आईएसआई को खलनायक ही बता कर भारत की आंखों में धूल झांकने की हास्यास्पद
सो चूहे खा कर पाक साफ बन रहा है अमेरिका/
भारत की आंखों में धूल झोंक रहा है अमेरिका/
दशकों से पाकिस्तान के कंधे में बंदुक रख कर भारत को अपनी धृर्णित, खौपनाक व मानवता को शर्मसार करने वाली नापाक आतंकी गतिविधियों से बर्बाद कर रहे अमेरिका को ही जब स्वयं निर्मित आतंक की आंच से झुलसने लगा तो वह भारत का हमदर्द बन कर पाक की खुपिया ऐजेन्सी आईएसआई को खलनायक ही बता कर भारत की आंखों में धूल झांकने की हास्यास्पद भौंड़ी हरकत करने पर उतर आया। सबसे हैरानी की बात यह है कि अमेरिका अपने आप को भारत का सबसे बड़ा हमदमर्द बता रहा है और पाकिस्तान को भारत का दुश्मन। यह सच में हकीकत को दफन करने जैसा कदम है। जिस डा गुलाम फई व जहीर अहमद को अमेरिका अब आईएस आई का ऐजेन्ट व अमेरिकी सांसदों व जनमत को कश्मीर के पक्ष व भारत के विरोध में करने का दोषी मान रहा है वह और कोई नहीं अपितु अमेरिका की छत्रछाया में कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका का ही ऐजेन्डा संचालित कर रहा था। डा. गुलाम नबी फई भी हेडली की तरह अमेरिकी ऐजेन्ट हैं। हकीकत यह है कि आईएसआई या किसी अन्य जांच ऐजेन्सियों की ही नहीं खुद पाक की भी इतनी हिम्मत नहीं है कि वे अमेरिका में या अमेरिका के इच्छा के खिलाफ एक कदम भी उठा सके। गौरतलब है कि इसी सप्ताह अमेरिका की संधीय जांच ऐजेन्सी एफबीआई ने कश्मीरी अमेरिकन कांउसिल के कार्यकारी निर्देशक डा गुलाम नबी फई को अमेरिका के सांसदों को अवैध धन का लालच देकर व वहां पर सेमिनार करने तथा भारत विरोधी माहौल बनाने का आरोप में जेल में बद कर दिया । जिन लोगो को अमेरिकी गतिविधिया भारत के हितैषी लग रहे है। परन्तु हकीकत यह है कि भारत को आतंकी भट्टी में तबाह करने वाले पाक को इस दिशा में लगाने का काम ही नहीं अपितु उसे शर्मनाक संरक्षण भी भी अमेरिका आज तक कर रहा है। अगर अमेरिका हकीकत से विश्व से आतंक का सफाया चाहता है तो उसे विश्व जनसमुदाय से अपने गुनाहों के लिए माफी मांगते हुए अपनी ऐसी तमाम गतिविधियों पर अविलम्ब लगाम लगा देनी चाहिए। भले ही अमेरिका आईएसआई पर अंकुश लगा कर पाकिस्तान व दुनिया को एक संदेश देना चाहते हैं कि अमेरिका अब आतंकी पाक से कोई समर्थन व संरक्षण नहीं है। परन्तु हकीकत यह है कि दुनिया को यह मालुम है पाक या आतंकी कुछ नहीं अपितु सारा आतंक अमेरिका का है।
भारत की आंखों में धूल झोंक रहा है अमेरिका/
दशकों से पाकिस्तान के कंधे में बंदुक रख कर भारत को अपनी धृर्णित, खौपनाक व मानवता को शर्मसार करने वाली नापाक आतंकी गतिविधियों से बर्बाद कर रहे अमेरिका को ही जब स्वयं निर्मित आतंक की आंच से झुलसने लगा तो वह भारत का हमदर्द बन कर पाक की खुपिया ऐजेन्सी आईएसआई को खलनायक ही बता कर भारत की आंखों में धूल झांकने की हास्यास्पद भौंड़ी हरकत करने पर उतर आया। सबसे हैरानी की बात यह है कि अमेरिका अपने आप को भारत का सबसे बड़ा हमदमर्द बता रहा है और पाकिस्तान को भारत का दुश्मन। यह सच में हकीकत को दफन करने जैसा कदम है। जिस डा गुलाम फई व जहीर अहमद को अमेरिका अब आईएस आई का ऐजेन्ट व अमेरिकी सांसदों व जनमत को कश्मीर के पक्ष व भारत के विरोध में करने का दोषी मान रहा है वह और कोई नहीं अपितु अमेरिका की छत्रछाया में कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका का ही ऐजेन्डा संचालित कर रहा था। डा. गुलाम नबी फई भी हेडली की तरह अमेरिकी ऐजेन्ट हैं। हकीकत यह है कि आईएसआई या किसी अन्य जांच ऐजेन्सियों की ही नहीं खुद पाक की भी इतनी हिम्मत नहीं है कि वे अमेरिका में या अमेरिका के इच्छा के खिलाफ एक कदम भी उठा सके। गौरतलब है कि इसी सप्ताह अमेरिका की संधीय जांच ऐजेन्सी एफबीआई ने कश्मीरी अमेरिकन कांउसिल के कार्यकारी निर्देशक डा गुलाम नबी फई को अमेरिका के सांसदों को अवैध धन का लालच देकर व वहां पर सेमिनार करने तथा भारत विरोधी माहौल बनाने का आरोप में जेल में बद कर दिया । जिन लोगो को अमेरिकी गतिविधिया भारत के हितैषी लग रहे है। परन्तु हकीकत यह है कि भारत को आतंकी भट्टी में तबाह करने वाले पाक को इस दिशा में लगाने का काम ही नहीं अपितु उसे शर्मनाक संरक्षण भी भी अमेरिका आज तक कर रहा है। अगर अमेरिका हकीकत से विश्व से आतंक का सफाया चाहता है तो उसे विश्व जनसमुदाय से अपने गुनाहों के लिए माफी मांगते हुए अपनी ऐसी तमाम गतिविधियों पर अविलम्ब लगाम लगा देनी चाहिए। भले ही अमेरिका आईएसआई पर अंकुश लगा कर पाकिस्तान व दुनिया को एक संदेश देना चाहते हैं कि अमेरिका अब आतंकी पाक से कोई समर्थन व संरक्षण नहीं है। परन्तु हकीकत यह है कि दुनिया को यह मालुम है पाक या आतंकी कुछ नहीं अपितु सारा आतंक अमेरिका का है।
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