अरविन्द केजरीवाल के प्रधानमंत्री व गडकरी के आवास प्रदर्शन से कांग्रेस को मिली बड़ी राहत
-कोयला घोटाले में केजरीवाल टीम द्वारा भाजपा को भी बराबर का दोषी बताने से कोयला घोटाले में आकंठ घिरी मनमोहन सरकार ने प्रसन्न हो कर दी टीम केजरीवाल को सोनिया, मनमोहन व गडकरी के आवास तक प्रदर्शन की इजाजत
देश में व्याप्त भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए टीम अण्णा के नेतृत्व में चलने वाला ‘जनलोकपाल’ रूपि देशव्यापी आंदोलन ने जहां केन्द्र में सत्तासीन कांग्रेस पार्टी की नींद हराम कर दी थी। वहीं इसी टीम के राजनैतिक विकल्प देने के प्रणेता व टीम अण्णा के सर्वशक्तिमान सेनापति अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में कोयला घोटाले के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली में 26 अगस्त रविवार को चलाया गया ‘‘प्रधानमंत्री मनमोहन व भाजपा के अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवास का घेराव का आंदोलन, कांग्रेस के लिए वरदान साबित हुआ। अरविन्द केजरीवाल की टीम ने कोयला घोटाला में कांग्रेस के साथ भाजपा व अन्य दलों को भी दोषी मान कर एक प्रकार कांग्रेस को राहत दे दी। इस प्रदर्शन से देश की जनता में एक साफ संदेश चला गया कि कोयला घोटाले में केवल कांग्रेस ही नहीं अपितु कांग्रेस पर आरोप लगाने वाली भाजपा, व अन्य पार्टियां भी बराबर की दोषी है। इसी से खुश हो कर 26 अगस्त को टीम केजरीवाल को न केवल सप्रंग सरकार की प्रमुख सोनिया गांधी, व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवास पर प्रदर्शन करने दिया गया अपितु इन के सैकडों आंदोलनकारियों को सुरक्षा की दृष्टि से देश के सबसे संवेदनशील क्षेत्र प्रधानमंत्री आवास पर भी प्रदर्शन करने दिया गया। केवल लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए सोनिया व प्रधानमंत्री के आवास पर हल्का लाठी चार्ज किया गया। इस आंदोलन से सरकार कितनी खुश थी यह प्रातः उसी समय पता चल गया था जब छापामार ढंग से इन तीनों अतिमहत्वपूर्ण व्यक्तियों के आवास पर प्रदर्शन के इरादे से पंहुचे केजरीवाल, कुमार विश्वास, मनीष, संजयसिंह व गोपाल राय आदि आंदोलनकारियों को प्रातः नो बजे के करीब मंदिर मार्ग थाने से नाटकीय ढंग से रिहा किया गया। उसके बाद उनको अपने सैकडों आंदोलनकारियों के साथ जंतर मंतर बहुत ही सहजता से कूच करने दिया गया। जंतर मंतर में चार घण्टे की सभा करने के बाद पुलिस ने फिर से प्रधानमंत्री, सोनिया व गडकरी की आवास की तरफ कूच करने वाले इन आंदोलनकारियों को न तो संसद मार्ग थाने पर रोकने की कोशिश की। नहीं तो पुलिस अधिकांश बडे से बडे हजारों से संख्या में आये आंदोलनकारियों को यहां से एक इंच भी आगे नहीं बढ़ने देती। संसद मार्ग थाने पर पुलिस ने न तो पानी की बोछार से रोका, न ही आंसू गैस ही छोड़ा व नहीं लाठी चार्ज ही करके इनको रोकने की कोशिश की । वैसे यहां से 100 मीटर दूरी पर गोल मेथी चैक पर पंहुचने पर ही पुलिस ने सैकडों संतों पर गोलियां चला दी थी। यहां पर प्रदर्शनकारियों को रौकने के लिए पुलिस रब्बर की गोलियां, घुड सवार पुलिस से लेकर तमाम हथकण्डा अपनाती है। जो पुलिस ने टीम केजरीवाल के साथ यहां पर कतई नहीं अपनाया। 