भाजपा पर लगा भगवान राम का अभिशाप ?
भाजपा पर लगा भगवान राम का अभिशाप ?
‘सौगन्ध राम की खाते हैं हम मंदिर वहीं बनायेंगे, का नारा लगा कर सत्तासीन होने के बाद मंदिर निर्माण करना हमारे ऐजेन्डे में नहीं कहने वाले भाजपा पर लगता है अब भगवान राम कुपित है। नहीं तो सर मुंडवाते कई सालों से उनकी आषाओं पर ओले नहीं पड़ते। भगवान राम अब भी भाजपा का माफ करने को तेयार नहीं हे। इस बार 5 राज्यों के चुनाव में इन राज्यों में कमल खिलाने की आष पर इस बार कुषवाह नाम से एक प्रकार से ग्रहण लग गया। पूरे देष में भाजपा की कितनी किरकिरी हो रही है, इसका भान भाजपा के गडकरी जैसे नेताओं को नहीं है । देष में 80 सांसदों के राज्य उप्र में चुनाव में अपना परचम फहराने की आष से गड़करी ब्रिगेड ने ऐसा काम किया जिससे भाजपा की पूरे देष में जग हंसाई हो रही हे। बसपा के जिस मंत्री कुषवाहा को भ्रश्टाचार के मामलों में मायावती ने अपनी मंत्रीमण्डल से क्या हटाया कि भाजपा ने उनको अपने दल में सम्मलित कर दिया। इसके बाद भाजपा के नेताओं ने जब इस प्रकरण पर प्रष्न उठाया तो उनको अनुषासन का डण्डा दिखा कर चुप कराने का हिटलरी प्रवृति लोकषाही में भाजपा नेतृत्व ने दिखाई परन्तु उसे गोरखपुर के स्वामी आदित्यनाथ ने अपनी हंुकार से तार तार कर दिया। पूरे देष में भाजपा के भ्रश्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने की हुंकार का जो उपहास इस प्रकरण से उडा उससे भाजपा का ग्राफ उत्तर प्रदेष में ही नहीं पूरे देष में गिर गया है। यही नहीं भारतीय जनता पार्टी भाजपा, के वरिष्ठ नेता तथा पार्टी के युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामाशीष राय ने 9 जनवरी सोमवार को दल के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में हुए कथित घोटाले के आरोपी बाबू सिंह कुशवाहा को पार्टी में शामिल करने के लिए सौदेबाजी करने का आरोप लगाया। इसके बाद आरोप लगाने वाले राय को दल से निलंम्बित किया गया। परन्तु सच्चाई जग जाहिर हो गयी। यह पहली बार नहीं कि भाजपा के आला नेता गडकरी ने ऐसे कारनामे किये । ऐसे कारनामें वह उत्तराखण्ड में कर चूके है। वे कभी भ्रश्टाचार के कई आरोपों में जनता की नजरों में घिरे उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के पद से हटाने के तुरंत बाद निषंक को भाजपा का राश्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने का आत्मघाती काम करते तो कभी उनको पाक साफ होने का प्रमाणपत्र देते। लगता है वर्तमान कुषवाहा प्रकरण भाजपा के लिए ताबुत का कील साबित हो रही है। कई नेता इसके खिलाफ सार्वजनिक वयान दे चूके है। संघ भी आयना दिखा चूका है। परन्तु लगता है भाजपा के षीर्श नेतृत्व की बुद्वि पर ही भगवान राम ने पर्दा डाल दिया। जो गड़करी को यह भी समझ नहीं आ रहा है कि क्या सही है और क्या गलत। क्या भ्रश्ट है व क्या पाक साफ। इसी को कहते हैं कि रामद्रोही को कहीं मुक्ति नहीं। लखनऊ में भाजपा प्रत्याषी के साड़ी वितरण प्रकरण के बाद जिस प्रकार से भाजपा की छवि बिगडी थी उसी प्रकार कुषवाहा प्रकरण अब भाजपा को राम द्रोह का दण्ड देने का काम कर रहा है।
