अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ संसद की चैखट पर ऐतिहासिक जंग शुरू
अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ संसद की चैखट पर ऐतिहासिक जंग शुरू
जन लोक विधेयक बनाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर कुरूक्षेत्रा में अनशन पर बैठें अन्ना हजारे
भ्रष्टाचार के रसातल में जमीदोज हुए भारत की रक्षा के लिए देश के लाखों देशभक्तों ने निर्णायक जंग का ऐलान महान समाजसेवी अन्ना हजारे के नेतृत्व में संसद की चैखट, राष्ट्रीय ध रना स्थल से 5 अप्रैल को आमरण अनशन शुरू कर के कर दिया है। यह अनशन रूपी आंदोलन जनांदोलन का रूप ग्रहण करते हुए देश के 450 शहरों में प्रारम्भ हो गया है। देश की राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय धरनास्थल जंतर मंतर में प्रधानमंत्री सहित तमाम अपीलों को दर किनारे करते हुए भ्रष्टाचार से देश को बचाने के संघर्ष का नेतृत्व करने वाले गांधी के तुल्य समाजसेवी अन्ना हजारे ने अपने ऐतिहासिक आमरण अनशन का शंखनाद कर दिया है। देश में लोकशाही का कुरूक्षेत्र समझे जाने वाले जंतर मंतर में प्रारम्भ हुए देश के गांधी तुल्य समाजसेवी अन्ना हजारे के इस महाभियान में देश के लाखों लोगों के साथ सहभागी बनने के लिए देश के प्रमुख समाजसेवी स्वामी अग्निवेश, मेघा पाटेकर,बाबा रामदेव, श्री रविशंकर,किरण वेदी, अनिल केजरीवाल, सहित देश के तमाम प्रखर समाजसेवी खुल कर आगे आ गये है। हालांकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अन्ना हजारे से अपना आमरण अनशन प्रारम्भ न करने की अपील की थी। परन्तु उनकी अपील को यह कह कर अन्ना हजारे ने ठुकरा दिया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन व सोनिया गांधी सहित देश के वरिष्ठ नेताओं व सरकार के उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों को इस आशय के लम्बे समय से कई पत्र भेजे जिस पर सरकार ने अभी तक कोई ठोस कार्य ही नहीं किया तथा इन पत्रों का उतर तक नहीं दिया। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे सरकार की इस निष्क्रियता से आक्रोशित थे कि भ्रष्टाचार निरोधी लोकपाल विधेयक का स्वरूप तय करने में नागरिक समाज को शामिल किए जाने की उनकी मांग मांग पर सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अपने इस कदम का ऐलान करने के लिए उन्होनंे दिल्ली के प्रेस क्लब में एक विशाल सम्वाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि ‘‘चूंकि प्रधानमंत्री ने लोकपाल विधेयक का स्वरूप तय करने के लिए नागरिक समाज के लोगों के साथ एक संयुक्त समिति गठित किए जाने की मांग को अस्वीकार कर दिया है, इसलिए पूर्व में की गई घोषणा के अनुसार मैं आमरण अनशन पर बैठूंगा। ‘यदि इस दौरान मेरी जिंदगी भी कुर्बान हो जाए तो मुझे इसका अफसोस नहीं होगा। मेरा जीवन राष्ट्र को समर्पित है।’’5 अप्रैल मंगलवार सुबह सबसे पहले सुबह जंतर मंतर धरना स्थल पर आने के बाद अन्ना हजारे गांधी जी की समाधी को नमन करने नौ बजे राजघाट गये व फिर उसके बाद इंडिया गेट में जा कर शहीदों को नमन् किया। इसके बाद उन्होंने जंतर-मंतर पर पंहुच कर अपना उपवास प्रारम्भ किया। उनके इस उपवास में हजारों लोगों ने समर्थन दे कर सरकार की चूलें ही हिला दी। उनके उपवास को समर्थन करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं देश की जनता से अपील करता हूं कि वे इस भूख हडम्ताल में शामिल हों और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को अपना समर्थन दें।’’
