प्रकट भये हरि, कृष्ण स्वरूपा
प्रकट भये हरि, कृष्ण स्वरूपा
सकल सृष्टि के भाग्य ही जागे
कृष्ण कृष्ण हरि जप ले मन मेरे
अन्याय, असत से जंग कर प्यारे
दया, सत्य को मन में कर धारण
यही कृष्ण भक्ति का मर्म है प्यारे
श्रीकृष्ण कृष्ण हैं हर कण-कण में
तभी मिलेगें यहां मेरे श्रीकृष्ण कृपालु
जब जड़ चेतन को कृष्णमय देखोगे
तभी मिलेगी परम शांति की श्रीगंगा
-देवसिंह रावत
( बृहस्पतिवार 9 अगस्त 2012 रात्रि के 11.00 बजे)
Comments
Post a Comment