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Showing posts from December, 2011

अण्णा व टीम अण्णा का उपहास व अपमानित करने के बजाय इनको सम्मानित करे सरकार व मीडिया

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-महानायक अण्णा का सलाम -जब बिना सीबीआई के कैग भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करता है तो लोकपाल के अंदर सीबीआई लाने की जिद्द क्यों? -टीम अण्णा नहीं देश की सवा अरब जनता को समझे अण्णा अपनी शक्ति अण्णा व टीम अण्णा का उपहास व अपमानित करने के बजाय इनको सम्मानित करे सरकार व मीडिया जब बिना सीबीआई को अपने नियंत्रण में लिये हुए देश में केन्द्र व राज्य सरकारों के कई बडे घोटालों को भारत का नियंत्रक एवं महा लेखा परीक्षक यानी कैग , हर साल बखुबी से बेनकाब करता है तो क्यों अण्णा हजारे व उसकी टीम लोकपाल के नियंत्रण में सीबीआई लाने की जिद्द कर रहे  हैं? क्या लोकपाल के पास असीमित शक्तियां देना लोकशाही के खिलाफ नहीं है। लोकपाल देश में एनजीओ यानी स्वयं सेवी संस्थाओं व मीडिया सहित तमाम सरकारी विभागों के भष्टाचार पर अंकुश लगाने का काम करे। इसी दिशा में मजबूत पहल होनी चाहिए तथा सरकार को भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने वाले याची को किसी प्रकार से प्रताड़ित करने वाले व आरोपी को बचाने वाले किसी प्रकार का प्रावधान इस लोकपाल के अंदर होना चाहिए। अण्णा हजारे ने अपना अनशन को समाप्त करके तथा अपना जेल जाने वाला आंदोलन भी...

लो बन ही गया लोकपाल अण्णा व सोनिया को बधाई

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लो बन ही गया लोकपाल      अण्णा व सोनिया को बधाई देश को तबाह कर रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लाने के लिए ‘जनलोकपाल कानून बनाने की मांग को लेकर ’व्यापक जनांदोलन चलाने वाले अण्णा हजारे व सप्रंग सरकार की मुखिया सोनिया गांधी की पहल पर बनाये गये लोकपाल बिल को संसद द्वारा 27 दिसम्बर की मध्य रात्रि में पारित करने पर हार्दिक बधाई। भले ही अण्णा का जनलोकपाल व सरकार द्वारा बनाये गये लोकपाल में कई खामियां है परन्तु देश में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए इस दिशा में लोकपाल कानून बनाने की पहल करने का स्वागत। आशा हे कि देश की संसद जो इस कानून को बनाने के लिए रात बारह बजे तक निरंतर चलती रही, इसी प्रकार देश के हितों के लिए भविष्य में भी इस कानून में एनजीओ और मीडिया सहित तमाम उन संस्थानों को भी जोड कर इसे और प्रभावी बनायेगी जिससे देश को भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। इस लोकपाल को संवेधानिक दर्जा देने की राहुल गांधी की पहल पर जिस ढ़ग से भाजपा ने विरोध किया उससे साफ हो गया कि भाजपा का देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को समूल नष्ट करने के लिए कितनी तैयार है। भाजपा को देश के हित में दलीय स...

-राहुल गांधी ने किया भाजपा के भ्रष्टाचारी व जातिवादी मुखोटे पर करारा प्रहार

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-राहुल गांधी ने किया भाजपा के भ्रष्टाचारी व जातिवादी मुखोटे पर करारा प्रहार / -राहुल गांधी के ‘आम जनता की नहीं वर्ग विशेष की  है भाजपा सरकार’के बयान से सहमी भाजपा/  कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी द्वारा  23 दिसम्बर को  देहरादून में हुई देहरादून में आयोजित रैली में प्रदेश भाजपा सरकार को न केवल भ्रष्टाचारी बताया अपितु उसके जातिवादी व क्षेत्रवादी मुखोटे को आम जनता की नहीं अपितु वर्ग विशेष की सरकार बता कर प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी। हालांकि प्रदेश के अधिकांश समाचार पत्रों ने इस इशारे को समझ नहीं पाये, परन्तु राहुल गांधी ने प्रदेश की उस पीड़ित जनता की नब्ज पर हाथ रखा जो लम्बे समय से प्रदेश  भाजपा के जातिवादी, क्षेत्रवादी व भ्रष्टाचारी कुशासन से लम्बे समय से त्रस्त है। जिस प्रकार से प्रदेश भाजपा शासन में केवल जाति विशेष के लोगों को प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर महत्वपूर्ण मंत्रालय व शासन प्रशासन के महत्वपूर्ण पदों में आसीन तमाम विरोध के बाबजूद किया जा रहा है उससे प्रदेश का बहुसंख्यक वर्ग भाजपा से काफी आक्रोशित हे। इसी आक्रोश के कारण प्रदेश की जनता ने भाजप...