इंडिया अगेंस्ट करप्शन के इस अभियान का संयोजन कर रहे अरविंद केजरीवाल के मुताबिक दिल्ली के अलावा देश भर में चार सौ जगहों पर लोग अनशन पर बैठ गये है। देश भर से साढ़े छह लाख लोगों ने हेल्पलाइन नंबर पर रजिस्टर कर इस आंदोलन को अपना समर्थन किया है। इसी तरह फेसबुक पर इंडिया अगेंस्टर करप्शन के इस अभियान को 30 हजार से ज्यादा लोगों ने इसे समर्थन किया है। वहीं स्वामी अग्निवेश ने साफ शब्दों में कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी की पहली जंग का बिगुल बज गया है। श्री अग्निवेश अन्ना हजारे के साथ संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली प्रेस क्लब में पधारे हुए थे। उनके साथ राष्ट्रीय जनांदोलनों के संयोजक भूपेन्द्र रावत, उत्तराखण्ड आंदोलन के प्रमुख संगठन उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत, महासचिव जगदीश भट्ट व कोषाध्यक्ष जगमोहन सिंह रावत ने भी तमाम लोगों से इस आंदोलन में भाग लेने की अपील की। अन्ना हजारे के अनशन के समर्थन में बड़ी तदाद में लोग यहां जंतर-मंतर पर जुटे हैं। देश विदेश से अनेक धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक नेताओं ने उनके इस अभियान का समर्थन करने का ऐलान किया है।इस अभियान का प्रमुखता से नेतृत्व कर रही देश की पहली महिला आइपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा कि जिस तरह क्रिकेट विश्व कप के लिए पूरा हिंदुस्तान एकजुट हुआ वैसी ही एकजुटता इस मुद्दे पर भी दिख रही है। क्रिकेट का कप तो सिर्फ चार साल के लिए है, मगर यह ऐसा कप होगा, जिसका फायदा हिंदुस्तान को हमेशा मिलता रहेगा। सबसे प्रसन्नता की बात यह है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ इस जंग में देश के हर वर्गो व समुदाय का भारी समर्थन मिल रहा है। हजारों की संख्या में लोग जुटे हुए है।
अन्ना हजारे के राष्ट्रीय धरना स्थल पर शुरू किये गये इस आमरण अनशन को स्वामी अग्निवेश किरण बेदी, योग गुरु बाबा रामदेव, श्री श्री रवि शंकर, मुस्लिम नेता महमूद मदनी, आर्क बिशप विसेंट एम. कौंसेसाउ, अरविन्द केजरी वाले सहित देश के तमाम प्रमुख सामाजिक कार्यकत्र्ताओं ने अपने समर्थन देने का ऐलान किया है। वहीं उनके इस कदम से पूरी सरकार में हडकंप सा मच गया है। इससे पहले भी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खुद मुलाकात कर अन्ना को आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध कर चुके हैं। अन्ना हजारे की मांगों लिए रक्षा मंत्री एके. एंटनी की अध्यक्षता में मंत्रियों की एक उप समिति भी बनाई गई है।वहीं पूरे महाराष्ट्र की राजनीति ही नहीं वहां की जनता भी अन्ना हजारे के आमरण अनशन से पूरी तरह उद्देल्लित हो गयी है। अन्ना के अनशन को रोकने के लिए सरकार ने कई स्तर पर कोशिश शुरू कर दी है। सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार समिति ने लोकपाल विधेयक के मसौदे पर विमर्श शुरू कर अन्ना को शांत करने की कोशिश की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष माणिक राव ठाकरे को खास तौर पर अन्ना को मनाने के लिए लगाया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय भी इस काम में जुट गया है। भाजपा, सहित तमाम राजनैतिक दलों ने अन्ना के इस अभियान को समर्थन देने का एलान किया है। कुल मिला कर अन्ना हजारे का अनशन देश से भ्रष्टाचार मिटाने के अभियान में निर्णायक साबित होगा। देश के तमाम लोगों को आगे आ कर इस महान आंदोलन में सहभागी बन कर देश हितों व देश को भ्रष्टाचार के गर्त में धकेल रही हुक्मरानों के नापाक इरादों पर अंकुश लगाने के अपने नागरिक दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए। शेष श्रीकृष्ण कृपा। हरि ओम तत्सत्। श्री कृष्णाय् नमो।
Comments
Post a Comment