किया । कार्यक्रम का संचालन आयोजक समिति के प्रमुख हरिपाल रावत ने किया। कार्यक्रम में प्रथम वक्ता के रूप में अपने संबोधन में उत्तराखण्ड की अलख जगाने वाले व संसद की चैखट पर छह साल तक ऐतिहासिक धरना देने वाले उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत ने साफ शब्द ों में कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का गठन राज्य की बहादूर जनता के संघर्षो ंसे गठित हुआ न की किसी राजनैतिक दल की बैशाखियों की बदालत मिला। उन्होंने कहा राज्य गठन का आंदोलन राज्यगठन आंदोलन में केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत का हमने पुरजोर विरोध किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि प्रदेश की राजधानी गैरसैंण बनाने व मुजफरनगर काण्ड-94 के दोषियों को दण्डित कराने के साथ साथ प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करके ही आंदोलनकारी दम लेंगे। इसके लिए राजनैतिक दल चाहे इसका विरोध करें या समर्थन आंदोलनकारी इसको हाशिल करके रहेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद उत्तराखण्ड सरकार ने जो काम करना चाहिए था वह काम केन्द्रीय मंत्री द्वारा किये जाने पर आंदोलनकारियों में यह आशा जागी है कि चलो अगर आगामी 2012 में प्रदेश में कांग्रेस की फिर सरकार सत्तासीन होगी तो कांग्रेसी अपनी पूर्व की प्रदेश सरकार की तरह इस बार भी राज्य गठन आंदोलनकारियों के सपनों को साकार करने के दायित्व का निर्वहन करेगी।
इस सम्मान भोज में राज्य गठन जनांदोलन के प्रमुख आंदोलनकारी प्रमुखों में सर्वोच्च न्यायालय के विख्यात अधिवक्ता व उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के संयोजक अवतार रावत व अध्यक्ष देवसिंह रावत, जनमोर्चा के अध्यक्ष जगदीश नेगी व रवीन्द्र बिष्ट, महासभा के अध्यक्ष हरिपाल रावत व उत्तराखण्ड राज्य लोकमंच के अध्यक्ष बृजमोहन उप्रेती ंमंचासीन थे। इसके अलावा मंचासीन होने वालों में उत्तराखण्ड मानवाधिकार संगठन के एस के शर्मा, संयुकत संघर्ष समिति की उमा जोशी, पी एफ कमीशनर बी एन शर्मा व पत्रकार अरविन्दसिंह व अवतार नेगी मंचासीन थे। इस अवसर पर देश के अग्रणी पत्रकार अरविन्द सिंह को राज्य गठन जनांदोलन में अमर उजाला में रहते हुए आंदोलन को मजबूती देने के लिए विशेष रूप में कांग्रेस महासचिव व केन्द्रीय मंत्री ने संयुक्त रूप से सम्मानित किया। इस अवसर पर सम्मानित होने वाले आंदोलनकारियों में जनता संघर्ष मोर्चा के संयोजक अवतार रावत, पूर्व अध्यक्ष व्योमेन्द्र नयाल व खुशहाल सिंह बिष्ट, महासचिव जगदीश भट्ट, विनोद नेगी, दिनेश बिष्ट,रामप्रसाद भदूला, श्री राम रतूड़़ी, देशबंधु बिष्ट, देवेन्द्र चमोली, कुलदीप कुकरेती, राजेन्द्र रतूडी, एल डी पाण्डे, केशर सिंह पटवाल व श्री गुसांई आदि प्रमुख थे। उत्तराखण्ड महासभा के हरिपाल रावत,हर्षपति मंमगाई, रामेश्वर गोस्वामी, अनिल पंत, वेद भदोला,सुशीला चैहान, खेमराज कोठारी, प्रेमसिंह चैहान, श्री काण्डपाल, चिरागुद्दीन, दिनेश कुकरेती, आदि प्रमुख थे। सुश्री जनमोर्चा के अध्यक्ष जगदीश नेगी, रवीन्द्र बिष्ट, नरेन्द्र बिष्ट, डा बसलियाल, हर्ष बर्धन खण्डूडी, रामभरोसे ढौडियाल, के बी जोशी, हुकमसिंह कण्डारी, बीना बिष्ट, रामी भारद्वाज, रिखी रावत,सिन्दुरी बडोला, सावित्री चैनियाल, बिमला नेगी, आरती चैहान, कमला रावत, फागुनी रावत, बिमला शर्मा, शकुन्तला रावत, रामेश्वरी