संकीर्ण दलगत स्वार्थो से उपर उठ कर अमेरिकी तर्ज पर कुचले आतंक को भारतीय हुक्मरान 


मात्र आतंक के प्यादों को  रौदने से नहीं अपितु आतंक की फेक्टरी पाक को  समूल नष्ट करके होगा आतंकवाद का खात्मा

 15 अप्रैल को अमेरिका के बोस्टन में मेराथन के दौरान हुए तीन बम विस्फोटों से के बाद 17 अप्रेल को साढ़े दस बजे भारत के बंगलोर में भाजपा मुख्यालय के समीप हुए बम धमाकों की दहशत से दुनिया उबर भी नहीं पायी थी कि 18 अप्रैल को अमेरिका के टेक्सास की फर्टिलाइजर फेक्टरी में हुए धमाकों से से पूरी दुनिया बुरी तरह से सहम गयी है। भले ही तीनों विस्फोटों में ज्यादा लोग मारे नहीं गये परन्तु इसके बाबजूद पूरा विश्व इन घटनाओं से आतंकित है। जहां बोस्टन में तीन लोग मारे गये और 180 से अधिक लोग घायल हैं वहीं बंगलोर में 11 पुलिस वाले घायल हो गये है। इसके अलावा 18 अप्रैल को टेक्सास में फर्टिलाइजर फेक्टरी में हुए धमाके में सेकडों लोग घायल हो गये है।
इस हमले के बाद जहां अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा सहित पूरा अमेरिकी शासन प्रशासन इस काण्ड के गुनाहगारों को हर किमत पर ढूढ कर 9/11 की आतंकी घटना के गुनाहगारों की तरह दण्डित करने की ऐलान करके इन दोषियों को ढूढने में लगे है। वहीं भारत में बंगलोर में हुए धमाके के गुनाहगारों को दण्डित करने के बजाय यहां के हुक्मरान इसकी मात्र कोरी भत्र्सना व एक दूसरे को फायदा लेने का गैरजिम्मेदाराना व अमानवीय आरोप प्रत्यारोप करने में ही नष्ट कर रहे है। अमेरिका के हुक्मरान देश पर आतंकी हमले करने के दोषियों को उनके घर में जा कर मार गिराने का जो काम कर रहे हैं उसी के कारण 9/11 के बाद 15 अप्रेल 13 को यह घटना को आतंकी बहुत ही मुश्किल से अंजाम दे सके। अमेरिका ने  आतंक के आका लादेन ही नहीं अफगानिस्तान को पूरी निर्ममता से रौंद दिया। यही नहीं आतंक की फेक्टरी बन चूके पाक में निरंतर वह अमेरिका पर हमले करने वाले आतंकियों पर ड्रोन हमले करके उनको चून चून कर खात्मा कर रहे है। परन्तु भारत में कारगिल व संसद पर आतंकी हमला हुआ इसके गुनाहगारों को दण्डित करने का साहस तक भारतीय हुक्मरान नहीं कर सके। मुम्बई से लेकर दिल्ली, पुणे, हेदराबाद  से लेकर इस देश में एक के बाद एक विस्फोट करके आतंकियों ने भारत के स्वाभिमान व अखण्डता को तार तार करके यहां खून की नदियां बहा दी परन्तु क्या मजाल है यहां के नपुंसक हुक्मरान इन आतंकियों को अमेरिका की तर्जं पर उसकी मांद पाकिस्तान में जा कर आतंक का खात्मा करने का साहस जुटा पा रहे हैं वहीं सुरक्षा बलों द्वारा अपनी जान को जोखिम में डाल कर गिरफतार किये गये आतंकियों को दण्डित करने के बजाय उनको माफ करने का राष्ट्रघाती कार्य कर रहे है।
