भारत को इंडिया से मुक्ति कराना है।



भारत को इंडिया से मुक्ति कराना है।
आओ  हम भारत को फिर से  महान बनायें
देष की आजादी को बंधन से मुक्ति दिलायें
षहीदों की षहादत की मिल कर लाज बचायें
भारत को इंडिया की गुलामी से मुक्ति करायें
आजादी के नाम पर चल रहा गुलामी का राज
अपनी भाशा रौंद कर चल रहा फिरंगी का राज
कब आयेगी  देष के बेषर्म हुक्मरानों को षर्म
देष  विकास के नाम पर अंधी मची है यहां लूट 
जाति-धर्म, भाशा-क्षेत्र के नाम बांट रहे हैं देष
देष लुट कर विदेषों में भर रहे हैं अपने बैंक
इन चंगेजों से देष को हम सबने बचाना है
अपने भारत कों फिर से विष्वगुरू बनाना है।।


(देवसिंह रावत 17 मार्च 20911 रात्रि 11.07 बजे)

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