-जनविरोधी हुक्मरानों व राजनेताओं को बेनकाब करने में सफल रहे बाबा रामदेव


  -महाजनक्रांति के लिए देशव्यापी आंदोलन का शंखनाद करके संसद कूच करते हुए गिरफ्तार हुए बाबा रामदेव के तैवरों से सरकार व पुलिस के छूटे पसीने






गत वर्ष अपने रामलीला मैदान के आंदोलन में सरकारी दमन व अपनी रणनीति की कमियों से सबक ले कर बाबा रामदेव ने 9 अगस्त 2012 से  रामलीला मैदान में ‘ कालेधन को देश में वापस लाने व देश को भ्रष्टाचार मुक्त बना कर फिर से विश्व की महाशक्ति बनाने ’  चलाये जा रहे व्यापक जनांदोलन रूपि सांकेतिक उपहास का सम्मानजनक दिशा देते हुए 13 अगस्त 2012 की सुबह संसद कूच का ऐलान किया। वे संसद की चैखट पर धरना देने के लिए संसद कूच कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस उनको  जंतर मंतर या संसद तक मार्च करने के  बजाय गिरफतार करने की रणनीति बनायी है। वहीं रामदेव ने भी पहले ही ऐलान कर दिया कि जहां पर भी पुलिस रोकेगी वहीं पर वे गिरफ्तारी देंगे। स्वामी रामदेव इसे सत्ता परिवर्तन का नहीं अपितु व्यवस्था परिवर्तन का महान जनक्रांति रूपि जनांदोलन बता रहे हैं। बाबा रामदेव खुली जीप में सवार हो कर रामलीला मैदान की तरफ अपने समर्थकों के साथ कूच किया। पुलिस ने काली पट्टियां बांध कर मैदान से बाहर निकल कर संसद की तरफ कूच करने के लिए  खुली जीप में निकले बाबा रामदेव व उनके हजारों समर्थकों के साथ निकले। 250 मीटर आगे जा कर  रणजीत सिंह पुल पर पुलिस ने बेरिकेट लगा कर रोक दिया। इसके विरोध में समर्थकों ने रणजीत सिंह पुल पर बैठ कर विरोध धरना दिया और गिरफ्तारी दी। पुलिस ने बसों में भर कर आंदोलनकारियों को अस्थाई जेल भेज कर गिरफ्तार किया। बाबा रामदेव को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर दिया। वे वंदे मातरम गाते हुए गिरफ्तार हुए।  बाबा रामदेव को उनके समर्थकों को साथ बवाना स्थित राजीव गांधी स्टेडियम के बजाय रामलीला मैदान के समीप दिल्ली गेट स्थित अम्बेड़कर स्टेडियम में अस्थाई जेल बना कर रखा है। पुलिस ने रात 8 बजे सभी आंदोलनकारियों को रिहा कर दिया, लेकिन बाबा ने समर्थकों के साथ स्टेडियम में ही डटे रहने की घोषणा कर दी।  बाबा के तैवरों से पुलिस प्रशासन ही नहीं सरकार के भी पसीने छूट गये है। बाबा ने अपना अनशन भले ही 14 अगस्त को अम्बेडकर स्टेडियम में अपने ही शर्तों पर तोड़ दिया हो परन्तु रामलीला मैदान से शुरू हुआ उनका अब देश व्यापी जनांदोलन जारी है।
हालांकि जनांदोलन व दमनकारी सरकारों का मर्म न जानने वाली मीडिया व विरोधी  भले ही रामदेव के इस आंदोलन का खाली हाथ समापन मान कर कुप्रचार कर रहे हैं, उनको समझना चाहिए कि आंदोलनकारियों के लिए निरंतर आंदोलन में संघर्ष करते हुए दमनकारी सरकार के आगे समर्पण करने के बजाय जेल जाना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। बाबा रामदेव के आंदोलनकारियों को रोकने के लिए सरकार ने 10 हजार से अधिक पुलिस के जवान रामलीला मैदान व उसके आसपास तैनात करे हुए है। देश के कोने कोने से आये हजारों आंदोलनकारी बाबा के आवाहन पर संसद कूच करने व जेल जाने के लिए तैयार है। बाबा रामदेव ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि उनका अनशन अब रामलीला मैदान में नहीं अपितु जेल में टूटेगा। इसके साथ रामलीला मैदान में विजू जनता दल, अकाली दल बादल, आदि दलों ने अपना समर्थन बाबा के आंदोलन को दे दिया है। बाबा रामदेव ने साफ किया कि  कांग्रेस न तो देश में विदेशों मे रखे भारतीय काला धन को ही देश में वापस लेना चाहती है और नहीं देश में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए लोकपाल जैसा मजबूत कानून बनाने के लिए भी तैयार नहीं है। उन्होंने देश की राजनैतिक दलों को खासकर सप्रंग सरकार को समर्थन दे रहे दलों को भी कांग्रेस को डूबता हुआ जहाज मानते हुए तुरंत साथ  छोड़ने का अपील की। उन्होंने वीर रस  का क्रांतिकारी गीत ‘समय वो आगया है........’ गा कर समस्त आंदोलनकारियों को देश की रक्षा के लिए आंदोलन में समर्पित होने का ऐलान किया। बाबा रामदेव ने इससे पहले सरकार को आगाह किया कि यह आंदोलन केवल रामलीला मैदान में नहीं अपितु देश के कोने कोने में यह आंदोलन होगा। बाबा रामदेव ने कहा कि उन्होंने देशभर में 11 लाख किमी भ्रमण कर 11 करोड़ लोगों को देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ जागृत कर इस आंदोलन को राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार वेंटिलेटर पर बेहोश पड़ी है अब इस भ्रष्ट सरकार की तेरहवीं आज 13 अगस्त को करने के लिए वे तैयार हैं। बाबा रामदेव ने अमेरिका सहित देश विदेश में इस आंदोलन के समर्थन में आंदोलन कर रहे करोड़ों लोगों को बधाई दी।