जहां एक तरफ भारतीय हुक्मरान कश्मीर के आतंकियों को रौंदकर अमेरिका व पाक के सह पर पाकिस्तान में इन आतंकियों को संरक्षण व प्रशिक्षण दिये जाने वाले केम्पों को तबाह करने का काम नहीं कर रहे है। वहीं कश्मीर में सुरक्षा बलों का मनोबल उनको प्रताड़ित व बिना हथियार का रख कर उनकी जान से खिलवाड किया जा रहा है। उप्र में आतंकियों को कोर्ट से रिहा करा रही है सरकार। पंजाब में आतंकियों को दबोचने व खात्मा करने वाले पुलिस प्रशासन को ही नहीं राजनेताओं पर आतंकी हमले करने वालों को बचाने व संरक्षण देने का काम बेशर्मी से किया जा रहा है। भारत में आतंकवादियों को संरक्षण कैसे दिया जा रहा है यह आतंकवाद विरोधी मोर्चे के बिट्टा के बयानों से साफ जाहिर हो रहा है कि कैसे कांग्रेसी नेता व प्रशासन मिल कर गुनाहगारों को बचाने का काम कर रहे है।
जिस प्रकार से भारत के हुक्मरान आतंकियों को दण्डित करने के बजाय उनको शर्मनाक संरक्षण देने का काम कर रहे हैं उससे लाख कोशिश करने के बाबजूद आतंकवाद घटने के बजाय बढ़ेगा ही। देश में आतंकवाद के खात्मा के लिए कोई ठोस नीति संसद से लेकर मुम्बई तक हुए आतंकी हमले के बाबजूद सरकारें नहीं बना पायी। यहां पर आतंक को खुलेआम संरक्षण देने वाले नेताओं को जब तक सलाखों में आतंकियो से अधिक दण्ड नहीं दिया जायेगा तब तक आतंकवाद मिटने का नाम नहीं लेगा। भारत में असम से लेकर बंगाल, से लेकर उत्तराखण्ड तक सरकारें अपने दलीय स्वार्थ के लिए बंगलादेशी घुसपेटियों को बसा रही है और जिस प्रकार बंगलादेशी घुसपेटिये बहुत खतरनाक रणनीति के तहत इसे आतंकिस्तान बनाने में तुले है उससे भारत के आने वाले दिन सुखद नहीं है। जिस प्रकार से आतंक का तांडव पाकिस्तान अमेरिका व चीन के सह पर भारत में मचा रहा है उसको देख कर भारतीय हुक्मरानों ने अगर दो टूक बात अमेरिका व चीन से नहीं की तो आने वाले समय में यह समस्या बेहद विकराल हो जायेगी। पाकिस्तान से अविलम्ब पूरे सम्बंध भारत को आतंक के खात्मा तक बंद कर देने चाहिए और अमेरिका को साफ बताना होगा कि आतंकवाद पर दोहरामापदण्ड किसी भी रूप से स्वीकार नहीं किया जा सकता है। जिस प्रकार से अमेरिका ने अपने ऐजेन्ट हेडली को संरक्षण दिया उससे साफ हो गया कि अमेरिका पाक के साथ मिल कर भारत में आतंकवाद को बढावा देता रहा। इसलिए अमेरिका को अपने इस नापाक कृत्य पर अंकुश लगाना होगा और अविलम्ब पूरे विश्व की शांति को तहस नहस करने वाले आतंक की फेक्टरी बन चूके पाक से आतंकहीन किये बिना विश्व में शांति होने की आशा करना भी एक प्रकार अपने आप को धोखे में रखना होगा। पाकिस्तान जिस प्रकार से आज आतंक का पर्याय बन चूका है उसको इस स्थिति में बनाने वाले ओर कोई नहीं अमेरिका ही है। अमेरिका को दूसरे देशों में इस प्रकार की आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगाना होगा तभी अमेरिका, भारत सहित पूरा विश्व शांति में सांस ले सकेगा।
भारतीय हुक्मरान की आतंकबाद के खिलाफ कैसी सोच है यह कांग्रेसी नेता शकील के कर्नाटक में हुए आतंकी हमले पर दिये गये बयान से जगजाहिर हो गया है। भारत में जब तक देशहित में सोचने व काम करने वाला नेतृत्व नहीं होगा तब तक आतंकवाद पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता। खासकर जब तक मनमोहनसिंह जैसे अमेरिका व पाक के हमदर्द नेता सत्तासीन रहेगें तब तक आतंकवाद घटने के बजाय बढ़ता ही जायेगा।

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