-बांधों व जलविद्युत परियोजनाओं के बजाय भू तापीय ऊर्जा (Binary Cycle Plant ) बनी बरदान 
-भूकम्प व बांधों से बचाव कर कर ऊर्जा की जरूरतें पूरा करने वाले भू तापीय ऊर्जा ( Binary Cycle Plant  ) उत्तराखण्ड में स्थापित करं मुख्यमंत्री  बहुगुणा

पूरे विश्व में भू तापीय ऊर्जा (Binary Cycle Plant ) से पृथ्वी को भूकम्प व बडे बांधों की त्रासदी से बचाया जा सकता है इसके साथ भारी मात्रा में बिजली पैदा की जा सकती है। इस समय विश्व में अमेरिका, इटली, जापान, इंडोनेशिया, फिलिस्तीन सहित अनैक देशों में भू तापीय ऊर्जा ( Binary Cycle Plant  ) से जहां बिजली का उत्पादन किया जा रहा है वहीं भूकम्प व ज्वालामुखी के खतरे को काफी कम कर दिया है। भारत में भूकम्प की दृष्टि से सबसे संवेदनशील उत्तराखण्ड सहित हिमालयी राज्यों में जहां बडे बांध व जल विद्युत परियोजना से यहां के पर्यावरण व लोगों के विस्थापन का बडा खतरा हर पल मंडरा रहा है, अगर इन राज्यों की सरकारें अपने निहित स्वार्थ से उपर उठ कर जन व प्रदेश के हित में जरा सा भी संवेदनशील हों तो वे यहां पर बड़ी संख्या में भू तापीय ऊर्जा (Binary Cycle Plant ) लगा कर यहां पर भारी मात्रा में विजली उत्पादन कर सकते हैं और प्रदेश को भूकम्प व विस्थापन की त्रासदी से बचा सकते है।’ यह रहस्य अन्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक सूर्या प्रकाश कपूर ने उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सांसद भगतसिंह कोश्यारी से भाजपा मुख्यालय से सटे हुए उनके संसदीय आवास में 16 मई बुधवार को गो भक्त स्वामी गोपाल दास मुनि के नेतृत्व में गो, गंगा व हिमालय की रक्षा करने के अभियान के तहत व्यापक समर्थन हासिल करने की गुहार लगाते हुए कही। इस शिष्ट मण्डल में गोपाल दास मुनि व वैज्ञानिक सूर्या प्रकाश कपूर के अलावा श्री कृष्ण विश्व कल्याण भारती के प्रमुख देवसिंह रावत व अन्तराष्ट्रीय कबड़डी खिलाड़ी कुलदीप पहलवान भी साथ थे। पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी से हुई विशेष वार्ता के समय प्रदेश के पूर्व दर्जाधारी पी सी नैनवाल, अनिल बलूनी व पूर्व मुख्यमंत्री के सहायक जगदीश भाकुनी भी उपस्थित थे।
प्राकृतिक आपदाओ के उन्मूलन के अन्तराष्ट्रीय विशेषज्ञ वैज्ञानिक के रूप में जाने जाने वाले सूर्या प्रकाश कपूर ने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भगतसिंह कोश्यारी से कहा कि आप उत्तराखण्ड प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से प्रदेश में बिजली उत्पादन के लिए बडे बांध या जल विधुत परियोजनाओं का अंधाधुध स्थापना करके प्रदेश के हितों से खिलवाड़ करने से रोकते हुए उन्हें भू तापीय ऊर्जा ( Binary Cycle Plant  )  प्लांट लगाने के लिए कहे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में 700 मीटर नीचे ही बड़ी मात्रा में लावा मिलता है, इसके साथ ही यहां पर बड़ी संख्या में गर्म पानी के स्रोत भी विद्यमान है। इन स्थानों में भू तापीय ऊर्जा ( Binary Cycle Plant  ) प्लांट स्थापित करके प्रदेश को जहां भारी विजली मिलेगी वहीं भूकम्प व बडे बांधों के दंश से मुक्ति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि यहां पर सेकड़ों की संख्या में भू तापीय ऊर्जा ( ठपदंतल ब्लबसम च्संदज ) प्लांट स्थापित किये जा सकते है। इन प्लांटों की लागत 6 करोड़ प्रति मेगावांट से लेकर बडी क्षमता के प्लांट में लागत काफी कम हो जाती है।
‘हिमालय जैसे भूकम्प की दृष्टि से संवेदनशील राज्यों में बिद्युत ऊर्जा के उत्पादन के नाम पर अंधाधुंध बन रहे बडे बांध या जल विद्युत परियोजनाओं से जहां पर्यावरण व मानवीय दृष्टि से काफी खतरनाक साबित होते हैं। वहीं इनके निर्माण से प्रकृति के साथ खतरनाक आत्मघाती खिलवाड़  किया जाता है इसके साथ हजारों लोगों को विस्थापन की त्रासदी झेलनी पड़ती है। अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक कपूर ने कहा कि गंगा पर एक भी बांध किसी भी कीमत पर नहीं बनना चाहिए। क्योंकि गंगा की पावनता व उसके निर्मलता को बांध निर्माण से बनने वाले सुरंगों में गंगाजल को डाल कर खतरा हो जाता है। जहां तक उत्तराखण्ड की बिजली उत्पादन का, तो यह बिजली बहुत ही आसानी से भू तापीय ऊर्जा (Binary Cycle Plant  ) स्थापित करने से लगाये जा सकते है। प्रदेश सरकार को तत्काल सीमान्त जनपद चमोली के तपोवन में गर्म पानी के स्रोत पर यह प्लांट स्थापित करने चाहिए। इन प्लांटों के स्थापना  करने के लिए सभी खर्च संयुक्त राष्ट्र संघ जो प्रकृति में ग्लोबल वार्मिग बचाव अभियान के तहत खर्च कराया जा सकता है। उन्होंने कहा गो गंगा व हिमालय की रक्षा करना प्रत्येक भारतीय का प्रथम कर्तव्य है। इसी अभियान के तहत उन्होंने बताया कि गो पूरे विश्व संस्कृति की माता है। भारतीय वंश की गायों में सूर्य केतु नाडी होने के कारण इसका दुध सुनहेरा व निरोगी होता है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा गो गंगा व हिमालय से छेडछाड करना देश द्रोह से कम नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका में 1800 मेगावाट क्षमता का, इटली में 1960 में में स्थापित, इंडोनेशिया में 28000 मेगावाट, जापान व फिलिस्तीन सहित कई देशों में भू तापीय ऊर्जा ( Binary Cycle Plant  ) प्लांट सुचारू रूप से चल रहे है। उन्होंने कहा विश्व में जहां भी भूकम्पीय व ज्वालामुखी के कारण तबाही होती थी अब उन स्थानों में भू तापीय ऊर्जा (Binary Cycle Plant ) लगा कर भूकम्प व ज्वालामुखी से रक्षा करके इन क्षेत्रों की ऊर्जा का विजली के रूप में दोहन कर सदप्रयोग किया जा सकता है।

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