सलमान प्रकरण से बेनकाब हुए मनमोहन, कांग्रेस व व्यवस्था

-केजरीवाल का सराहनीय संघर्ष पर जब तक सलमान इस्तीफा न दे तब तक धरना चलाने की हुकार भरकर भी पहले धरना उठाना गलत

देश के सबसे प्रतिष्ठित समाचार चैनल आजतक  द्वारा खुर्शीद और उनकी पत्नी लुईस द्वारा संचालित डॉक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट में 71 लाख रूपये के कथित अनियमितताओं के खुलाशा ने न केवल सलमान खुर्शीद को अपितु देश के प्रधानमंत्री, कांग्रेस पार्टी को ही नहीं अपितु पूरी व्यवस्था को ही पूरी तरह से बेनकाब कर दिया। भारत के ही नहीं अपितु विदेशी भी इस खुलाशे से भौंचक्के हैं कि भारत व्यवस्था सच में इतनी भ्रष्ट व अमानवीय हो गयी है कि वे विकलांग व्यक्तियों के लिए दी जाने वाली सरकारी सहायता पर ही डाका डालने  में तनिक सी भी शर्म नहीं आ रही है। इससे भी शर्मनाक बात यह हे कि न तो प्रधानमंत्री व नहीं सोनिया गांधी में इतना नैतिक साहस रहा कि वे अपने मंत्री को जांच तक पद से इस्तीफा देने की नैतिक साहस दे पाये। लगता है नैतिकता आज भारतीय राजनीति में रही नहीं गयी। गांधी जी कहते थे बडे पद पर आसीन व्यक्ति की नैतिकता व दायित्व भी बडी होती है। जिस देश व कांग्रेस में मात्र एक रेल दुर्घटना होने मात्र से अपने पद से इस्तीफा देने वाले लाल बहादूर शास्त्री जैसे नेता रहे हो, जिस कांग्रेस में गुलजारी लाल नन्दा जैसे ईमानदार नेता रहे हों उस पार्टी के मंत्री की संस्था पर जब खुले आम बिकलांगों के साथ अनिमियताओं का आरोप लगे व वह मंत्री ही नहीं पूरी सरकार जिस बेशर्मी से कुर्सी पर ऐसे संदेह से घिरे मंत्री को बनाये रखने का काम कर देश की छवि को धूमिल करने का काम कर रहे है वह वास्तव में देश के लिए बहुत ही शर्मनाक है। सलमान को चाहिए था कि निष्पक्ष जाच तक अपने पद से इस्तीफा दे देते। लोग अचम्भित है कि प्रतिष्ठित परिवार के सलमान कोई गरीब आदमी तो नहीं जो 71 लाख के लिए घोटाला करते परन्तु गांधी ने कहा था कि यह पृथ्वी अरबों जीवों का जीवन तो चला सकती है परन्तु एक भी व्यक्ति की तृष्णा को पूरी नहीं कर सकती। वे पद से जांच तक इस्तीफा देते तो उनका सम्मान ही बचता व कांग्रेस पार्टी में इस कलंक का भागी बनने से बचती। परन्तु अब सलमान व प्रधानमंत्री के मूक बने रहने से बिना जांच के भी पूरे देश की जनता के सम्मुख सलमान ही नहीं कांग्रेस भी गुनाहगार सी दिखाई देने लगी है। वहीं इस प्रकरण पर सलमान के इस्तीफे तक संसद मार्ग से धरना जारी रखने की हुंकार भरने वाले अरविन्द केजरीवाल व उनके साथियों ने जिस अनुकरणीय साहस के साथ यह कार्य किया, उससे पूरे देश की जनता उनका स्वागत कर रही थी परन्तु जिस प्रकार से 15 अक्टूबर को अपना धरना स्थगित करके आगे का आंदोलन फर्रूखाबाद में सलमान के चुनाव क्षेत्र में करने के निर्णय से लोगों को जरूर धक्का लगा। लोगों का मानना है कि जिस प्रकार अरविन्द व उनकी टीम जंतर मंतर अनशन के बाद संसद मार्ग आंदोलन में भी अपना लक्ष्य पूरे होने तक धरना जारी रखने के वचन की रक्षा तक नहीं कर पा रहे हैं यह उनके व्यक्तित्व की एक कमजोरी है। वहीं मंत्री सलमान के इस प्रकरण की जांच के लिए निरंतर आंदोलन कर रहे अरविंद केजरीवाल व उनकी पूरी टीम ने जंतर मंतर संसद थाने के सम्मुख अपने आंदोलन में  उप्र सरकार की जांच पर प्रश्न चिंह लगाते हुए आशंका प्रकट किया कि खुर्शीद और उनकी पत्नी लुईस द्वारा संचालित डॉक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट में कथित अनियमितताओं की उत्तर प्रदेश सरकार की जांच पर केजरीवाल ने कहा कि मंत्री सलमान खुर्शीद और आय से अधिक सम्पति के मामले में घिरे मुलायम तथा अखिलेश पिता-पुत्र द्वय एक दूसरे को बचाने का प्रयास करेंगे।