‘सौगन्ध राम की खाते हैं हम मंदिर वहीं बनायेंगे, का नारा लगा कर सत्तासीन होने के बाद मंदिर निर्माण करना हमारे ऐजेन्डे में नहीं कहने वाले भाजपा पर लगता है अब भगवान राम कुपित है। नहीं तो सर मुंडवाते कई सालों से उनकी आषाओं पर ओले नहीं पड़ते। भगवान राम अब भी भाजपा का माफ करने को तेयार नहीं हे। इस बार 5 राज्यों के चुनाव में इन राज्यों में कमल खिलाने की आष पर इस बार कुषवाह नाम से एक प्रकार से ग्रहण लग गया। पूरे देष में भाजपा की कितनी किरकिरी हो रही है, इसका भान भाजपा के गडकरी जैसे नेताओं को नहीं है । देष में 80 सांसदों के राज्य उप्र में चुनाव में अपना परचम फहराने की आष से गड़करी ब्रिगेड ने ऐसा काम किया जिससे भाजपा की पूरे देष में जग हंसाई हो रही हे। बसपा के जिस मंत्री कुषवाहा को भ्रश्टाचार के मामलों में मायावती ने अपनी मंत्रीमण्डल से क्या हटाया कि भाजपा ने उनको अपने दल में सम्मलित कर दिया। इसके बाद भाजपा के नेताओं ने जब इस प्रकरण पर प्रष्न उठाया तो उनको अनुषासन का डण्डा दिखा कर चुप कराने का हिटलरी प्रवृति लोकषाही में भाजपा नेतृत्व ने दिखाई परन्तु उसे गोरखपुर के स्वामी आदित्यनाथ ने अपनी हंुकार से तार तार कर दिया। पूरे देष में भाजपा के भ्रश्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने की हुंकार का जो उपहास इस प्रकरण से उडा उससे भाजपा का ग्राफ उत्तर प्रदेष में ही नहीं पूरे देष में गिर गया है। यही नहीं भारतीय जनता पार्टी भाजपा, के वरिष्ठ नेता तथा पार्टी के युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामाशीष राय ने 9 जनवरी सोमवार को दल के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में हुए कथित घोटाले के आरोपी बाबू सिंह कुशवाहा को पार्टी में शामिल करने के लिए सौदेबाजी करने का आरोप लगाया। इसके बाद आरोप लगाने वाले राय को दल से निलंम्बित किया गया। परन्तु सच्चाई जग जाहिर हो गयी। यह पहली बार नहीं कि भाजपा के आला नेता गडकरी ने ऐसे कारनामे किये । ऐसे कारनामें वह उत्तराखण्ड में कर चूके है। वे कभी भ्रश्टाचार के कई आरोपों में जनता की नजरों में घिरे उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के पद से हटाने के तुरंत बाद निषंक को भाजपा का राश्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने का आत्मघाती काम करते तो कभी उनको पाक साफ होने का प्रमाणपत्र देते। लगता है वर्तमान कुषवाहा प्रकरण भाजपा के लिए ताबुत का कील साबित हो रही है। कई नेता इसके खिलाफ सार्वजनिक वयान दे चूके है। संघ भी आयना दिखा चूका है। परन्तु लगता है भाजपा के षीर्श नेतृत्व की बुद्वि पर ही भगवान राम ने पर्दा डाल दिया। जो गड़करी को यह भी समझ नहीं आ रहा है कि क्या सही है और क्या गलत। क्या भ्रश्ट है व क्या पाक साफ। इसी को कहते हैं कि रामद्रोही को कहीं मुक्ति नहीं। लखनऊ में भाजपा प्रत्याषी के साड़ी वितरण प्रकरण के बाद जिस प्रकार से भाजपा की छवि बिगडी थी उसी प्रकार कुषवाहा प्रकरण अब भाजपा को राम द्रोह का दण्ड देने का काम कर रहा है।
Comments
Post a Comment