6 साल तक मैने खुद उत्तराखण्ड राज्य गठन आंदोलन का एक सक्रिय सिपाई रहने व जंतर मंतर की राजनैतिक धरना प्रदर्शनों का विगत 20 साल से नजदीक से दृष्टा रहने के कारण मैं सरकार की मंशा को पूरी तरह से उस समय भांप गया जब बिना आंसू गैस, पानी की बौछार किये व लाठी चार्ज किये पुलिस ने मात्र 2000 से कम आंदोलनकारियों को प्रधानमंत्री जैसे अतिविशिष्ठ लोगों के आवास की तरफ कूच करने यों ही जाने दिया। मुझे मालुम है कि दिल्ली पुलिस बिना उपरी आकाओं के इशारे के संसद मार्ग थाने से लाखों की भीड़ को भी एक इंच भी आगे किसी भी कीमत पर नहीं बढ़ने देती है। परन्तु सरकार लगता है कि इस बात से खुश थी कि कोयले के घोटाले में भाजपा को भी बराबर का दोषी बताने वाले बैनर व नारे इस रैली के देश व्यापी खबरों के प्रकाशन से पूरे देश में पंहुच रही है। इस लिए सरकार ने इनको प्रधानमंत्री आवास तक कूच करने दिया। हां वहां पर केवल थोड़ी सी पानी की बोछार, लाठी चार्ज व आंसू गैस का प्रयोग कर आंदोलनकारियों को गिरफतार बता कर वहां से बसों में भर कर संसद मार्ग थाने में ला कर मुक्त किया गया। हाॅं खाना पूर्ति के लिए 5 मुकदमें भी केजरीवाल टीम पर दर्ज किये गये।
अब कांग्रेसी कह रहे हैं कि भाजपा व अन्य दल भी हमारे साथ हैं। जो काम कांग्रेस के बडे बडे प्रबंधक विगत एक पखवाडे से नहीं कर पाये वह काम केजरीवाल की टीम ने कांग्रेस के साथ भाजपा को कोयले घोटाले का दोषी बता कर, कर दिया। क्योंकि भाजपा जिस प्रखरता से संसद से सड़क पर कोयले घोटाले के लिए प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को दोषी बताते हुए अविलम्ब इस्तीफे देने की मांग कर रहे है। उससे कांग्रेस पार्टी काफी असहज महसूस कर रही है। अब टीम केजरीवाल ने भाजपा को भी कांग्रेस की तरह कोयला घोटाले का दोषी बता कर कांग्रेस को एक प्रकार से बड़ी राहत दी। भले ही केजरीवाल व उनके साथियों ने यह प्रदर्शन कोयला घोटाले में कांग्रेस की केन्द्र सरकार व भाजपा के प्रदेश सरकारों, सहित अन्य दलों को भी इस प्रकरण में आरोपी मानते हुए सभी राजनैतिक दलों का असली चैहरा जनता के सामने रखते हुए अपने राजनैतिक दल की भूमिका को मजबूत करने के लिए यह घेराव आंदोलन किया हो, परन्तु उनके इस आंदोलन से भले ही टीम केजरीवाल की अघोषित पार्टी का कितना जनाधार मजबूत होगा यह तो भविष्य के गर्त में छुपा है परन्तु इससे तत्काल कांग्रेस को काफी राहत मिली।