30 जनवरी को मतदान की घोषणा से उत्तराखण्ड में मचा हडकंप

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30 जनवरी को मतदान की घोषणा से उत्तराखण्ड में मचा हडकंप/ -5 जनवरी को अधिसूचना जारी, 12 जनवरी को नामांकन भरने की अंतिम दिन व 16 जनवरी को नामांकन वापस लेने का अंतिम दिन/ -नई दिल्ली।(प्याउ)। चुनाव आयोग द्वारा उप्र, उत्तराखण्ड, पंजाब, मणिपुर व गोवा राज्यों की विधानसभाई चुनाव की रणभेरी बजा दी। इस घोषणाा के तहत हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड में 30 जनवरी को मतदान किये जाने की घोषणा से प्रदेश की सभी पार्टियों में एक प्रकार से हडकम्प सा मच गया। प्रदेश में चुनाव की अधिसूचना 5 जनवरी को जारी की जायेगी। नामांकन भरने की अंतिम दिन 12 जनवरी, 13 जनवरी को  उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच व 16 जनवरी को नाम वापसी की अंतिम दिन होगा। मतदान 30 जनवरी को होगा।  चुनाव आयोग की इस अप्रत्याशित घोषणा के कारण भाजपा, कांग्रेस सहित तमाम राजनैतिक दलों को अपने प्रत्याशियों की इसी सप्ताह घोषणा करने के लिए मजबूर कर दिया। राजनैतिक दलों को आशा थी कि प्रदेश में 20 से 25 फरवरी के बीच ही चुनाव होगा। परन्तु चुनाव आयोग की इस घोषणा से सभी हैरान व परेशान है। प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश की आम जनता इस पर चुनाव आ...

राजधानी गैरसैंण बनाने के संकल्प के साथ ‘म्यर उत्तराखण्ड’ ने मनाया 5वां भव्य वार्षिकोत्सव

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राजधानी गैरसैंण  बनाने के संकल्प के साथ ‘म्यर उत्तराखण्ड’ ने मनाया  5वां भव्य वार्षिकोत्सव/ म्यर उत्तराखण्ड संस्था से प्रेरणा लें  तथाकथित सामाजिक संस्थायें / प्यारा उत्तराखण्ड की विशेष रिपोर्ट- रविवार, दिनाक 25 दिसम्वर 2011 को ‘म्यर उत्तराखंड ग्रुप सोसाएटी ने श्री सत्यसाईं इंटरनेशनल सेंटर में अपना पांचवा वार्षिकोत्सव बहुत ही भव्य ढ़ग से मनाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सांसद प्रदीप टम्टा सहित संस्था सहित तमाम वक्ताओं ने एक स्वर में प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाने का संकल्प ले कर मनाया! कार्यक्रम में उत्तराखंडी लोक संस्कृति पर आधारित रंगारंग प्रस्तुति दी गई,। इस समारोह का सबसे सराहनीय बात यह रही कि इसमें गायिका कुसुम पाण्डे को छोड़ कर अधिकांश तमाम कार्यक्रम गीत व नृत्य संस्था के सदस्यों द्वारा ही प्रस्तुत किये गये, इसको उपस्थित जनसमुदाय ने मुक्त कंठ से सराहना की।  गौरतलब है कि यह संस्था प्रतिवर्ष अपने वार्षिकोत्सव पर किसी क्षेत्र में किये गए उल्लेखनीय योगदान के दो विशिष्ठ व्यक्तियों को सम्मानित करती है! और उत्तराखंड की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति पर केन्द्रित स्मारिका...

