चाह कर दिल भुला नहीं पाता
चाह कर दिल भुला नहीं पाता
कोन चाहता है दूर जाना, कोन चाहता है भूल जाना
यह वक्त का तकाजा ही होता मिल कर फिर विछुडना
पर दूर जा कर भी कोई किसी को कभी न भूल पाता
नजर चुराने से भी कोई चाह कर दिल से भुला नहीं पाता
यह बात ओर है कि हर वक्त कोई साथ नहीं निभा पाता
चाह कर भी दर्द को तुम्हारी तरह सरेआम नहीं कह पाता
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