फेस बुक के महानायक मार्क जकर्बर्ग को मिले नोबेल पुरस्कार


फेस बुक के जादूई चिराग से साकार होगा विश्व सरकार का सपना साकार 
फेस बुक के महानायक मार्क जकर्बर्ग को  मिले नोबेल पुरस्कार
निशुल्क ही फेस बुक से विश्व को कर दिया है मुठ्ठी में
छह साल में ही विश्व को  एक डोर में बांधने वाले महानायक मार्क जकर्बर्ग
आज जिस लोकशाही की रोशनी की एक किरण फेस बुक के माध्यम से पंहुचने से मिश्र से लेकर कई अरब देशों में तानाशाही सरकारें  रेत के महल की तरह ढह रही है। आज फेस बुक के माध्यम से आयी लोकशाही की रोशनी से ही लीबिया के लोग अपने देश में कर्नल गद्दाफी के चार दशक से अधिक सालों से स्थापित शासन को ढाह रहे हैं। अब वह दिन दूर नहीं है जब  फेस बुक के माध्यम से संसार भर के तमाम समझदार लोग ‘श्री  कृष्ण विश्व कल्याण भारती के बेनरतले मेरे दशकों से निराकार हुए विश्व सरकार के सपने को साकार करेगा। जहां न तो संयुक्त राष्ट्र संघ की तरह मात्र अमेरिका का बर्चस्व हो। यहां पर बिना रंगभेद, जाति, धर्म,लिंग व क्षेत्र भेद के सभी मनुष्यों के लिए कल्याणकारी एक विश्व सरकार की स्थापना हो। जहां शिक्षा, चिकित्सा सबको निशुल्क उपलब्ध करायी जायेगी। संसार के सभी नागरिकों को अपनी प्रतिभा के विकास का समान अवसर मिले। संसार के सभी संसाधन मानव कल्याण व विकास के लिए लगे न की विनाशकारी हथियारों के विकास व आपसी लडाई में लगे। इस कार्य में आज फेस बुक के माध्यम से पूरे संसार के लोग समझेगें और इसे अपनायेंगे। मुझे विश्वास है कि अब वह दिन दूर नहीं जब पूरे विश्व के लोग संसार की दो सो से अधिक सरकारों के झमेले से अपने को मुक्त कर  एक कल्याणकारी विश्व सरकार की स्थापना के लिए एकजूट होगे तथा इसे स्थापित करने में सफल होगें। आज इस बहस को विश्व सरकार के मंच से मैं पूरे विश्व जनसमुदाय के बीच में ले जा  रहा हॅू। इसके लिए सबसे बड़ा सहयोग फेस बुक का ही मिलेगा। इसी को कुरूक्षेत्र का मैदान बना कर इस सपने को साकार किया जायेगा।
विश्व शांति व लोकशाही तथा भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए अगर किसी को विश्व शांति का नोबेल पुरस्कार दिया जाय तो वह किसी और को नहीं अपितु छह साल में ही विश्व को एक डोर में बांधने वाले महानायक मार्क जकर्बर्ग को देना चाहिए। जिन्होने सन्2004 में स्थापित अपनी फेस बुक से  विश्व के 500 लाख से अधिक लोगों को मेल मिलाप का विश्व का सबसे बड़ा संवाद मंच दिया। आज मिश्र से लेकर अरब देशों में लोकशाही का जो जनलहर चल रही है उसके पीछे सबसे बड़ा श्रेय फेस बुक को ही दिया जाना चाहिए। जिसके माध्यम से विश्व के तमाम लोगों में लोकशाही की रोशनी से रूबरू हुए। जिसके माध्यम से पूरे विश्व में अन्याय के खिलाफ लोग एकजूट हुए। जिसके माध्यम से पूरे विश्व के जागरूक लोगों को एकजूट करके संसार में विश्व सरकार स्थापित करने  का मेरा सपना पूरा हो सकता है। जो काम विश्व की कोई सरकारें नहीं कर सकी वह काम हार्बड विश्व विद्यालय के एक छात्र मार्क जकर्बर्ग ने कर दिखाया। आज इस छात्र ने विश्व के आधा अरब लोगों को अपनी फेसबुक से जोड़ कर विश्व को एक परिवार की तरह निशुल्क ही जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। आप मंहगाई के मार में भले ही अपने जानकारों व मित्रों सहित तमाम असंख्य लोगों से दूरभाष या अन्य संसाधनों से सम्पर्क न कर पाये परन्तु आप फेस बुक  की सहायता से निशुल्क ही जोड़ कर आज विश्व में सबसे बड़ा सामाजिक संवाद संगठन बन गया है। अब आपको अपने मित्रों व जानकारों के लिए  संवाद करने के लिए दूरभाष, पत्र, मेलों व फेक्स इत्यादि के बजाय सुविधापूर्ण ढंग से एक ही साथ अनेकों लोगों से एक साथ बात कर सकते है।
यह इमेजिंग कि फेसबुक केवल 6 वर्षों के लिए आस पास किया गया के लिए कठिन है. यदि आप फेसबुक का हिस्सा नहीं रहे हैं आप जहां छुपा रहा है। यह सभी छात्रों के लिए एक मार्ग के रूप में हार्वर्ड से संपर्क में रहते शुरू किया है और जल्दी से आधुनिक युग के एक सांस्कृतिक प्रतीक बन जाते हैं. मार्र्क नबीमतइमतह, एक हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्र, द्वारा 2004 में स्थापित यह समय नहीं है फेसबुक अन्य आइवी लीग के स्कूलों के अधिकांश के लिए प्रसार करने के लिए और हर और अमेरिका भर में महाविद्यालय, विश्वविद्यालय के लिए पर फिर के लिए किया.