राहुल गांधी की मेहनत पर ग्रहण लगा रहे हैं कांग्रेसी के क्षत्रप

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राहुल गांधी की मेहनत पर ग्रहण लगा रहे हैं कांग्रेसी के क्षत्रप राहुल की रेली में दो सांसदों की उपेक्षा से हैरान कांग्रेसी  देहरादून (प्याउ)। एक तरफ राहुल सोनिया गांधी आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्तासीन कराने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं वहीं उनकी मेहनत पर कांग्रेसी मठाधीश पानी फेरने का काम कर रहे है। ऐसा ही उत्तराखण्ड में चुनाव 30 जनवरी को होने वाले हैं परन्तु कांग्रेसी मठाधीश प्रदेश में कांग्रेस की राजनैतिक विरोधी भाजपा पर प्रहार करने के बजाय अपने ही दल के अपने विरोधी क्षत्रपों को पटकनी देने में व्यस्त है। भले ही कांग्रेसी उत्तराखण्ड में राहुल गांधी के दौरे को ऐतिहासिक व आगामी विधानसभा चुनाव में विजय का डंका बजाने वाला बता रहे हो परन्तु हकीकत यह हे प्रदेश कांग्रेस के मठाधीशों ने इस रेली में कांग्रेस का परचम फेहराने से अधिक अपनी नाक ऊंची रखने के ,खातिर राहुल सोनिया की मेहनत पर पानी फेरने का काम किया। यह सब राहुल गांधी की उपस्थिति में व प्रदेश प्रभारी चोधरी वीरेन्द्र की उपस्थिति में हुआ। राहुल गांधी को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब लगने लगी तो किसी तरह उस पर पर्दा डालने ...

बिना गैरसैण राजधानी बनाए पहाड़ी क्षेत्रों के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती-मनोहरकांत ध्यानी

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बिना गैरसैण राजधानी बनाए पहाड़ी क्षेत्रों के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती-मनोहरकांत ध्यानी/ उत्तराखण्ड राज्य गठन के लिए आहुति देने वाले पर्वतीय क्षेत्र की उपेक्षा से भी व्यथित श्री ध्यानी अब सक्रिय राजनीति से संन्यास लेंगे गोपेश्वर (प्याउ)। ‘उत्तराखण्ड की राजधानी गैरसेंण बनाये बिना पहाड़ी क्षेत्र के विकास की कल्पना ही नहीं की जा सकती’ वरिष्ठ भाजपा नेता व प्रदेश के योजना आयोग के सदस्य मनोहर कांन्त ध्यानी ने अपनी राजनैतिक जीवन की संघ्या में आखिरकार इस सच को प्रकट कर दिया जिस सच को जानते हुए भी सत्तासीन भाजपा के मुख्यमंत्री भुवनचंद खण्डूडी व पूर्व मुख्यमंत्री निशंक सहित वर्तमान भाजपा व कांग्रेस के अधिकांश नेता कहने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे है। 24 दिसम्बर को एक राष्ट्रीय समाचार पत्र ‘राष्ट्रीय सहारा ’में प्रकाशित विशेष वार्ता में  इस सच को जुबान पर आखिरकार लाने का साहस करके अब तक की भाजपा व कांग्रेस की तमाम सरकारों को अप्रत्यक्ष रूप से कटघरे में  खडा कर दिया है। 23 दिसम्बर शुक्रवार को गोपेश्वर में चुनाव अभियान में पार्टी के प्रचार के तहत आये भााजपा नेता मनोहर कांत ध्यानी ...

संसद, सरकार, अण्णा व जंतर-मंतर पर लोकपाल के नजारे

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संसद, सरकार, अण्णा  व जंतर-मंतर पर लोकपाल के नजारे आखिरकार काफी जिद्दोजहद के बाद 22 दिसम्बर को आज कांग्रेस गठबंधन वाली सप्रंग सरकार ने देश में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने वाले बहुचर्चित लोकपाल विधेयक को संसद में पेश कर ही दिया। जहां सप्रंग प्रमुख सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री सहित कांग्रेस के सभी नेता इसका समर्थन कर रहे हैं वहीं इस विधेयक को पेश करने के लिए देशव्यापी जनांदोलन छेड कर देश की सरकार व जनता को झकझोरने वाले अण्णा हजारे ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए इसे भ्रष्टाचार को ओर बढ़ाने वाला विधेयक बताया। वहीं संसद की चैखट यानी राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर पर कभी अण्णा के आंदोलन के हिस्सा रहे इंडिया अगेनस्ट करपशन के असंतुष्ट कार्यकत्र्ताओं  ने न केवल जनलोकपाल को लोकशाही के लिए खतरनाक बताया अपितु अण्णा हजारे के चार प्रमुख सिपाहे सलार अरविन्द केजरीवाल, किरण वेदी, प्रशांत भूषण व सिसोदिया के प्रति अंध मोह के कारण अण्णा की अलोकशाही प्रवृति को भी उजागर किया। जंतर मंतर के आंदोलनकारी क्षेत्र में लोग उस समय अचम्भित रह गये जब एक बडा मंच अण्णा के जनलोकपाल व अपने चार सिपाहेसिलारों का ...

