-अण्णा या भाजपा ने नहीं अपितु मनमोहन ने डुबोई कांग्रेस की लुटिया

भले ही देष की मीडिया व टीम अण्णा हिसार व अन्य उपचुनाव में कांग्रेस के सफाये के लिए अण्णा फेक्टर को जिम्मेदार मान रही हे परन्तु इस हार के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व उनको प्रधानमंत्री पद पर बनाये रखने वाली कांग्रेस आला कमान। जिन्होने मनमोहन सिंह जैसे अलोकतांत्रिक व्यक्ति को देष की छाती पर महंगाई, भ्रश्टाचार व कुषासन की मंूग दलने की खुली छूट देकर देष के भविश्य के साथ खिलवाड किया। इस चुनाव से साफ हो गया कि देष की जनता मनमोहन के कुषासन से बेहाल है और इसलिए कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए कृत संकल्पित है। ंहरियाणा के हिसार लोकसभा उप चुनाव के अलावा ं तीन अन्य विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में भी कांग्रेस को करारी हार मिली है। इन तीन विधानसभा सीटों में से महाराष्ट्र की खड़गवासला सीट जहां भाजपा के खाते में आई है, वहीं राजग की सहयोगी पार्टी जदयू ने बिहार की दरौंदा सीट पर कब्जा जमा लिया है। आंध्र प्रदेश की बांसवाड़ा सीट पर हुए उपचुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को जीत मिली है। हरियाणा की प्रतिष्ठित हिसार लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) और भाजपा के संयुक्त प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई को जीत मिली। पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे बिश्नोई ने इंडियन नेशनल लोकदल (इनलोद) के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चैटाला के पुत्र अजय सिंह चैटाला को 6,323 मतों के नजदीकी अंतर से हराया। कांग्रेस प्रत्याशी और हिसार से तीन बार सांसद रह चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश की जमानत जब्त हो गई और उन्हें तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। हिसार में कांग्रेस प्रत्याशी जय प्रकाश की करारी हार हुई है और उनकी जमानत जब्घ्त हो गई है। हरियाणा जनहित कांग्रेस के उम्मीदवार कुलदीप बिश्नोई जीत गए हैं। इंडियन नेशनल लोकदल के उम्घ्मीदवार अजय चैटाला दूसरे नंबर पर रहे। बिश्घ्नोई को 3,55,941 वोट मिले जबकि चैटाला को 3,49,618 और जय प्रकाश को 1,49,785 वोट मिले। हिसार सीट पर 2009 में हुए चुनाव में भजन लाल को 2,48,476 वोट मिले थे और वह विजयी रहे। इनेलो प्रत्घ्याशी संपत सिंह दूसरे स्घ्थान पर रहे थे जिन्घ्हें 2,41,493 वोट मिले थे वहीं कांग्रेस के जय प्रकाश को 2,04,539 वोट मिले थे। गौरतलब है कि हिसार लोकसभा उपचुनाव के अलावा बिहार, महाराष्घ्ट्र और आंध्र प्रदेश में विधानसभा की एक-एक सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी आए, जिसमें कांग्रेस या उसके गठबंधन को हार मिली।इससे पहले आखिरी बार उन्होंने साल 2004 में यह सीट जीती थी। गौरतलब है कि भजनलाल की मृत्यु के बाद इस उपचुनाव की जरूरत पड़ी थी। आंध्र प्रदेश के निजामाबाद जिले के बांसवाड़ा में हुए विधानसभा उपचुनाव में टीआरएस प्रत्याशी पोचाराम श्रीनिवास रेड्डी ने कांग्रेस प्रत्याशी श्रीनिवास गौड़ को 49,889 मतों के अंतर से हराया। इस साल मार्च महीने में तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) विधायक पोचाराम के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई थी। पोचाराम अलग तेलंगाना राज्य की मांग पर तेदेपा से इस्तीफा देकर टीआरएस में शामिल हो गए थे। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस-राकांपा को झटका देते हुए भाजपा ने पुणो जिले की खड़गवासला विस सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की। भाजपा प्रत्याशी भीमराव तपकीर ने राकांपा प्रत्याशी हषर्दा वानजले को 3,625 मतों से हराया। हषर्दा, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) विधायक रमेश वानजले की विधवा हैं। रमेश की मृत्यु के बाद इस सीट पर चुनाव की जरूरत पड़ी थी। भाजपा की जीत पर प्रतिक्रि या व्यक्त करते हुए शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने कहा कि यह सिर्फ कांग्रेस-राकांपा की ही हार नहीं बल्कि अजित पवार की भी हार है।’’ बिहार की दरौंदा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में विपक्षी राजद-लोजपा गठबंधन को धूल चटाते हुए जदयू ने यह सीट फिर से अपने नाम कर ली। जदयू प्रत्याशी कविता सिंह ने राजद के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी परमेर सिंह को 20,092 मतों के अंतर से हराया। कविता, इस सीट की पूर्व विधायक दिवंगत जगमाता देवी की बहू हैं। कविता को जहां 51,754 वोट प्राप्त हुए वहीं परमेर सिंह को 31,662 वोट मिले। गौरतलब है कि परमेर को शहाबुद्दीन व प्रभुनाथ सिंह जैसे बाहुबहिलयों का समर्थन प्राप्त था। जहां तक अण्णा फेक्टर का हौव्वा खडा किया जा रहा है उसमें कोई दम नहीं है इस सीट पर गत चुनाव की तरह के ही परिणाम रहे कहीं परिवर्तन नहीं हुआ। कांग्रेस तीसरे पर थी तीसरे पर ही रही । केवल जो देष व्यापी आक्रोष है वह मनमोहन के कुषासन के कारण। अब भी कांग्रेस आला नेतृत्व ने मनमोहन का मोह नहीं त्यागा तो मनमोहन कांग्रसे की लुटिया 2014 में ऐसे डुबों देंगे जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी । शेष श्रीकृष्ण कृपा। हरि ओम तत्सत्। श्री कृष्णाय् नमो।

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