जनता ने सुंघाई सत्तांध मुख्यमंत्री बहुगुणा को जमीनी,
इस्तीफा दे मुख्यमंत्री
उत्तराखण्ड की प्रबुद्ध जनता की जागरूकता के कारण टिहरी संसदीय उपचुनाव में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की तमाम तिकडमों के बाबजूद कांग्रेस को जीत नसीब नहीं हुई। 10 अक्टूबर को टिहरी संसदीय सीट के लिए सम्पन्न हुए संसदीय उपचुनाव की 13 अक्टूबर को मतगणना में भाजपा प्रत्याशी माला राज लक्ष्मी शाह ने कांग्रेस के प्रत्याशी साकेत बहुगुणा को ं22694 मतों से हराया। इस चुनाव में विजयी रही भाजपा प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी शाह को 245835 मत मिले व हारे हुए कांग्रेसी प्रत्याशी साकेत बहुगुणा को 223141 मत मिले। यहा ंपर चुनाव जीतने के लिए पूरा सत्ता तंत्र, संसाधन व घात प्रतिघात की तिकड़मी हथकण्डे अपनाने के बाबजूद हर हाल में टिहरी संसदीय सीट से चुनाव जीत कर अपने बेटे को सांसद बनाने में उतारू प्रदेश के मुख्यमंत्री को जनता ने हार का करारा सबक सिखाया। यह हार कांग्रेस के प्रत्याशी साकेत से अधिक प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की मानी जा रही है। इस हार को जनता की जीत मानते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के इस्तीफे की मांग आंदोलनकारी संगठनों ने की। वहीं विजयी प्रत्याशी माला शाह ने मतगणना स्थल देहरादून में पंहुच कर समर्थन के लिए जनता को धन्यवाद दिया। देहरादून जनपद में भाजपा को मिली बढ़त ने कांग्रेस द्वारा चकराता सीट पर हासिल की गयी 11300 की बढ़त पर पूरी तरह पानी फेर दिया। हालांकि उत्तरकाशी के गंगोत्री व पुरोला में कांग्रेस को व यमुनोत्री में भाजपा को बढ़त रही व टिहरी व घनसाली विधानसभा पर भाजपा तथा प्रतापनगर व धनोल्टी में कांग्रेस की बढ़त रही। वहीं मसूरी, केंट, रायपुर, विकासनगर आदि में भाजपा को मिली जीत।
यहां हुए चुनाव में भले ही देश प्रदेश के आम लोग कांग्रेस व भाजपा के बीच हुआ मान रहे हों परन्तु उत्तराखण्ड के चिंतक इसे प्रदेश की लोकशाही व लोकशाही को ठेंगा दिखा रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की जनविरोधी सत्ता के बीच ही माना गया। जिस प्रकार से विधानसभा चुनाव में आये जनादेश को ठेंगा दिखा कर सोनिया गांधी ने विधायकों की इच्छा के विरूद्ध सत्तांध हो कर विजय बहुगुणा को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया, उससे उत्तराखण्ड के लोग अपने आपको बेहद अपमानित महसूस कर रहे थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी कांग्रेसी आलाकमान की ताकत के अहं में जिस प्रकार से प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सितारगंज में विधानसभा उपचुनाव जीतने के लिए प्रदेश के हक हकूकों को ही अपितु प्रदेश की जनता के विश्वास को भी रौंदा उससे प्रदेश की जनता काफी आक्रोशित थी। यही नहीं जिस प्रकार प्रदेश की सत्ता में संवैधानिक पदों पर एक एक कर जनता के नजरों में खलनायक व दागी लोगों को आसीन करके प्रदेश की जनता का एक प्रकार से अपमान ही किया। वहीं विधानसभा चुनाव में परिवार का घोर विरोध करने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने टिहरी संसदीय उपचुनाव में कांग्रेस का प्रत्याशी के चयन में यहां के जमीनी व वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को नजरांदाज करके अपने राजनीति में नौशिखिये बेटे साकेत को प्रत्याशी बना कर लोगों के गुस्से को सातवें आसमान चढ़ा दिया। इसके अलावा केन्द्र सरकार के भ्रष्टाचार व मंहगाई से भरे कुशासन से पूरे देश की जनता के साथ उत्तराखण्ड के टिहरी संसदीय क्षेत्र की जनता भी बेहद पीडि़त है। इसका खमियाजा भी कांग्रेसी प्रत्याशी को भुगतना पडा। मतगणना स्थल के बाहर भाजपा के कार्यकत्र्ता झण्डे लहरा कर नारे बाजी कर रहे हैं और कांग्रेसी मायूस हो रखे है।
टिहरी संसदीय सीट में सम्मलित तीनों जनपद के 14 विधानसभाओं मेें कुल मतदाताओं की संख्या 1197822 है इनमें 630432 पुरूष व 567390 महिलायें है। टिहरी संसदीय सीट में कुल 1561 मतदान केन्द्र है। 10 अक्टूबर को टिहरी संसदीय उपचुनाव में 5,08,767 मतदाताओ ंने भाग ले कर इसमें भाग लेने वाले माला राज लक्ष्मी शाह-भाजपा की , साकेत बहुगुणा- कांग्रेस, त्रिवेन्द्र पंवार-उक्राद(पी), कुंवर जपेन्द्रसिंह उत्तराखण्डी-उत्तराखण्ड रक्षा मोर्चा, योगी राकेश नाथ(दिवाकर), कुलदीप मधवाल-उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी, ं कई चुनाव लड चूके दर्शन लाल डिमरी-अखिल भारत हिन्दू महासभा , राष्ट्रीय एकता पार्टी के सहस्रपुर निवासी लियाकत अली, स्वतंत्र प्रत्याशी जौहारी लाल, नवीन कुमार भट्ट, ब्रह्मदेव झा, मनीष वर्मा, विज्ञान विक्रम शाह व संजय गोयल के भाग्य का फैसला किया।
उत्तरकाशी के तीन विधानसभा पुरोला(अजा), यमुनोत्री व गंगोत्री में कुल मतदाता 191947 व 424 मतदान केन्द्र हैं। वहीं टिहरी जनपद की टिहरी संसदीय सीट पर सम्मलित 4 विधानसभा क्षेत्र घनशाली(अजा), प्रतापनगर, टिहरी व धनोल्टी में कुल मतदाता 288930 व 507 मतदान केन्द्र हैं। वहीं टिहरी संसदीय क्षेत्र में आने वाले सबसे अधिक मतदाताओं वाले जनपद देहरादून के 7 विधानसभा क्षेत्र चकराता(अजजा), विकासनगर, सहस्रपुर, रायपुर, राजपुर रोड(अजा), देहरादून केण्ट व मसूरी में कुल मतदाता 716945 व 630 मतदान केन्द्र है। इस जीत ने जहां एक बार फिर गढ़वाल लोकसभा उपचुनाव की यादें ताजी कर दी। जिसमें कांग्रेस के सत्ताबल को जनता ने अपने विवेक व लोकशाही के प्रति सम्र्पण से ठुकरा दिया। यह जीत लोकशाही की जीत हैं। यह हार कांग्रेस के मुख्यमंत्री व कांग्रेस आला नेतृत्व की है जो उत्तराखण्ड की जनभावनाओं को रौंद कर अपने प्यादों को यहां पर आसीन करने का कृत्य करने का उतारू है। वह भी उस जनता के साथ जो उन पर विश्वास करने की भूल कर उनके पक्ष में जनादेश देने का काम कर चूकी थी। शेष श्री कृष्ण कृपा। हरि ओम तत्सत् । श्रीकृष्णाय् नमो।
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