-मुखोटे नहीं, मुख बने अण्णा हजारे

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-मुखोटे नहीं, मुख बने अण्णा हजारे/ -मनमोहन सरकार की सत्तांधता व हटधर्मिता तोडने में सफल हुए अण्णा/ देश में जनविरोधी सरकारों के कुशासन के दंश  से मृतप्राय पड़ी देश की करोड़ों जनता को जनलोकपाल बनाओं आंदोलन से झकझोरने वाले गांधी के बाद देश के जननायक बनके उभरे अण्णा हजारे ने कांग्रेस गठबंधन की सप्रंग सरकार की हटधर्मिता व सत्तांधता को तोड़ने का  ऐतिहासिक कार्य करने के लिए उनको शतः शतः नमन्। महाराष्ट्र के एक सामान्य गांव राणेसिद्वी में रहने वाले भारतीय सेना के इस जांबाज पूर्व सेनिक ने न केवल अपने संकल्प व जुझारूपन से अपने गांव, क्षेत्र व प्रदेश के साथ साथ देश तथा विश्व को अपने को अचंम्भित कर दिया। इसके साथ देश की आम जनता के साथ देश के राजनेताओं व सरकार को लोकशाही का ऐसा पाठ पढ़ाया कि सरकार की सारी हटधर्मिता व सत्तांधता दूर हो गयी। ऐसे समय जब पूरी व्यवस्था भ्रष्टाचार के गर्त में दम तोड़ रही हो ऐसे समय में अण्णा हजारे के नेतृत्व में देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए जो जनलोकपाल बनाने का जनांदोलन चलाया उससे देश के हितों के प्रति लापरवाह बनी सरकार सहित तमाम राजनैतिक दलों की इस दिशा मे...

यदि रूस में श्रीमद् भागवत गीता पर प्रतिबंध लगता है तो रूस से तत्काल सम्बंध तोडे भारत

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यदि रूस में श्रीमद् भागवत गीता पर प्रतिबंध लगता है तो  रूस से तत्काल सम्बंध तोडे भारत/ गीता पर प्रतिबंध लगाना सामुहिक आत्महत्या के समान है / नई दिल्ली(ंप्याउ)। यदि रूस, श्रीमद् भागवत गीता (प्रभुपाद द्वारा अनुवादित भाष्य ) पर प्रतिबंध लगाने की धृष्ठता करता है तो भारत सरकार अविलम्ब रूस से अपने सारे सम्बंध तोड़ देना चाहिए।’ यह विचार श्रीकृष्ण विश्व कल्याण भारती के प्रमुख देवसिंह रावत ने इस बारे में रूस में हो रहे विवाद पर दो टूक विचार प्रकट करते हुए भारत सरकार से मांग की। श्री कृष्ण विश्व कल्याण भारती के प्रमुख ने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता न केवल हिन्दुओं का पावन धर्म ग्रंथ है अपितु  विश्व संस्कृति की मूलाधार भारतीय दर्शन का प्राण भी है। श्रीकृष्ण विश्व कल्याण भारती के प्रमुख ने भारत के प्रधानमंत्री द्वारा अपनी हाल में सम्पन्न हुई यात्रा में इस विषय पर शर्मनाक मूक रखने पर कड़ी भत्र्सना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को देश के सम्मान, संस्कृति व हितों की रक्षा करने के अपने प्रथम दायित्व का निर्वाहन करना चाहिए। इस विषय पर भारत सरकार व देश की जनता को आगाह करते हुए श्री रावत ने कहा कि ...

