राहुल को प्रधानमंत्री बनने के मार्ग में सबसे बडे अवरोधक बने कांग्रेसी मठाधीश
राहुल को प्रधानमंत्री बनने के मार्ग में सबसे बडे अवरोधक बने कांग्रेसी मठाधीश
नई दिल्ली( प्याउ)।मनमोहन सिंह को अविलम्ब न हटाने वाले व राहुल गांधी को तुरंत प्रधानमंत्री न बनाने की सलाह देने वाले इस देश व कांग्रेस के सबसे बड़े गुनाहगार साबित होंगे। मनमोहनसिंह के कुशासन के कारण पूरा देश बेलगाम मंहगाई, देश की पूरी व्यवस्था को ग्रसने वाला भ्रष्टाचार व अमेरिका पाक पोषित आतंकवाद से बर्बादी के कगार पर खड़ा है। आम जनता का जीना ही दुश्वार हो रखा है। एक पल के लिए भी मनमोहन को बनाये रखना देश व कांग्रेस दोनों के लिए सबसे बड़ी हिमालयी भूल होगी। मनमोहनसिंह के कुशासन से अराजकता की मुहाने पर खडे भारत देश लोकशाही की रक्षा के लिए अविलम्ब कांग्रेस की कार्यकारी आलाकमान राहुल गांधी को प्रधानमंत्री की कमान सौंप देनी चाहिए थी। परन्तु कांग्रेस के निहित स्वार्थी मठाधीश जो नहीं चाहते हैं कि राहुल गांधी तुरंत प्रधानमंत्री बन कर मनमोहन सिंह की आड़ में चल रही उनकी मठाधीशी पर ग्रहण लगे, वे अपने निहित स्वार्थ की पूर्ति के लिए सोनिया गांधी को गुमराह कर रहे हैं कि मनमोहन सिंह को अभी हटाना व राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के पद पर आसीन करना उचित नहीं होगा। वे सोनिया गांधी को गुमराह कर रहे हैं कि आगामी 2014 में देश में होने वाले लोकसभा के आम चुनाव में कांग्रेस भारी मतों से अपने दम पर सत्तासीन होगी व राहुल गांधी को तब प्रधानमंत्री बनाया जायेगा। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि मनमोहन सिंह के कुशासन ने कांग्रेस को आम जनता से पूरी तरह से काट दिया है। आज कांग्रेस के पास जहां बिहार, उप्र तो पूरी तरह से छिटके हुए हैं परन्तु आंध्र, महाराष्ट्र, तमिलनाडू , उत्तराखण्ड, राजस्थान, आदि जिन राज्यों में कांग्रेस सत्तासीन हुई उन राज्यों में कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया होने की संभावना है। इस तरह न तो कांग्रेस व नहीं सप्रंग गठबंधन के दलों की जीत की संभावनायें दूर दूर तक दिखाई दे रही हैं। भाजपा भी सत्तारूढ़ नहीं होगी, प्रधानमंत्री तीसरे मोर्चे का ही बनेगा। ऐसी स्थिति को रोकने के लिए व दूरगामी रणनीति के तहत अविलम्ब राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के पद पर आसीन करके जनहित के कार्यों पर ताडबतोड़ कार्य करना चाहिए। तभी पतन के गर्त में डूब रही कांग्रेस व देश को उबारा जा सकता हैं। देश में मजबूत जननेता लोकशाही का प्रमुख हो न की थोपशाही का मोहरा। देश का हित इसी बात में है कि मनमोहन सिंह जैसे गैर लोकतंात्रिक व्यक्ति से देश को मुक्ति मिले। सोनिया गांधी के चंद आत्मघाति सलाहकार जो उनको 2014 तक मनमोहन सिंह को ढोने व राहुल को 2014 में प्रधानमंत्री बनाने की सलाह दे रहे हैं वे नहीं चाहते हैं कि कांग्रेस में राहुल गांधी जैसे मजबूत जननेता सत्तासीन हो कर उनके निहित स्वार्थों की दुनिया पर ग्रहण लगाये। आज जहां अमेरिका भी नेहरू परिवार को सत्ता से दूर रखने का षडयंत्र कर रहा है वहीं कांग्रेसी आत्मघाति मठाधीश भी इसी दिशा में षडयंत्र में देश व राहुल का रास्ता रोक रहे है। सोनिया गांधी को एक बात समझ लेनी चाहिए कि आज देश की जनता मनमोहन सिंह जैसे जनविरोधी सरकार को एक पल के लिए सहने के लिए तैयार नहीं है। हर हाल में देश की जनता मनमोहन सिंह के कुशासन से मुक्ति चाहती है।