इस पखवाडे जब कैग की रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत होने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने देश में अब तक के हुए सबसे बड़े घोटाले यानी कोयले के घोटाले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सीधे दोषी बताते हुए उनके इस्तीफे की मांग को लेकर संसद की कार्यवाही को नहीं चलने दे रही है। जबकि कांग्रेस, इस मामले में भाजपा को संसद में बहस करने की चुनौती दे रही है परन्तु भाजपा संसद में बहस से बचते हुए सीधे प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करके संसद की कार्यवाही नहीं चलने दे रही है।
हालांकि देश में राजनैतिक विकल्प देने के नाम पर टीम अण्णा द्वारा नयी राजनैतिक पार्टी बनाने की हुंकार भरने के 24 घण्टे के अंदर इस आंदोलन के प्राणु पुरूष अण्णा हजारे द्वारा किसी प्रकार की राजनैतिक पार्टी में सम्मलित नहीं होने या उससे जुड़ने से दो टूक मना करने से एक प्रकार से टीम अण्णा के असली कत्र्ताधत्र्ता अरविन्द केजरीवाल सहित पूरी टीम को गहरा झटका लगा। इसी से उबरने के लिए शायद केजरीवाल ने 26 अगस्त को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवास का घेराव करने का ऐलान कर दिया। इस ऐलान को रौंदने के लिए जहां दिल्ली पुलिस ने मेट्रो से लेकर बसों को सीधे अवरोध खडे करके आंदोलनकारियों को किसी प्रकार का दुशाहस न करने की चेतावनी दे दी थी। इससे ऐसा लगता था कि 26 अगस्त को टीम केजरीवाल का प्रदर्शन कहीं जंतर मंतर तक ही सीमित न रह जाय। परन्तु जिस ढ़ंग से दिल्ली पुलिस ने इन आंदोलनकारियों को प्रधानमंत्री आवास तक कूच करने दिया उससे साफ हो गया कि केन्द्र सरकार में सत्तासीन कांग्रेस अरविन्द केजरीवाल की टीम द्वारा कोयला घोटाले में भाजपा को भी दोषी ठहराने से प्रसन्न है और वह इनकी खबरों का देशव्यापी प्रसारण खबरिया चैनलों द्वारा प्रसारण को देखते हुए इस प्रदर्शन को दिन भर संचालित कराते रहे। टीम अण्णा के सबसे जमीनी सदस्य व देश के नाट्य मंचों के प्रखर निर्देशक अरविन्द गौड़ ने जब मुझसे जंतर मंतर पर इस प्रदर्शन के बारे में पूछा तो मैने दो टूक शब्दों में यही बताया कि यह घेराव कांग्रेस के लिए वरदान साबित हो रहा है इसी लिए कांग्रेस सरकार ने प्रधानमंत्री आवास तक इनको प्रदर्शन करने की खुली इजाजत दे कर अपनी मंशा का इजहार किया। टीम केजरीवाल के आंदोलन से भाजपा को बेनकाब होते देख कर कांग्रेस के वरिष्ट नेता ताराचंद गौतम, मो. आजाद सहित कई नेता प्रसन्न थे। वहीं इस आंदोलन के साक्षी रहे मेरे आंदोलन के साथी जगदीश भट्ट, जगमोहन रावत, मोहन बिष्ट आदि कई आंदोलन के साथी उपस्थित थे। केजरीवाल की टीम के इस आंदोलन ने जहां देश की जनता को देश के तमाम राजनैतिक दलों का भ्रष्टाचारी चेहरा बेनकाब करके रख दिया, परन्तु कोयला घोटाले में भाजपा द्वारा संसद में कोयला घोटाले के आरोपी बताने से परेशान कांग्रेस को इस घोराव आंदोलन से एक प्रकार से डूबते को तिनके का सहारा मिल गया। हालांकि भाजपा को कोयला घोटाले का आरोपी बता कर भाजपा अध्यक्ष के आवास पर प्रदर्शन करने के केजरीवाल के निर्णय से असहमत किरण वेदी इस प्रदर्शन में सम्मलित नहीं हुई। वहीं दूसरी तरफ अण्णा हजारे ने इस प्रदर्शन की खुल कर सराहना की।
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