गो हत्या भारत ही नहीं मानवता के माथे पर भी कलंक हैः शंकराचार्य माधवाश्रम

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गो हत्या भारत ही नहीं मानवता के माथे पर भी कलंक हैः शंकराचार्य माधवाश्रम/ ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगतगुरू के शंकराचार्य पद पर आसीन होने के 18 वें वर्ष पूरे होने पर/ शंकराचार्य माधवाश्रम जी महाराज का भव्य अभिनन्दन / नई दिल्ली(प्याउ)। सनातन धर्म के सर्वोच्च धर्मार्थ पद शंकराचार्य के पद पर आसीन होने के 18 वें वर्ष पूर्ण होने पर ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य माधवाश्रम जी महाराज का 18 दिसम्बर को श्रीकृष्ण बोध धाम दिल्ली में भव्य अभिनन्दन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में संतो, बुद्विजीवियों, राजनेताओं व श्रद्वालुओं ने शंकराचार्य माधवाश्रम जी महाराज की चरणवंदना कर उनका पावन आर्शीवाद ग्रहण किया। इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने जहां शंकराचार्य माधवाश्रम जी के विराट जीवन को सादर नमन् किया वहीं सभी संतों व समाज  को महाराज जी के विराट जीवन से प्रेरणा ले कर समाज व राष्ट्र निर्माण के लिए धर्म का पथ आत्मसात करने का भी आवाहन किया। उपस्थित जनों को इस अवसर पर शंकराचार्य माधवाश्रम जी ने आशीर्वचन देते हुए गो रक्षा के लिए अपने आप को समर्पित करने का भी आवाहन किया। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि गो हत्या न केवल...

गीता पर प्रतिबंध लगाना सामुहिक आत्महत्या के समान है

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गीता पर प्रतिबंध लगाना सामुहिक आत्महत्या के समान है महान श्रीकृष्ण भक्त प्रभुपाद ने जड़ चेतन में भगवान श्रीकृष्ण को मानते हुए पूरे विश्व के कल्याणार्थ गीता की दिव्य ज्ञान की गंगा से उद्वार कराने का भागीरथ प्रयत्न किया। उनके इस श्रेयकर प्रयास से पूरे विश्व के लाखों लोगों ने अपना जीवन को धन्य किया। परन्तु गीता रूपि दिव्य ज्ञान के प्रकाश से अज्ञानी लोगों को अपनी धर्म के नाम से चलने वाली भ्रमित करने वाली दुकाने बंद होने का भय सताने लगा। इसी भय से भयभीत हो कर रूस में गीता को अलगाववाद का प्रतीक मानते हुए उस को बंद करने के लिए कुतर्क दे कर ऐन केन प्रकार से गीता व इस्कान पर प्रतिबंध लगाने का षडयंत्र रच रहे है। इसी का एक छोटा सा नमुना है रूस की कोर्ट में इस मामले में एक वाद। गीता पर प्रतिबंध की मांग करके रूस के धर्म के ठेकेदारों ने अपने समाज की एक प्रकार से सामुहिक आत्महत्या करने के लिए धकेलने का निकृष्ठ काम कर रहे है। ये सब केवल रूस में हो रहा षडयंत्र नहीं अपितु पूरे विश्व में ईसायत व आतंकवादियों का इस दिशा में सामुहिक शर्मनाक प्रयास है। गीता जडतावादी नहीं चेतनवादी प्रवृति की प्रवाहिका है। इसस...

OSCAR FERNADES A Great and Unique Real leader of INDIAN Politics

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i selute great and unique real leader of Bhartian politics, who has care country and people . I seeing since many year Mr Oscar Fernandes either he was minister or MP or simple leader he look after all common people who come to visit him, I see no one leader of Indian politics who serve common people like Oscar. I never introduse myself with Oscar but I has been seeing how so heartly he helps all people who come infront of him. I selute again great real and unique leader of Indian Politics who has heart to honestly serve human being without any partialities and self interse. I wonder to see his dedication at this time of Indian politics where most of leader and all system has been corrupted . I wish pray god if Indian politicians and social activist learn few dedication from great and real leader Mr Oscar Farnadis. I seen no one leader in indian politics either congress or bjp or others party who has innocently and heartly serving all human being without seeing what his position. India...

जरूरत है दिल्ली व देश को लोकशाही के चंगेजों से बचानी की

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जरूरत है दिल्ली व देश को लोकशाही के चंगेजों से बचानी की/ सिकन्दर हो या चंगेज या फिरंगी, भारत पर रही सब लूटेरों की सदा नजर/ फिरंगियों से आजादी मिलने के बाद भारत को लूटने के लिए लोकशाही के लूटेरों की नजर भी इसके खजाने पर रही। आज दिल्ली को देश की राजधानी बने हुए 100 साल हो गये , ऐसे में जरूरत है देश के दिल्ल व भाग्यविधाता बनी दिल्ली पर इन लोकशाही के चंगेजों से बचाने की। आओ दिल्ली को राजधानी बने 100 साल होने पर हम सब दिल्ली को लोकशाही के चंगेजों से बचाने का संकल्प लें, जो जाति, धर्म व क्षेत्र के नाम पर देश को दोनों हाथों से लूट रहे हैं।

