क्या गुल खिलायेगी हरकसिंह व निशंक के बीच सियासी जंग


कबीना मंत्री हरक सिंह रावत की विस सदस्यता खत्म करें राज्यपालः भाजपा

देहरादून (प्याउ)। प्रदेश में दूसरी पीढ़ी के कांग्रेस व भाजपा दबंग नेताओं कबीना मंत्री हरक सिंह रावत व पूर्व मुख्यमंत्री निशंक के बीच छिडी बर्चस्व की सियासी जंग से इन दिनों प्रदेश की राजनीति में धमाल मचा है। भले ही इन दोनों की जंग में सियासी हडकंप मचा हुआ है परन्तु प्रदेश की आम जनता की नजरों में ये नूरा कुश्ती से ज्यादा नहीं है। एक ही जनपद के निवासी व एक ही पार्टी से राजनीतिक जीवन प्रारम्भ करने वाले उत्तराखण्ड की वर्तमान राजनीति के इन दोनों चर्चित नेताओं की दोस्ती व सियासी जंग का असली राज उनके करीबी भी नहीं जानते है। हाॅं दोनों अपने हितों के लिए किसी भी सीमा तक जा सकते हैं इसका विश्वास जनता में बना हुआ है। भले ही दोनों पर भ्रष्टाचार का एक भी मामला साबित नहीं हुआ परन्तु आये दिन विवादों में घिरे रहना दोनो की राजनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सा बन गया है।  दोनों के राजनैतिक चालों से विरोधी ही नहीं अपने दल के नेता भी आशंकित रहते है। प्रदेश की जनता को दोनों से कोई आशा न वर्तमान में है व नहीं भविय में कहीं दिखाई देती है। दोनों प्रदेश की वर्तमान ही नहीं भविष्य की शर्मसार करने वाली राजनीति के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं। हाॅं प्रदेश की आम जनता को इस विवाद में एक यही उत्सुकता है कि इस प्रकार की सियासी जंग से प्रदेश में दबे स्वरों में चर्चाओं में छायी रहने वाली भ्रष्टाचार के कारनामें सुर्खियों में सार्वजनिक हो जाती है और आम जनता के समक्ष अपने भविष्य निर्माताओं की राजनीति का असली चेहरा सामने आ जाता है।
तराई विकास बीज निगम में हुए भ्रष्ट्राचार पर भाटी जांच आयोग की रिपोर्ट से तिलमिलाये भाजपा के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ने डा हरक सिंह रावत के खिलाफ खुल कर मोर्चा खोलते हुए डा हरक सिंह की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की पुरजोर मांग की। अपनी इस मांग के समर्थन में भाजपा के एक प्रतिनिधिमण्डल ने  2 अप्रैल को प्रदेश के राज्यपाल से भैंट कर इस आशय का एक ज्ञापन दिया। इस प्रतिनिधि मण्डल में पूर्व मुख्यमंत्री निशंक के अलावा राष्ट्रीय सचिव त्रिवेन्द्र रावत, अध्यक्ष तीरथ रावत, नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट व देहरादून के मेयर विनोद चमोली सम्मलित थे।  राज्यपाल को दिये गये ज्ञापन में भाजपा ने आरोप है कि कृषि मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की उत्तराखंड बीज एवं तराई विकास निगम लि. तथा उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि. (उपनल) के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति असंवैधानिक है। दो दो लाभदायी पदों में आसीन होने से जनप्रतिनिधी अधिनियम को खुला उल्लंघन हो रहा है। भाजपा ने राज्यपाल से मांग की कि वे इस उलंघन के कारण संविधान के अनुच्छेद 191 की धारा 2 का संज्ञान लेकर संविधान के अनुच्छेद 192 का उपयोग करते हुए डॉ. हरक सिंह की सदस्यता रद्द करने की  कार्यवाही के लिए सरकार को निर्देशित करें।

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