श्री नंदा देवी राजजात यात्रा को सफल बनाने के लिए भारतीय सेना का सहयोग ले सरकार 


श्री नंदा देवी राज जात यात्रा का सीधा प्रसारण करेगा इसरो 


देहरादून( प्याउ) । अगस्त में उत्तराखण्ड में हो रही 280 किलोमीटर 19 दिवसीय पदयात्रा वाली विश्व प्रसिद्ध श्रीनंदा देवी राजजात यात्रा की प्रशासन द्वारा लचर तैयारी को देखते हुए श्रीकृष्ण विश्व कल्याण भारती ने इस यात्रा को सफल बनाने के लिए भारतीय सेना का सहयोग व मार्ग दर्शन भी लेने की मांग की। खासकर इस यात्रा में विश्व भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं को उमडने की संभावनाओं व प्रशासन की इसको सफल बनाने की लचर तैयारी को देखते हुए श्रीकृष्ण विश्व कल्याण भारती ने सरकार से सेना का सहयोग भी लेने की मांग की। श्री विश्व कल्याण भारती ने दो टूक शब्दों में कहा कि इस पिछडे, दूरस्थ व सीमान्त जनपद में हो रहे इस विश्व प्रसिद्ध आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रदेश सरकार को इसे सफल बनाने के लिए लचर नागरिक प्रशासन को और चुस्त दुरस्त करने के लिए सुरक्षा व सफलता के लिए भारतीय सेना से सहयोग मांगना चाहिए। दूसरी तरफ श्री नन्दादेवी राजजात यात्रा का विश्व भर में सीधा प्रसारण के लिए उत्तराखंड सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान(इसरो) को इससे जुड़े अधिकार दे दिये।
उत्तराखण्ड के विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री सुरेन्द्रसिंह नेगी ने इस आशय की जानकारी देते हुए इसका कि पृथक राज्य उत्तराखंड के गठन के बाद पहली बार आयोजित होने जा रही श्रीनन्दा देवी राजजात यात्रा के प्रति विश्व भर के लोगों की उत्सुकता को देखते हुए सरकार ने इसरो की सहायता से इसका सीधा प्रसारण करने का निर्णय लिया। गौरतलब है कि यह विश्व विख्यात यात्रा का आयोजन हर 12 साल बाद सीमान्त जनपद चमोली के नोटी गांव से होते हुए रूपकुण्ड के निकट होमकुण्ड तक जाती है। परंपरा के अनुसार राज परिवार द्वारा आयोजित इस यात्रा का नाम भी राज जात यात्रा पडा। हालांकि माॅं भगवती स्वरूपा हिमालय पुत्री श्री नंदा जी आम भारतीयों की तरह उत्तराखण्डी जनमानस की आराध्य देवी है। उत्तराखण्ड में करीब 1400 वर्षो से चल रही इस धार्मिक व सांस्कृतिक श्री नंदा राजजात यात्रा आधुनिक यातायात की सुविधाओं के अभाव में बड़ी ही विकट यात्रा मानी जाती थी। आज भी यातायात सुविधाओं से युक्त होने के बाबजूद यह यात्रा 29 अगस्त से 17 सितम्बर तक चलने वाली इस श्रीनन्दा देवी राजजात यात्रा का विश्व भर में माॅं भगवती के भक्त बड़ी बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे है। हालांकि सरकार इस यात्रा की तैयारियों को युद्धस्तर पर कराने की बात कह रही है परन्तु हजारों की संख्या में इस दुर्गम व दूरस्थ हिमालयी क्षेत्र में इतने लोगों के सम्मलित होने के लिए पैदल मार्ग, पडावों, चिकित्सा, सुरक्षा व खान पान आदि जरूरी सुविधाओं की प्रशासन ने कितनी तैयारी की यह तो इसके दूरस्थ मार्ग तो रहा दूर इसके प्रारम्भ होने वाले स्थान नोटी में जा कर सरकार की तमाम हवाई तैयारी जगजाहिर हो रही है । लगता है सरकार केवल केन्द्र सरकार से करोड़ों रूपये मांगने के अलावा कोई दूसरा काम ईमानदारी से करने की जरूरत ही महसूस नहीं कर रही है। आतंकवाद के ग्रसित देश के इस सीमान्त क्षेत्र में विकास के लिए तरस रहे क्षेत्र में यकायक हजारों लोगों की 19 दिन की लम्बी यात्रा के लिए संचार, सुरक्षा, चिकित्सा, पीने के पानी, आपात सचल चिकित्सालयों, खान पान व टहराव के अस्थाई प्रबंधों का सेना की तर्ज पर बंदोबस्त करने की जरूरत है। प्रदेश सरकार इस यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए इस सीमान्त जनपद में भारतीय सेना का सहयोग भी बेझिझक मांगना चाहिए।

Comments

Popular posts from this blog

-देवभूमि की पावनता की रक्षा की फिर भगवान बदरीनाथ ने- निशंक के बाद मनंमोहन को भी जाना होगा

नव प्रभात शुभ प्रभात हो