नई दिल्ली( प्याउ)।मनमोहन सिंह को अविलम्ब न हटाने वाले व राहुल गांधी को तुरंत प्रधानमंत्री न बनाने की सलाह देने वाले इस देश व कांग्रेस के सबसे बड़े गुनाहगार साबित होंगे। मनमोहनसिंह के कुशासन के कारण पूरा देश बेलगाम मंहगाई, देश की पूरी व्यवस्था को ग्रसने वाला भ्रष्टाचार व अमेरिका पाक पोषित आतंकवाद से बर्बादी के कगार पर खड़ा है। आम जनता का जीना ही दुश्वार हो रखा है। एक पल के लिए भी मनमोहन को बनाये रखना देश व कांग्रेस दोनों के लिए सबसे बड़ी हिमालयी भूल होगी। मनमोहनसिंह के कुशासन से अराजकता की मुहाने पर खडे भारत देश लोकशाही की रक्षा के लिए अविलम्ब कांग्रेस की कार्यकारी आलाकमान राहुल गांधी को प्रधानमंत्री की कमान सौंप देनी चाहिए थी। परन्तु कांग्रेस के निहित स्वार्थी मठाधीश जो नहीं चाहते हैं कि राहुल गांधी तुरंत प्रधानमंत्री बन कर मनमोहन सिंह की आड़ में चल रही उनकी मठाधीशी पर ग्रहण लगे, वे अपने निहित स्वार्थ की पूर्ति के लिए सोनिया गांधी को गुमराह कर रहे हैं कि मनमोहन सिंह को अभी हटाना व राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के पद पर आसीन करना उचित नहीं होगा। वे सोनिया गांधी को गुमराह कर रहे हैं कि आगामी 2014 में देश में होने वाले लोकसभा के आम चुनाव में कांग्रेस भारी मतों से अपने दम पर सत्तासीन होगी व राहुल गांधी को तब प्रधानमंत्री बनाया जायेगा। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि मनमोहन सिंह के कुशासन ने कांग्रेस को आम जनता से पूरी तरह से काट दिया है। आज कांग्रेस के पास जहां बिहार, उप्र तो पूरी तरह से छिटके हुए हैं परन्तु आंध्र, महाराष्ट्र, तमिलनाडू , उत्तराखण्ड, राजस्थान, आदि जिन राज्यों में कांग्रेस सत्तासीन हुई उन राज्यों में कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया होने की संभावना है। इस तरह न तो कांग्रेस व नहीं सप्रंग गठबंधन के दलों की जीत की संभावनायें दूर दूर तक दिखाई दे रही हैं। भाजपा भी सत्तारूढ़ नहीं होगी, प्रधानमंत्री तीसरे मोर्चे का ही बनेगा। ऐसी स्थिति को रोकने के लिए व दूरगामी रणनीति के तहत अविलम्ब राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के पद पर आसीन करके जनहित के कार्यों पर ताडबतोड़ कार्य करना चाहिए। तभी पतन के गर्त में डूब रही कांग्रेस व देश को उबारा जा सकता हैं। देश में मजबूत जननेता लोकशाही का प्रमुख हो न की थोपशाही का मोहरा। देश का हित इसी बात में है कि मनमोहन सिंह जैसे गैर लोकतंात्रिक व्यक्ति से देश को मुक्ति मिले। सोनिया गांधी के चंद आत्मघाति सलाहकार जो उनको 2014 तक मनमोहन सिंह को ढोने व राहुल को 2014 में प्रधानमंत्री बनाने की सलाह दे रहे हैं वे नहीं चाहते हैं कि कांग्रेस में राहुल गांधी जैसे मजबूत जननेता सत्तासीन हो कर उनके निहित स्वार्थों की दुनिया पर ग्रहण लगाये। आज जहां अमेरिका भी नेहरू परिवार को सत्ता से दूर रखने का षडयंत्र कर रहा है वहीं कांग्रेसी आत्मघाति मठाधीश भी इसी दिशा में षडयंत्र में देश व राहुल का रास्ता रोक रहे है। सोनिया गांधी को एक बात समझ लेनी चाहिए कि आज देश की जनता मनमोहन सिंह जैसे जनविरोधी सरकार को एक पल के लिए सहने के लिए तैयार नहीं है। हर हाल में देश की जनता मनमोहन सिंह के कुशासन से मुक्ति चाहती है।
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