रावत, सत्या रावत, सीता पटवाल, जयबीर रावत, उषा नेगी, पुरूषोत्तम चैनियाल, पोखरियाल, अर्जुन रावत, डब्बलसिंह, सच्चिदानन्द नौटियाल, आदि प्रमुख थे। उत्तराखण्ड राज्य लोकमंच के अध्यक्ष बृजमोहन उप्रेती, महासचिव दिनेश ध्यानी, पंचम रावत, बीरेन्द्र नेगी, राणा, आर पी चमोली, श्री रावत आदि प्रमुख थे। संयुक्त संघर्ष समिति की उमा जोशी, कमला रावत, प्रताप सिंह राणा, महावीर राणा , भण्डारी व धर्मपाल कुंमई, एम एस रावत, सुश्री मोहनी रौतेला, नन्दन रावत, किशोर रावत, संयोगिता ध्यानी, बाली मनराल, शंकर रावत, के पंत , नन्दन घुघत्याल, पुष्पा घुघत्याल, बीना बहुगुणा बछेती, बीना आर्य, प्रेम कुमाउनी, प्रेमसिंह, हरीश आर्य आदि प्रमुख रूप से सम्मानित हुए। इस अवसर पर कांग्रेसी नेता के एम पाण्डे ने प्रदेश की राजनीति में हरीश रावत को मुख्यमंत्री न बनाये जाने पर अप्रसन्नता प्रकट करते हुए तभी सम्मान लेने की बात कही जब तक हरीश रावत को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जायेगा। इस अवसर पर उत्तराखण्डियों के लिए उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन में शहीद स्थलों की शहीदंों की खून से सनी हुई मिट्टी को गत 16 साल से अपने पास रखने वाले प्रख्यात कवि भगवती प्रसाद मिश्र ने सदा प्रेरणा देने के लिए बनाये जाने वाले शहीद स्थल में रखने के लिए उत्तराखण्ड के शीर्ष नेता हरीश रावत व कांग्रेस प्रभारी चैधरी बीरेन्द्रसिंह को भैंट की। इस अवसर पर डा. भगवती प्रसाद मिश्र की ‘गपोडनि-शंक’ व पृथ्वीसिंह केदारखण्डी की ’मुखड़ी बुरांश त्येरी’ पुस्तकों का दोनों नेताओं ने विमोचन किया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पत्रकारों को सम्मानित किया गया। इसमें हिन्दुस्तान बिजेन्द्र रावत, जनसत्ता के हरीश तिवारी, सहारा के रोशन, अमर उजाला के हरीश लखेड़ा, खुशहाल जीना व श्रीमती जीना, डा बिहारी लाल जलंधरी, अनिल पंत, वेद भदोला प्रमुख थे। इस अवसर पर राज्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले तत्कालीन दैनिक जागरण के पत्रकार ज्ञानेन्द्रसिंह को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया, उनकी तरफ से पुरस्कार उनके भतीजे व एनडीटीबी के पत्रकार कुंवर विक्रांत सिंह ने ग्रहण किया। इस अवसर पर सहारा समय के मंजीत नेगी को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जहां अवतार रावत ने राज्य गठन के बाद प्रदेश में हो रही बंदरबांट पर अपना आक्रोश प्रकट किया, वहीं जगदीश नेगी, बिना बिष्ट, मोहनी रोतेला व एस के शर्मा ने राजधानी गेरसैंण व मुजफरनगर काण्ड के दोषियों को सजा देने की बात कही। इस अवसर पर बृजमोहन उप्रेती ने कांग्रेस महामंत्री से दिल्ली में रहने वाले उत्तराखण्डियों को दिल्ली की राजनीति में सम्मानजनक प्रतिनिधित्व देने की पुरजोर मांग की। समारोह के सम्पन्न के साथ केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत ने सम्मान भोज में सभी का स्वागत किया। समारोह के समापन के समय उक्रांद नेता प्रताप शाही, मोहनसिंह नेगी, प्रेम सुन्दरियाल, अखिल भारतीय उत्तराखण्ड महासभा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष जयसिंह रावत, पत्रकार गिरीश बलूनी, सतेन्द्र रावत सहित बड़ी संख्या में भारी संख्या में समाजसेवी उपस्थित ंहुए।