सवाल सलमान खुर्शीीद व उनका ट्रस्ट दोषी है की नहीं, यह तो जांच के बाद या वे खुद जानते होंगे। परन्तु जो तथ्य सामने आजतक ने रखे उससे एक पल के लिए उन्हें अपने पद पर बने रहने का नैतिक हक नहीं है। अगर उनमें विवेक होता तो वे तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देते। परन्तु गांधी की कांग्रेस का दुर्भाग्य यह हे कि उसमें जनता से कटे पदलोलुपु प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व अध्यक्ष सोनिया गांधी है। उनके आत्मघाती सलाहकारों की तो बात ही क्या। मंत्री व महासचिव तो दिगविजय, वेनी प्रसाद,गुलाम, सहित पूरी कांग्रेस पार्टी सलमान का बचाव में ऐसी खडी है कि मानो सलमान के साथ किसी ने बहुत बुरा किया। वे भूल गये कि सरकार व कांग्रेस पार्टी का दायित्व देश के सम्मान व उसके हितों की रक्षा करना है। आरोप है कि विकलांगों को उपकरण नहीं दिए गए और ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने इन रुपयों का गबन किया। यही नहीं नियंत्रक एवं लेखा-महापरीक्षक की रिपोर्ट में भी इसी तरह की बात कही गई है।  सलमान खुर्शीद इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और उनकी पत्नी लुईस खुर्शीद प्रोजेक्ट डायरेक्टर। हालांकि दोनों ने ही आरोपों का खंडन किया है। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार इसकी जांच की बात कह रही है। वहीं इस आरोपों को देखते हुए केन्द्रीय मंत्रीमण्डल से सलमान खुर्शीद का तत्काल इस्तीफा देने की मांग को लेकर इंडिया अगेन्सट करपशन के प्रमुख अरविन्द केजरीवाल व उनकी टीम ने विगत कई दिन तक निरंतर अपना आंदोलन छेडा हुआ है। प्रधानमंत्री आवास पर प्रदर्शन किया वहीं उप्र में प्रशासन ने पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं कि जिन विकलांगों को उपकरण दिए जाने की बात कही गई है वे वास्तव में हैं भी या नहीं और उन्हें उपकरण मिले या नहीं? इसके अलावा क्या ऐसे लोगों को उपकरण दिए गए जो मर चुके हैं? क्या उपकरण बांटने के कैंप लगाने के फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए हैं? गौरतलब है कि
इससे पहले विकलांग कल्याण विभाग मामले की जांच कर रहा था. विकलांग कल्याण विभाग की जांच में कुछ अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर की बात सामने आने पर पुलिस को जांच सौंपी गई थी। इस प्रकरण पर अरविंद केजरीवाल ने उत्तरप्रदेश सरकार पर सलमान खुर्शीद को बचाने की गरज से सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया है.। कुल मिला कर यह प्रकरण देश की छवि को कलंकित करने का ही काम कर रहा है। देश के राजनेताओं की स्थिति इतनी शर्मनाक हो गयी है कि अब बिकलांगों का धन को भी डकारने में लग गये है। शेष श्री कृष्ण कृपा। हरि ओम तत्सत् । श्रीकृष्णाय् नमो।

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