-न्यायालय के दो टूक फेसले के बाद गढ़वाल हितैषिणी के शीघ्र होंगे चुनाव


-न्यायालय के दो टूक फेसले के बाद गढ़वाल हितैषिणी के शीघ्र होंगे चुनाव
नई दिल्ली(प्याउ)। निहित स्वार्थ में डूबे नेतृत्व व गुटों के कारण समाज को केसे शर्मसार होना पडता है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है दिल्ली में उ़त्तराखण्डियों की सबसे पुरानी संस्था गढवाल हितेषिणी सभा । 1932 से करांची होते हुए दिल्ली में संचालित इस प्रतिष्ठित संस्था को लोग गढ़वाल भवन के नाम से जानते है। उत्तराखण्ड के महान मनीषियों व समाज के चिंतकों द्वारा आजादी के समय दिल्ली में जो प्रतिष्ठा इस संस्था को बना कर अर्जित की थी वह प्रतिष्ठिा आज के दिन इस संस्था के कर्णधारों ने अपने अहं व संकीर्ण कार्यो के कारण इस पर बाहरी लोगों का कब्जा करा कर व इस संस्था के आपसी विवाद को कोर्ट कचहरी में ले जाकर पानी ही फेर दिया है। मात्र अपने वर्चस्व व सदस्यता के नाम पर उठे इस विवाद के कारण संस्था को महिनों तक कोर्ट कचहरी के विवाद में उलझ कर लाखों रूपये का जहां आर्थिक भार उठाना पडा वहीं संस्था के भवन में बाहरी व्यक्ति का कब्जा, समाज की प्रतिष्ठा को रौंदा जा रहा है। कोर्ट द्वारा यहां के विवाद को देखते हुए जहां प्रशासक की नियुक्ति हुई वहीं कोर्ट ने सदस्यता के विवाद पर जो फेसला दिया वह विवाद के पहले ही दोर में सुलझा लिया जा सकता था, परन्तु चंद व्यक्तियों की नाक के कारण यह संस्था लम्बे समय तक लोकशाही से वंचित रही अपितु संस्था को लाखों रूपये का आर्थिक भार भी उठाना पडा। इसके साथ संस्था अपने गठित उदेश्य के प्रति काम करने से वंचित रही। 
कोर्ट के फेसले के बाद अब प्रशासक श्री नेगी द्वारा नवम्बर माह में गढवाल हितेषिणी सभा की आम बैठक बुलाई जा रही है। पुराने 2200 के करीब सदस्यों के अलावा इतने से अधिक नये सदस्यों के कारण इस सभा में करीब साढे चार हजार के लगभग सदस्यों के लिए आम सभा के आयोजन करना एक प्रकार से प्रशासक श्री नेगी के लिए एक चुनौती से कम नहीं है। इस आम सभा की बैठक के बाद सभा की नयी कार्यकारणी के गठन के लिए राह साफ हो सकेगी।  

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