राजधानी गैरसैंण बनाने व मुजफरनगर काण्ड के अभियुक्तों को सजा दिलाने का लिया संकल्प/ राज्य गठन जनांदोलनकारियों को केन्द्रीय मंत्री रावत ने किया सम्मानित/ नई दिल्ली( प्याउ)। उत्तराखण्ड के हितों की रक्षा के लिए यदि उत्तराखण्डी ईमानदारी से करना चाहते हैं तो उन्हें दलगत राजनीति से उपर उठ कर प्रदेश की जमीनों को बेचने पर उतारू सरकारों पर अंकुश लगाना होगा।
यह खुला आवाहन कांग्रेस के केन्द्रीय महासचिव व उत्तराखण्ड प्रभारी चैधरी बीरेन्द्रसिंह ने किया। वहीं आंदोलनकारियों ने गैरसैंण राजधानी बनाने व मुजफरनगर काण्ड के दोषियों को हर हाल में सजा दिलाने का संकल्प लिया। श्री सिंह ने दलगत राजनीति को दरकिनारे छोड़ते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि अगर प्रदेश के लोगों ने अपने जमीनों को बचाने के लिए एकजूटता नहीं दिखायी तो एक दिन उत्तराखण्ड के भविष्य पर पूरी तरह ग्रहण लग जायेगा।’ कांग्रेसी महासचिव ने कहा कि आज जरूरत है प्रदेश गठन के बाद जो प्रदेश की जमीनों को बड़ी संख्या में गैर उत्तराखण्डियों को खराद की तरह बांटी गयी उस पर एक श्वेत पत्र जारी करने की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 60 प्रतिशत भू भाग पर जंगल है इसका यहां के विकास में सदप्रयोग करना चाहिए। उन्होंने यहां के जल संसाधनों को मिनरल बाटर व छोटे हाइथ्रो प्रोजेक्ट आदि लगाने प्रदेश के लोगों को भी प्रदेश में औद्योगिक विकास में मिलने वाले सरकारी सहयोग की तरह समर्थन व संरक्षण मिले तो यहां की तकदीर ही बदल सकती है। उन्होने साफ शब्दों में कहा कि प्रदेश के लोगों को दलगत राजनीति से उपर उठ कर ऐसे दल को मतदान करना चाहिए जो वहां की जनभावनाओं व हितों की रक्षा करने के लिए समर्पित हो। उन्होने आश्वासन दिया कि उनके प्रभार में कांग्रेस उत्तराखण्डियों की जनभावनाओं को साकार करने का काम करेगी। इसके साथ ही चैधरी बीरेन्द्रसिंह ने उत्तराखण्ड के नेता भी अपने छुद्र अहं की राजनीति को छोड़ कर प्रदेश के हित में काम करेंगे।
चैधरी बीरेन्द्रसिंह 17 जुलाई की सांय को केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत के नई दिल्ली स्थित आवास पर उत्तराखण्ड राज्य गठन आंदोलनकारियों व पत्रकारों की एक विशेष बैठक को संबोधित करते हुए कही। इस बैठक का आयोजन केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत ने दिल्ली में राज्य गठन के आंदोलनकारियों के सम्मान मे दिल्ली आयोजित एक का उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन के प्रखर संगठनों को (जिन्होंने देश की राजधानी दिल्ली सहित पूरे उत्तराखण्डी समाज को अपने समर्पित ऐतिहासिक संघर्षो व प्रखर तेवरों से उत्तराखण्ड राज्य गठन के आंदोलन को देश के राज्य गठन के इतिहास में देश की राजधानी को सबसे लम्बे समय से झकझोरने का कीर्तिमान स्थापित करके तत्कालीन सरकार को पृथक उत्तराखण्ड राज्य गठन के लिए मजबूर किया।) केन्द्रीय कृषि व संसदीय कार्य राज्य मंत्री हरीश रावत अपने दिल्ली निवास पर रविवार 17 जुलाई 2011 को सम्मानित किया। सांय साढे तीन बजे अपने निवास 9 तीनमूर्ति लेन स्थित निवास पर रखे भोज में आमंत्रित संगठनों में उत्तराखण्ड राज्य गठन के लिए संसद की चैखट पर 6 साल तक संसद की चैखट जंतर मंतर पर निरंतर सफल धरना प्रदर्शन करने वाला उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा, उत्तराखण्ड महासभा, उत्तराखण्ड जनमोर्चा व उत्तराखण्ड राज्य लोक मंच आदि प्रमुख है। इस अवसर पर राज्य आंदोलन के लिए सर्मिर्पत