30 जनवरी 2012 को विधानसभा चुनाव में भाजपा हराओं उत्तराखण्ड बचाओ
30 जनवरी 2012 को विधानसभा चुनाव में भाजपा हराओं उत्तराखण्ड बचाओ
सभी उत्तराखण्डियों से विनम्र निवेदन है कि वे उत्तराखण्ड राज्य के हितों व लोकशाही की रक्षा के लिए प्रदेश शासन में विगत पांच सालों से सत्तासीन भाजपा के खिलाफ अपना मतदान करें
1.-क्योंकि भाजपा ने अपने 2007 के विधानसभा चुनाव में मिले जनादेश का अपमान अपनी सत्तालोलुपता व दिशाहीन कुशासन से किया।
2- प्रदेश की जनांकांक्षाओं व सम्मान के प्रतीक स्थाई राजधानी गैरसैंण गठित करने के बजाय बलात राजधानी देहरादून थोपनें का षडयंत्र किया।
3.- प्रदेश की भाजपा सरकार के शासनकाल में मुजफरनगर काण्ड के अभियुक्तों व उनके संरक्षकों को दण्डित करने के बजाय उसके गुनाहगारों को दण्डित कराने में प्रदेश सरकार नितांत असफल रही।
4-प्रदेश भाजपा सरकार के कार्यकाल में स्टर्जिया घोटाला, जल विद्युत परियोजना घोटाला, कुम्भ घोटाला सहित अनैक शर्मनाक घोटाले हुए।
5.-प्रदेश की प्रतिभाओं की उपेक्षा कर बाहर के लोगों को प्रदेश के संसाधनों व महत्वपूर्ण पदों पर आसीन करना।
6- प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री खंडूडी द्वारा प्रदेश में सारंगी व निशंक को भाग्य विधाता थोप कर जहां प्रदेश का अपमान किया, वहीं भ्रष्ट एनजीओ, विधायकों, मंत्रियों व मुख्यमंत्री को बहुत ही धूर्तता से लोकायुक्त से बचने का रास्ता दे कर प्रदेश के साथ विश्वासघात करने का कृत्य किया।
7-प्रदेश की भाजपा सरकार ने गत पांच सालों में सारंगी, निशंक व खंडूडी की बीन बजाते हुए प्रदेश को जहां भ्रष्टाचार व कुशासन से रौंदा वहीं प्रदेश में जातिवाद व क्षेत्रवाद के गर्त में धकेल कर प्रदेश में लोकशाही का एक प्रकार से गला ही घोंटा हैं।
इसलिए प्रदेश में लोकशाही की रक्षा के लिए व प्रदेश के हक हकूंकों की रक्षा करते हुए चहुमुखी विकास के लिए प्रदेश के वर्तमान व भविष्य पर लांश बन गयी भाजपा के कुशासन से मुक्ति के लिए 30 जनवरी को उत्तराखण्ड की सत्ता से भाजपा को उखाड फेंकने के लिए मतदान करके उत्तराखण्ड राज्य गठन के शहीदों व आंदोलनकारियों के आदर्श उत्तराखण्ड राज्य गठन के सपने को साकार करें। अपना मत केवल साफ छवि के, जनहितों में समर्पित रहे उत्तराखण्ड के हक हकूकों के रक्षक प्रत्याशी को ही दें।
देवसिंह रावत
अध्यक्ष
उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा
(सन् 1994 से 2000 यानी 6 साल तक पृथक उत्तराखण्ड गठन हेतु संसद की चैखट जंतर मंतर पर निरंतर सफल धरना देने वाला एकमात्र संगठन )
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