रेल दुर्घटना बचाने वाले दीपक को को पुरस्कार सहित रेल में नौकरी भी दे सरकार
रेल दुर्घटना बचाने वाले दीपक को को पुरस्कार सहित रेल में नौकरी भी दे सरकार
15 जनवरी को प्रातः दिल्ली में कुड़ा बिनने वाले 10 वर्षीय बालक दीपक ने रेल की टूटी पटरी को देख कर अविलम्ब सम्बंधित अधिकारियों को इसकी इतला दे कर जिस अदभूत विवेक व साहस का परिचय दे कुछ देर बाद ही आने वाली पटना राजधानी रेल के साथ होने वाली भीषण दुर्घटना को बचाने का महान कार्य किया है। भारतीय रेल व भारत सरकार को ऐसे बहादूर गरीब बच्चे को जहां बीरता का बाल पुरस्कार देने के साथ उसकी शिक्षा के साथ वयस्क होने पर रेलवे में पक्की नौकरी दे कर सम्मानित करना चाहिए। इससे न केवल उस गरीब बच्चे में भावी जीवन में समाज के हित में कार्य करने का जज्बा मजबूत होगा अपितु समाज में इस प्रकार का काम करने की भावना को लोगों में जागृत होगी।
15 जनवरी को प्रातः दिल्ली में कुड़ा बिनने वाले 10 वर्षीय बालक दीपक ने रेल की टूटी पटरी को देख कर अविलम्ब सम्बंधित अधिकारियों को इसकी इतला दे कर जिस अदभूत विवेक व साहस का परिचय दे कुछ देर बाद ही आने वाली पटना राजधानी रेल के साथ होने वाली भीषण दुर्घटना को बचाने का महान कार्य किया है। भारतीय रेल व भारत सरकार को ऐसे बहादूर गरीब बच्चे को जहां बीरता का बाल पुरस्कार देने के साथ उसकी शिक्षा के साथ वयस्क होने पर रेलवे में पक्की नौकरी दे कर सम्मानित करना चाहिए। इससे न केवल उस गरीब बच्चे में भावी जीवन में समाज के हित में कार्य करने का जज्बा मजबूत होगा अपितु समाज में इस प्रकार का काम करने की भावना को लोगों में जागृत होगी।
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