कवियों की नव प्रकाशित पुस्तकों का भी विमोचन किया । कार्यक्रम का संचालन आयोजक समिति के प्रमुख हरिपाल रावत ने किया। कार्यक्रम में प्रथम वक्ता के रूप में अपने संबोधन में उत्तराखण्ड की अलख जगाने वाले व संसद की चैखट पर छह साल तक ऐतिहासिक धरना देने वाले उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत ने साफ शब्द ों में कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का गठन राज्य की बहादूर जनता के संघर्षो ंसे गठित हुआ न की किसी राजनैतिक दल की बैशाखियों की बदालत मिला। उन्होंने कहा राज्य गठन का आंदोलन राज्यगठन आंदोलन में केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत का हमने पुरजोर विरोध किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि प्रदेश की राजधानी गैरसैंण बनाने व मुजफरनगर काण्ड-94 के दोषियों को दण्डित कराने के साथ साथ प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करके ही आंदोलनकारी दम लेंगे। इसके लिए राजनैतिक दल चाहे इसका विरोध करें या समर्थन आंदोलनकारी इसको हाशिल करके रहेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद उत्तराखण्ड सरकार ने जो काम करना चाहिए था वह काम केन्द्रीय मंत्री द्वारा किये जाने पर आंदोलनकारियों में यह आशा जागी है कि चलो अगर आगामी 2012 में प्रदेश में कांग्रेस की फिर सरकार सत्तासीन होगी तो कांग्रेसी अपनी पूर्व की प्रदेश सरकार की तरह इस बार भी राज्य गठन आंदोलनकारियों के सपनों को साकार करने के दायित्व का निर्वहन करेगी।
इस सम्मान भोज में राज्य गठन जनांदोलन के प्रमुख आंदोलनकारी प्रमुखों में सर्वोच्च न्यायालय के विख्यात अधिवक्ता व उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के संयोजक अवतार रावत व अध्यक्ष देवसिंह रावत, जनमोर्चा के अध्यक्ष जगदीश नेगी व रवीन्द्र बिष्ट, महासभा के अध्यक्ष हरिपाल रावत व उत्तराखण्ड राज्य लोकमंच के अध्यक्ष बृजमोहन उप्रेती ंमंचासीन थे। इसके अलावा मंचासीन होने वालों में उत्तराखण्ड मानवाधिकार संगठन के एस के शर्मा, संयुकत संघर्ष समिति की उमा जोशी, पी एफ कमीशनर बी एन शर्मा व पत्रकार अरविन्दसिंह व अवतार नेगी मंचासीन थे। इस अवसर पर देश के अग्रणी पत्रकार अरविन्द सिंह को राज्य गठन जनांदोलन में अमर उजाला में रहते हुए आंदोलन को मजबूती देने के लिए विशेष रूप में कांग्रेस महासचिव व केन्द्रीय मंत्री ने संयुक्त रूप से सम्मानित किया। इस अवसर पर सम्मानित होने वाले आंदोलनकारियों में जनता संघर्ष मोर्चा के संयोजक अवतार रावत, पूर्व अध्यक्ष व्योमेन्द्र नयाल व खुशहाल सिंह बिष्ट, महासचिव जगदीश भट्ट, विनोद नेगी, दिनेश बिष्ट,रामप्रसाद भदूला, श्री राम रतूड़़ी, देशबंधु बिष्ट, देवेन्द्र चमोली, कुलदीप कुकरेती, राजेन्द्र रतूडी, एल डी पाण्डे, केशर सिंह पटवाल व श्री गुसांई आदि प्रमुख थे। उत्तराखण्ड महासभा के हरिपाल रावत,हर्षपति मंमगाई, रामेश्वर गोस्वामी, अनिल पंत, वेद भदोला,सुशीला चैहान, खेमराज कोठारी, प्रेमसिंह चैहान, श्री काण्डपाल, चिरागुद्दीन, दिनेश कुकरेती, आदि प्रमुख थे। सुश्री जनमोर्चा के अध्यक्ष जगदीश नेगी, रवीन्द्र बिष्ट, नरेन्द्र बिष्ट, डा बसलियाल, हर्ष बर्धन खण्डूडी, रामभरोसे ढौडियाल, के बी जोशी, हुकमसिंह कण्डारी, बीना बिष्ट, रामी भारद्वाज, रिखी रावत,सिन्दुरी बडोला, सावित्री चैनियाल, बिमला नेगी, आरती चैहान, कमला रावत, फागुनी