2007 तक यह एक विश्वव्यापी घटना लाख से अधिक 300 डॉलर की बिक्री के साथ था. फेसबुक वर्तमान में सबसे बड़ी 500 से अधिक लाख सदस्यों के साथ इंटरनेट पर सामाजिक नेटवर्क है. यातायात कि फेसबुक दैनिक अक्सर प्राप्त की राशि गूगल खोज की है कि से बढ़कर है.

इसके बिजली की तेजी से उच्चारण के लिए मुख्य कारण यह है कि यह लोगों को आसानी से एक दूसरे को चैबीस घंटे के साथ एक दिन कनेक्ट करने के लिए अनुमति देता है. सदस्य पता लगा कि उनके दोस्तों के लिए क्या अपने दोस्तों दीवार को देखने के द्वारा कर रहे हो सकते हैं. फेसबुक दीवार एक जगह है जहाँ दोस्तों और परिवार के सदस्यों को कुछ भी पर वे पाते हैं उनके जीवन में दिलचस्प उनके विचारों, गतिविधियों, और दैनिक अद्यतन पोस्ट है. मित्रों टिप्पणियाँ, घड़ी वीडियो पोस्ट कर सकते हैं या पर प्रवेश कर और एक दूसरे की दीवारों को देखने से ही चित्रों को देखो.

कई व्यवसायों और क्लबों में भी बिजली का लाभ ले रहे हैं और थ्ंबमइववा में आसानी. वे जानकारी है कि विशेष घटनाओं, बिक्री, या बैठकों के बारे में अपने ग्राहकों या सदस्यों को सूचित पोस्ट. यह विज्ञापन और संचार की एक बहुत ही सस्ता और कारगर तरीका है कि अधिक से अधिक लोकप्रिय हर साल हो रही है.

थ्ंबमइववा की लोकप्रियता के लिए एक अन्य पहलू यह है कि यह मुफ्त है. थ्ंबमइववा अपने उपयोगकर्ताओं को नहीं विज्ञापनदाताओं से अपने राजस्व का सब हो जाता है. निजी कंपनी के एक कुछ वर्षों में सार्वजनिक जा रहा है तो यह शायद एक मुफ्त सेवा रहेगी, गूगल की तरह, हमेशा की योजना बनाई है.

यह सब आप से मिलने की तरह लगता है एक निजी या व्यापार थ्ंबमइववा पृष्ठ है और इसकी लोकप्रियता धीमा के कोई निशान नहीं दिखाता है. महाविद्यालय दुनिया भर में ब्रांड के लिए साइट, थ्ंबमइववा एक लोगों के संपर्क में रहने के लिए जल्दी, आसानी से, और मुफ्त के लिए शानदार तरीका है.
स्क्रीनशॉट दिखाएँ,
फेसबुक अन्तरजाल पर स्थित एक निःशुल्क सामाजिक नेटवर्किंग सेवा है। जिसके माध्यम से इसके सदस्य अपने मित्रों, परिवार और परिचितों के साथ संपर्क रख सकते हैं। यह फेसबुक इंकॉ. नामक निजी कंपनी द्वारा संचालित है। इसके प्रयोक्ता नगर, विद्यालय, कार्यस्थल या क्षेत्र के अनुसार गठित किये हुए नेटवर्कों में शामिल हो सकते हैं और आपस में विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।ख्५, इसका आरंभ २००४ में हार्वर्ड के एक छात्र मार्क जुकरबर्ग ने की थी। तब इसका नाम द फेसबुक था। कॉलेज नेटवर्किग जालस्थल के रूप में आरंभ के बाद शीघ्र ही यह कॉलिज परिसर में लोकप्रिय होती चली गई। कुछ ही महीनों में यह जालस्थल पूरे यूरोप में पहचाना जाने लगा। अगस्त २००५ में इसका नाम फेसबुक कर दिया गया। फेसबुक में अन्य भाषाओं के साथ हिन्दी में भी काम करने की सुविधा है।
फेसबुक ने भारत सहित ४० देशों के मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों से समझौता किया है। इस करार के तहत फेसबुक की एक नई साइट का उपयोग मोबाइल पर निःशुल्क किया जा सकेगा। यह जालस्थल फेसबुक का पाठ्य संस्करण है। भारत में रिलायंस कम्युनिकेशंस और वीडियोकॉन मोबाइल पर यह सेवा प्रदान करेंगे। इसके बाद शीघ्र ही टाटा डोकोमो पर भी यह सेवा शुरू हो जाएगी। इसमें फोटो व वीडियो के अलावा फेसबुक की अन्य सभी संदेश सेवाएं मिलेंगी।
 फेस बुक के संस्थापक जुकेरबर्ग के अनुसार आज  फेस बुक में  आधे अरब सदस्यों का विश्व का सबसे बड़ा समुह है।  इसके कर्मचारियों की संख्या में कई हजार कर्मचारी हैं। इसके कर्मचारियों भावुक और ऊर्जावान हैं और एक प्रणाली है कि दुनिया भर के सदस्यों को अपने खुद के अनुप्रयोगों इतना विकसित है कि वे  इसका उपयोग कर सकते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

-देवभूमि की पावनता की रक्षा की फिर भगवान बदरीनाथ ने- निशंक के बाद मनंमोहन को भी जाना होगा

नव प्रभात शुभ प्रभात हो