देश व उत्तराखण्ड के हित में रेल परियोजना के उदघाटन समारोह का विरोध अनुचित

देश व उत्तराखण्ड के हित में रेल परियोजना के उदघाटन समारोह का विरोध अनुचित 
नई दिल्ली (प्याउ)।उत्तराखण्ड राज्य गठन के प्रमुख जनांदोलनकारी संगठनों ने ंकेन्द्र सरकार द्वारा ‘ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेलमार्ग’ को स्वीकृत करने व इस परियोजना का 6 नवम्बर को गोचर में शुभारम्भ सप्रंग सरकार की प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा किये जाने के निर्णय का ंहार्दिक स्वागत करते हुए ंइस परियोजना का खुले दिल से स्वागत करने के बजाय मात्र सोनिया गांधी के द्वारा शुभारंभ होने का विरोध करने ंको उत्तराखण्ड ही नहीं देश के हितों पर कुठाराघात करने वाला कदम बताया। ं
राज्य आंदोलन के प्रमुख संगठनों, उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा, उत्तराखण्ड जनमोर्चा, उत्तराखण्ड महासभा व उत्तराखण्ड राज्य लोकमंच की तरफ से जारी एक वयान मे अफसोस जाहिर किया गया कि पहली बार आठ दशक से अधिक लंम्बे समय से ठण्डे बस्ते में दम तोड रही ऐतिहासिक ‘ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेलमार्ग’ निर्माण परियोजना जो राष्ट्रंीय सुरक्षा व उत्तराखण्ड के विकास की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगी, उसके उदघाटन समारोह के विरोध में बयानबाजी करने वाले भाजपा नेताओं से पुरजोर अपील की कि वे अपने संकीर्ण राजनैतिक कारणों से देश की सुरक्षा व सीमान्त प्रदेश के विकास की नयी गंगा बहाने वाली ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेलमार्ग’ परियोजना का विरोध करने की प्रवृति को ंतत्काल त्याग दें। उत्तराखण्ड राज्य गठन के लिए 6 साल तक संसद की चैखट राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर पर ऐतिहासिक धरना देने वाले उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत ने ंइस ऐतिहासिक परियोजना का खुले दिल से स्वागत किया जाना चाहिए। भाजपा व कांग्रेस के नेताओं को एक बात साफ समझ लेनी चाहिए कि प्रदेश की जनता किसी भी राजनैतिक दल व व्यक्ति ंको इस बात की इजाजत नहीं देती कि वह अपने निहित स्वार्थों के लिए प्रदेश के बहुमुखी विकास व सम्मान के साथ खिलवाड़ करें। उन्होंने सप्रंग सरकार के लिए प्रदेश की इस रेल परियोजना को स्वीकृत कर प्रदेश का ही विकास ही नहीं अपितु सीमा पर रेल बिछा चूके चीन का मुहतोड़ जवाब देने के लिए अत्यावश्यक व सराहनीय कार्य ंबताया। श्री रावत ने ंइस ंरेल परियोजना को स्वीकृत कराने में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सतपाल महाराज व भाजपा के राज्यसभा सांसद भगतंसिंह कोश्यारी सहित तमाम उन लोगों को बधाई दी जो इस परियोजनाओं को मंजूर कराने के लिए कई वर्षों से ंनिरंतर सहयोग दे रहे हें।
राज्य आंदोलन के प्रमुख संगठनों, उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा, उत्तराखण्ड जनमोर्चा, उत्तराखण्ड महासभा व उत्तराखण्ड राज्य लोकमंच की तरफ से जारी एक वयान में ंउत्तराखण्ड के भाजपा नेताओं से पुरजोर अपील करते हुए प्रमुख आंदोलनकारी देवसिंह रावत ने कहा कि देश की सुरक्षा व प्रदेश के विकास की दृष्टि से ऐतिहासिक इस परियोजना के जल्द शुरू करने के लिए दवाब डालने के लिए खुले दिल से स्वागत करने के बजाय उदघाटन समारोह सोनिया के हाथों से कराये जाने का विरोध करना किसी भी दृष्टि से देश व प्रदेश के हित में नहीं हे। ंश्री रावत ने कहा कि लोकतंत्र में ंपक्ष विपक्ष में सकारात्मक विरोध स्वागत योग्य तथा लोकशाही के लिए हितकारी होता हैं परन्तु लोकश्ंााही में सत्तासीन दल प्रायः अपने महत्वपूर्ण कार्यो का राजनैतिक लाभ लेने के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उदघाटन अपने राजनैतिक आकाओं से कराता रहता है। वैसे भी सोनिया गांधी न केवल कांग्रेस की अध्यक्षा है अपितु वह सत्तासीन ंसंयुक्त प्रगतिशील गढ़बंधन की प्रमुख भी है। उनके द्वारा देश में कई बड़ी परियोजनाओं का उदघाटन इस सरकार व इससे पहली सरकार के कार्यकाल में किया जाता रहा। भाजपा के नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि इस परियोजनाओं को न तो भाजपा नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन वाली अटल बिहारी सरकार ने ही स्वीकृत किया। अगर कांग्रेसी ंगठबंधन की सरकार इस परियोजना को बना रही है तो इतना राजनैतिक लाभ लेने का उसका हक है। ंसोनिया द्वारा इस परियोजना का विरोध करने वाले भाजपा नेता देश व उत्तराखण्ड की जनता को बताये कि आखिर क्यों नहीं उनकी राजग सरकार ने देश के सीमान्त प्रदेश उत्तराखण्ड में दशकों से लम्बित पड़ी परियोजनाओं को स्वीकृत नहीं किया। तब उनको इस परियोजना का उदघाटन ंअटल या आडवाणी से कराने कां अवसर मिल सकता था। परन्तु खुद भी जनहित व राष्ट्रहित की इस परियोजना का निर्माण नहीं किया अब दूसरा दल कर ंरहा है तो उसके इस जनहित के कार्य का स्वागत करके रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने के बजाय उसके शुभारंभ में ही हाय हला मचा कर व्यवधान डाल रहे हैं। भाजपा नेताओं का यह कदम न केवल अदूरदर्शी है अपितु यह देश व उत्तराखण्ड के हित में कहीं दूर दूर तक नहीं है। इसके साथ यह लोकशाही के हित में भी घातक है। इस परियोजना के निर्माण के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा दूर से ही सही शुरू की गयी पहल को तेजी से अमली जामा पहनाने के लिए दवाब डालने के बजाय सोनिया सोनिया कह कर व्यवधान डालना नितांत गलत कदम है। इसी प्रकार की गलत राजनीति कदमों से न तो प्रदेश की आम जनता की भावनाओं के अनरूप राजधानी गैरसैंण ही बन पायी व नहीं प्रदेश में ऋषिकेश में राजग सरकार के दौरान स्वीकृत किया गया अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान का चिकित्सालय ही खुल पाया। राजनैतिक दलों की इस संकीर्ण प्रवृति से देश का विकास जहां कुंद पडता है वहीं लोकशाही भी विकृत होती है।

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