रावत, बिमला शर्मा, शकुन्तला रावत, रामेश्वरी रावत, सत्या रावत, सीता पटवाल, जयबीर रावत, उषा नेगी, पुरूषोत्तम चैनियाल, पोखरियाल, अर्जुन रावत, डब्बलसिंह, सच्चिदानन्द नौटियाल, आदि प्रमुख थे। उत्तराखण्ड राज्य लोकमंच के अध्यक्ष बृजमोहन उप्रेती, महासचिव दिनेश ध्यानी, पंचम रावत, बीरेन्द्र नेगी, राणा, आर पी चमोली, श्री रावत आदि प्रमुख थे। संयुक्त संघर्ष समिति की उमा जोशी, कमला रावत, प्रताप सिंह राणा, महावीर राणा , भण्डारी व धर्मपाल कुंमई, एम एस रावत, सुश्री मोहनी रौतेला, नन्दन रावत, किशोर रावत, संयोगिता ध्यानी, बाली मनराल, शंकर रावत, के पंत , नन्दन घुघत्याल, पुष्पा घुघत्याल, बीना बहुगुणा बछेती, बीना आर्य, प्रेम कुमाउनी, प्रेमसिंह, हरीश आर्य आदि प्रमुख रूप से सम्मानित हुए। इस अवसर पर कांग्रेसी नेता के एम पाण्डे ने प्रदेश की राजनीति में हरीश रावत को मुख्यमंत्री न बनाये जाने पर अप्रसन्नता प्रकट करते हुए तभी सम्मान लेने की बात कही जब तक हरीश रावत को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जायेगा। इस अवसर पर उत्तराखण्डियों के लिए उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन में शहीद स्थलों की शहीदंों की खून से सनी हुई मिट्टी को गत 16 साल से अपने पास रखने वाले प्रख्यात कवि भगवती प्रसाद मिश्र ने सदा प्रेरणा देने के लिए बनाये जाने वाले शहीद स्थल में रखने के लिए उत्तराखण्ड के शीर्ष नेता हरीश रावत व कांग्रेस प्रभारी चैधरी बीरेन्द्रसिंह को भैंट की। इस अवसर पर डा. भगवती प्रसाद मिश्र की ‘गपोडनि-शंक’ व पृथ्वीसिंह केदारखण्डी की ’मुखड़ी बुरांश त्येरी’ पुस्तकों का दोनों नेताओं ने विमोचन किया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पत्रकारों को सम्मानित किया गया। इसमें हिन्दुस्तान बिजेन्द्र रावत, जनसत्ता के हरीश तिवारी, सहारा के रोशन, अमर उजाला के हरीश लखेड़ा, खुशहाल जीना व श्रीमती जीना, डा बिहारी लाल जलंधरी, अनिल पंत, वेद भदोला प्रमुख थे। इस अवसर पर राज्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले तत्कालीन दैनिक जागरण के पत्रकार ज्ञानेन्द्रसिंह को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया, उनकी तरफ से पुरस्कार उनके भतीजे व एनडीटीबी के पत्रकार कुंवर विक्रांत सिंह ने ग्रहण किया। इस अवसर पर सहारा समय के मंजीत नेगी को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जहां अवतार रावत ने राज्य गठन के बाद प्रदेश में हो रही बंदरबांट पर अपना आक्रोश प्रकट किया, वहीं जगदीश नेगी, बिना बिष्ट, मोहनी रोतेला व एस के शर्मा ने राजधानी गेरसैंण व मुजफरनगर काण्ड के दोषियों को सजा देने की बात कही। इस अवसर पर बृजमोहन उप्रेती ने कांग्रेस महामंत्री से दिल्ली में रहने वाले उत्तराखण्डियों को दिल्ली की राजनीति में सम्मानजनक प्रतिनिधित्व देने की पुरजोर मांग की। समारोह के सम्पन्न के साथ केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत ने सम्मान भोज में सभी का स्वागत किया। समारोह के समापन के समय उक्रांद नेता प्रताप शाही, मोहनसिंह नेगी, प्रेम सुन्दरियाल, अखिल भारतीय उत्तराखण्ड महासभा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष जयसिंह रावत, पत्रकार गिरीश बलूनी, सतेन्द्र रावत सहित बड़ी संख्या में भारी संख्या में समाजसेवी उपस्थित ंहुए।
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