-लोकशाही के कुरूक्षेत्र राष्ट्रीय-धरना स्थल ‘जंतर मंतर’ पर फिर पधारने पर अण्णा का हार्दिक स्वागत

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--लोकशाही के कुरूक्षेत्र राष्ट्रीय-धरना स्थल ‘जंतर मंतर’ पर फिर पधारने पर अण्णा का हार्दिक स्वागत/ -देश में केवल जंतर मंतर पर ही जीवंत है लोकशाही/ -लोकशाही के पुरोधाओं के लिए सबसे बड़ा तीर्थ है जंतर मंतर / देश की लोकशाही को भ्रष्टाचार के शिकंजे से बचाने के लिए जनांदोलन का नेतृत्व कर रहे अण्णा हजारे का  दिल्ली के जंतर मंतर पर 11 दिसम्बर 2011 को स्वागत है। अण्णा हजारे भ्रष्टाचार के शिकंजे में दम तोड़ रही भारतीय व्यवस्था को बचाने के लिए सरकार से जनलोकपाल कानून बनाने की मांग को लेकर निरंतर कई महिनों से विश्व को झकझोरने वाला शांतिपूर्ण व्यापक जनांदोलन का नेतृत्व कर रहे है। इसी जंतर मंतर पर मैने भी अपने साथियों के साथ पृथक उत्तराखण्ड राज्य गठन के लिए निरंतर 6 साल (अगस्त 1994 से 16 अगस्त 2000) तक व्यापक सफल जनांदोलन एव धरना प्रदर्शन  किया था। देश के राज्य गठन के संघर्ष में उत्तराखण्ड राज्य गठन के लिए हमारे ‘उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा ’ के 6 साल के जंतर मंतर के का यह संघर्ष अब तक का संसद की चैखट राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर दिल्ली में चलने वाला सवसे लम्बा एकलोता संघर्ष रहा। ...

राहुल व सोनिया की आशाओं पर उत्तराखण्ड में बज्रपात करने को उतारू हैं कांग्रेसी दिग्गज

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राहुल व सोनिया की आशाओं पर उत्तराखण्ड में बज्रपात करने को उतारू हैं कांग्रेसी दिग्गज/ उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव से पहले के नजारे/ दिल्ली में कांग्रेसी मठाधीशों के कारण उत्तराखण्ड विधानसभा का जीत सकने वाला चुनाव कहीं कांग्रेस गत विधानसभा चुनाव की तरह हाथ से चुकाना न पडे। कांग्रेसी मठाधीशों की गतिविधियों को देख कर ऐसा ही लग रहा है कि वे सब भाजपा के भ्रष्टाचारी कुशासन से मुक्ति पाने के लिए लालायित जनता व कांग्रेस को सत्तासीन करने के लिए दिन रात पसीना बहाने वाले कांग्रेसी आला नेता सोनिया-राहुल गांधी की आशाओं में बज्रपात करने वाले है। अगर कांग्रेस नेतृत्व ने समय पर ध्यान नहीं दिया तो कांग्रेस का बंठाधार उनके नाम पर मठाधीश बने नेता करने वाले है। टिकटार्थियों की जमघट दिल्ली में, भाजपा में ना के बराबर व कांग्रेस में धमाल ही मचा हुआ हे। भाजपा में कम का एक कारण यह भी है कि भाजपा में टिकटों के वितरण का जिम्मा मुख्यमंत्री खंडूडी व कोश्यारी दोनों के पास है। दोनों आये दिन उत्तराखण्ड में ही यत्र तत्र दिखाई दे रहे हैं। वहीं कांग्रेस में टिकटों का बंटवारा केन्द्रीय नेतृत्व के जिम्मे होने के कारण का...

-लूटेरे पंचतारा अस्पतालों के फल फूलने व सरकारी अस्पतालों का दम तोड़ने के लिए जिम्मेदार है निकम्मी सरकारें