देश के करोड़ों लोगों को इस बात की खुशी हुई कि बाबा रामदेव ने अपने आंदोलन को सही दिशा देते हुए पूरे जोशों खरोख के साथ जेल जाने का आवाहन करके न केवल अपनी गत वर्ष रामलीला मैदान में हुई भूल को सुधारते हुए इस बार संसद कूच व जेल तक जाने का ऐलान करके प्रेरणादायक कार्य किया।
वहीं इसी पखवाडे बलिदान देने के नाम पर चलाये गये अण्णा हजारे की टीम का आंदोलन के राजनैतिक दल बनाने के ऐलान के साथ अनशन समापन को लोगों ने कायरपन का प्रतीक मान कर आंदोलन का अपमान मान रहे है और इस आंदोलन में भ्रष्टाचार से देश को मुक्त करने के लिए जुडे देश के लाखों लोग निराश है । ऐसे निराश लोगों के लिए भी बाबा के आंदोलनकारी तैवर एक प्रकार से आशा के सूर्य से कम नही । वहीं बाबा रामदेव ने स्पष्ट किया कि हम किसी प्रकार की ंिहंसा नहीं कर करेंगे हाॅं विरोधी राजनैतिक पार्टी के कुछ आसामाजिक तत्व उनके आंदोलन को बदनाम करने के लिए कोई भी हथकण्डा अपना सकते है। उन्होंने कहा कि एक बाबा रामदेव को मार सकते हो परन्तु हजारों रामदेव के द्वारा चलाये गये आंदोलन को सरकार अब नहीं कुचल सकती यह राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू हो गया है।
संसद कूच से पहले आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने सीधा आरोप लगाया विदेशों में अधिकांश जो धन जमा है उसमें कांग्रेस का अधिक है। उन्होंने सोनिया गांधी सहित कांग्रेसी नेताओं पर सीधे देश में भ्रष्टाचार के गर्त में धकेलने का आरोप लगाया। उधर बाबा रामदेव के आंदोलन को निपटने के लिए केन्द्रीय गृह सचिव व कैबिनेट सचिव में मंत्रणा हो रही है। पुलिस ने बवाना में राजीव गांधी स्टेडियम में अस्थाई जेल को आंदोलनकारियों को बंद रखने के लिए बना दी है। संसद कूच से पहले भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी व एनडीए के संयोजक-जद यू के अध्यक्ष शरद यादव , अकाली, तेलगू देशम पार्टी , असम गणसंग्राम परिषद, भाजपा महासचिव विजय गोयल, के रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के आंदोलन को समर्थन देने पंहुचे। मंचासीन लोगों ने पुलिस द्वारा संसद कूच करने की इजाजत न दिये जाने के खिलाफ काली पट्टी बांध कर विरोध प्रकट किया। राजग संयोजक शरद यादव ने देश की जनता को जागृत करने में जो ऐतिहासिक योगदान दिया। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि इस देश को 1 प्रतिशत फिॅरंगी जुबान अंग्रेजी बोलने वाले लूट रहे है । देश को गुलाम बना रखा है। देश की भाषाओं को अपमान व तिरस्कार किया जा रहा है। उन्होने कहा देश के इन बेइमानों ने देश की हड्डियां तक भ्रष्ट कर दी है। खून तो साफ किया जा सकता हे पर हड्डियों को साफ नहीं किया जा सकता है। दिल्ली से गांव तक गुलाम बना दिया है। उन्होंने कहा मु्िठ्ठ भर भ्रष्ट लोगों ने देश के शासन प्रशासन पर काबिज हो रखा है। सभा को संबोधित करते हुए देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि वह सीबीआई का दुरप्रयोग करके अपनी डगमगाती सत्ता को बचाने के लिए कर रही है। उन्होंने रामदेव के आंदोलन को दबाने के लिए की रही दमनकारी रवैये का भारी विरोध किया। उन्होंने कहा कि रामदेव के आंदोलन के कारण ही सीबीआई ने उनके सहयोगी बालकृष्ण को गिरफ्तार किया हुआ है।  इसके साथ ही बाबा रामदेव ने आंदोलनकारियों ने संसद कूच करने का ऐलान किया। वहीं रामदेव के आंदोलन पर केन्द्रीय सरकार के मंत्रीमण्डल की बैठक हुई शायद उसके बाद बाबा रामदेव प्रकरण में सरकार ने सावधानी बरतते हुए दमनकारी कार्यवाही के बजाय संयमित ढं़ग से रामदेव व उनके समर्थकों को गिरफतार किया। बाबा रामदेव  ने भी विगत वर्ष के प्रकरण से सीख लेते हुए पुलिस से किसी भी प्रकार के टकराव से दूर रहने का समझदारीपूर्ण निर्णय लिया, इसका पूरे देश के लोगों ने उनके आंदोलन की मुक्त कंठों से सराहना की।

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