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-लूटेरे  पंचतारा अस्पतालों के  फल फूलने व सरकारी अस्पतालों का दम तोड़ने के लिए जिम्मेदार है निकम्मी सरकारें / -कोलकाता के निजी पंचतारा अस्पताल में अग्निकाण्ड प्रकरण से चिकित्सा माफियाओं पर उठे गंभीर सवाल/ -ग्रामीण चिकित्सकों वाली व्यवस्था शीघ्र प्रारम्भ करें स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद/ पश्चिम बंगाल प्रदेश की राजधानी कोलकाता के दक्षिण क्षेत्र के एक निजी अस्पताल आमरी (एएमआरआई) के नए भवन के भूतल में 9 दिसम्बर शुक्रवार तड़के 2.10 बजे लगी भीषण आग लगने से दम घुटकर मरीज व अस्पताल कर्मचारी समेत 90 लोगों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से जख्मी हो जाने से देश में तेजी से खुले इन पंचतारा अस्पतालों की पूरी कार्यप्रणाली पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया। आज सबसे बड़ा सवाल यह है कि देश में हजारों की संख्या के फेले अस्पताल के नाम पर लूट खसोट के लक्षागृहों का फलने फूलने का तथा सरकारी अस्पतालों का दम तोड़ने का क्या कारण है ?देश के चिकित्सा मंत्री गुलाम नबी आजाद जो क्रांतिकारी ग्रामीण चिकित्सक व्यवस्था देश में लागू करा कर ग्रामीणों के स्वास्थ्य की रक्षा करना चाहते थे । उसको तत्काल शुरू करना चाहि...

तीन पीड़ियों का एक अधूरा सपना

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तीन पीड़ियों का  एक अधूरा सपना सपना बाप का भी वही सपना हो दादा का भी वही एक छोटा सा घर हो अपना सपना पोता का भी है वही । एक पक्का घर बनाने की आश में मिट जाती है गरीबों की कई पीडियां पर न ही वह घर ही बनता नहीं रहते है वे आदमी । पर लुटेरों के महलों को रोशन करने के लिए तबाह की जाती है गरीबों की बस्तियां पर इन गरीबों का एक पक्का घर बनाने का पीडियों का सपना अधूरा।। सरकार कोई भी बने यहां बनती सदा गरीबों के मतो से पर वह गरीबों को मिटा कर रोशन करती है अमीरों की दुनिया।। देवसिंह रावत (7दिसम्बर बुद्ववार 2011 रात के 12.27)

विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की लूटिया डुबोयेंगे खंडूडी

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विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की लूटिया डुबोयेंगे खंडूडी/ -भाजपा को डूबता जहाज मान कर दामन छोड़ रहे हैं भाजपा नेता/ एक तरफ नैनीताल में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्रियों की बैठक में भाजपा ने उत्तराखण्ड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री खण्डूडी के ही नेतृत्व में कराये जाने की आत्ममुग्ध ऐलान की गूंज, प्रदेश की जनता के कानों तक भी नहीं पंहुच पायी थी कि सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ की जिला पंचायत अध्यक्षा सुनीता देवी ने भाजपा को डूबता जहाज समझते हुए उसका दामन छोड़ कर कांग्रेस का दामन थामने का ऐलान कर प्रदेश की राजनीति में जनभावनाओं का आयना भाजपा को दिखा कर, भाजपा के रणनीतिकारों की नींद ही उडा दी। हालांकि यह पहली बार नहीं हुआ कि भाजपा समर्थक किसी जिला पंचायत अध्यक्ष ने प्रदेश में भाजपा के शासन में उत्तराखण्ड में भाजपा का दामन छोड़ा हो। इससे पहले 13 जनपदों के प्रदेश में 3 भाजपा समर्थक जिला पंचायत अध्यक्षों ने भाजपा का दामन इस सरकार के वर्तमान कार्यकाल में छोड़ दिया हे। सबसे पहले प्रदेश की थोपी गयी राजधानी देहरादून की जिला पंचायत अध्यक्षा ने भाजपा के हवाई नेतृत्व को जमीनी हकीकत का अहसास...

अपने लिये नहीं अपितु प्रदेश के लिए सोंचे राज्य आंदोलनकारी

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-अपने लिये नहीं अपितु प्रदेश के लिए सोंचे राज्य आंदोलनकारी/ -जब घर में तबाही की ज्वाला धधक रही हो तो उस समय उस ज्वाला को समाप्त करने के लिए पानी की बाल्टी डालने के बजाय अपनी रोटी के लिए आंसू बहाना कोई बुद्विमता नहीं है। / इस सप्ताह खबर आयी कि ऋषिकेश उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति ने सरकार पर आंदोलनकारियों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए गत शुक्रवार से शहीद स्मारक में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। आंदोलनकारी खपा थे कि सरकार उनकी मांगे नहीं मान रही है। उनकी सुध नहीं ले रही है। आंदोलनकारियों को सरकारी सुविधाएं दिए जाने की मांग को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा लगातार सरकार को अवगत कराया जा रहा था, लेकिन इस संबंध में कोई कार्रवाई न होता देख आंदोलनकारियों ने विरोध स्वरूप धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस खबर को पढ़ कर मेरे मन में सदा की तरह एक ही सवाल गूंजा कि क्या हमने अपने हकों के लिए या अपने सम्मान के लिए यह राज्य आंदोलन में भाग लिया था। मेरा तो मानना रहा है कि सरकार हमारा मान करे या अपमान, हमें उससे कोई शिकायत नहीं। शिकायत ही नहीं आश भी नहीं। मेरी तो हमेशा एक ...

भारत के नहीं अमेरिका के हितों की रक्षा के लिए क्यों उतावले हैं प्रधनमंत्री मनमोहन

भारत के नहीं अमेरिका के हितों की रक्षा के लिए क्यों उतावले हैं प्रधनमंत्री मनमोहन/ - एनजीओ, मीडिया, न्यायपालिका व प्रधानमंत्री को दायरे में रखने वाले लोकपाल का गठन रके सरकार / प्यारा उत्तराखण्ड  अमेरिका की बहु राष्ट्रीय बड़ी कम्पनियों के लिए भारतीय खुदरा बाजार खोलने की मनमोहन सरकार की अंधी जिद्द के कारण संसद का शीतकालीन सत्र का एक सप्ताह से अधिक  हाय हल्ला की भैंट चढ़ गया।  आखिरकार मनमोहनसरकार को अपना कदम मजबूरी में वापस लेना पडा।  इस प्रकरण से एक बात देश के प्रबुद्व जनों को समझ में नहीं आ रही है कि जब देश में मंहगाई, आतंकवाद, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी  से देश त्रस्त है ऐसे में इन ज्वलंत समस्याओं का समाधान करने के बजाय देश की केन्द्र सरकार क्यों अमेरिका के हितों की पूर्ति के लिए देश का खुदरा बाजार खोलने के लिए उतावली हो रही है। मनमोहन सिंह सरकार के कार्यो पर एक नजर मारी जाय तो स्पष्ट हो जाता है कि यह सरकार देश की ज्वलंत समस्याओं के निदान करने में न केवल नितांत असफल रही अपितु यह सरकार इन समस्याअ ों के समाधान करने के लिए ईमानदार भी नहीं रही। देश में चारों तरफ स...

बलि देने वालों से अधिक गुनाहगार हे कातिल सरकारें

बलि देने वालों से अधिक गुनाहगार हे कातिल सरकारें/ -पशु बलि, जनता बनाम कातिल सरकार/ उत्तराखण्ड के प्रसिद्व बूंखाल मेले में इस साल बलि नहीं हुई। लोगों ने सरकारी कानून के भय से बलि नहीं दी। ऐसा ही कई जगह हुआ। मेरे मन में एक विचार कई सालों से बार बार उठता है कि अपने हितों के लिए निरापराध जीव की हत्या करने वाले गुनाहगार है। चाहे दो टके लिए लाखों निरापराध पशुओं की कत्ल कराने वाली सरकार या देवी देवताओं या अल्लाह के नाम पर बलि या कुर्वानी  देने वाले लोग।  जब हम किसी को जीवन दे नहीं सकते तो हमे किसी का जीवन दे नहीं सकते तो हमें किसी निरापराध जीव की हत्या करने का कोई अधिकार नहीं हे। जब तक कोई हमारे प्राणों को हरने की चेष्टा न करे तब तक हमें किसी के प्राणों को हरने की चेष्टा ही नहीं करनी चाहिए। इस मामले में मैं आम लोगों से अधिक गुनाहगार भारत की सरकार को मानता हॅू। पश्चिमी देश या अरब देशों से यह आश करना अभी बेईमानी ही होगी। क्योंकि इनको अभी इस गुढ़ दिव्य ज्ञान का भान तक नहीं। भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में अदभूत है। भारत में ज्ञान विज्ञान व आध्यात्म की सदियों से अमर गंगा बहती है। यहां ...

अण्णा हो या सरकार

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अण्णा हो या सरकार अण्णा हो या सरकार सुनलो कान लगाय भारत में नहीं चाहिए एनजीओ, जनप्रतिनिधियों व नौकरशाहों को   बचाने वाला ठगपाल। एक देश में हो एक विधान एक दण्ड हो एक सम्मान जनता हो या नेता   अधिकारी हो या न्यायाधीश कानून सबके लिए हो समान   ऐसा बने भ्रष्टाचार पर अंकुश   लगाने वाला जन लोकपाल।।   www.rawatdevsingh.blogspot.com