भाजपा में दागदारों को सम्मन व ईमानदार वरिष्ठ नेता फोनिया की उपेखा
भाजपा में दागदारों को सम्मन व ईमानदार वरिष्ठ नेता फोनिया की उपेखा
देहरादून (प्याउ)। रामराज्य व सुषासन का ढपोर षंख बजाने वाली भाजपा का मुखोटा उस समय उत्तराखण्ड में पूरी तरह से बेनकाब हो गया, जब भाजपा ने अपनी षेश 22 विधानसभाई क्षेत्रों की अंतिम सूची को जारी की। एक तरफ वह उप्र में बसपा से निश्कासित भ्रश्टाचार में फंसे नेता कुषवाह को पार्टी में सम्मलित करने का कृत्य करती है वही दूसरी तरफ पार्टी देवभूमि उत्तराखण्ड में बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक व प्रदेष के सबसे साफ छवि व वरिश्ठ अनुभवी नेता केदारसिंह फोनिया की टिकट काट ने का काम किया। देष में जनजाति नेताओं में सबसे अनुभवी व साफ छवि के वरिश्ठ नेताओं में अग्रणी केदारसिंह फोनिया को पर्यटन का मर्मज्ञ भी माना जाता है। परन्तु उनकी बेदाग व साफ छवि के कारण भाजपा के इस सरकार के मुख्यमंत्री खंडूडी व निषंक दोनों ने अपनी सरकार में उनको मंत्री पद उनकी साफ छवि व कुषल प्रषासन से अपने आप को बोना महसूस करने के कारण उत्तराखण्ड राज्य को मजबूत साकारात्मक दिषा देने में सहायक हो सकने वाली उनकी प्रतिभा से प्रदेष को वंचित रखा गया। इस प्रकरण से साफ हो गया कि भाजपा में भ्रश्टाचार व कुषासन के लिए कुख्यात लोगों का तो पार्टी में स्वागत ही नहीं होता अपितु इसमें महत्वपूर्ण पदों पर भी आसीन किया जाता है और साफ छवि के वरिश्ठ अनुभवी केदारसिंह फोनिया, मोहनसिंह ग्रामवासी जैसे नेताओ की षासन प्रषासन में षर्मनाक उपेक्षा की जाती है। गौरतलब हे कि भाजपा ने दो दिन पहले घोशित अपने 48 प्रत्याषियों की सूची में कई विधायकों व मंत्रियों की टिकट काटी थी उसके बाद जिस प्रकार से टिकट से वंचित किये गये कोटद्वार के विधायक षैलेन्द्र रावत के समर्थकों ने प्रचण्ड प्रदर्षन किया, उसके बाद केदारनाथ की विधायक आषा नोटियाल व प्रताप नगर के विधायक विजय सिंह पंवार के टिकट काटने की हिम्मत भाजपा नहीं कर पायी। हालांकि इसकी चर्चा दो दिन से लगातार थी कि आषा नौटियाल व विजय सिंह पंवार की टिकट कट जायेगी। इसके बाद दोनों के समर्थकों ने निरंतर जो दवाब बनाया, वह दवाब षैलेन्द्र समर्थकों के हंगामें के बाद काम कर गया और दोनों की टिकट बच गयी। केवल टिकट दूसरी लिस्ट में काटी गयी तो प्रदेष के सबसे अनुभवी व पाक छवि के नेता केदारसिंह फोनिया की जहां टिकट काटी गयी, वहीं प्रदेष के वरिश्ठ संघ समर्पित नेता मोहनसिंह ग्रामवासी को टिकट से वंचित ही रखा गया। इसी तर्ज में हल्द्वानी से नवागंतु रेणु अधिकारी को हल्द्वानी से पार्टी का प्रत्याषी बनाया गया। वहीं उक्रांद के दो वर्तमान विधायकों दिवाकर भट्ट व ओम गोपाल रावत को भाजपा के चुनाव चिन्ह पर चुनावी समर में गठबंधन करके उतारने का भी निर्णय लिया गया।
देहरादून (प्याउ)। रामराज्य व सुषासन का ढपोर षंख बजाने वाली भाजपा का मुखोटा उस समय उत्तराखण्ड में पूरी तरह से बेनकाब हो गया, जब भाजपा ने अपनी षेश 22 विधानसभाई क्षेत्रों की अंतिम सूची को जारी की। एक तरफ वह उप्र में बसपा से निश्कासित भ्रश्टाचार में फंसे नेता कुषवाह को पार्टी में सम्मलित करने का कृत्य करती है वही दूसरी तरफ पार्टी देवभूमि उत्तराखण्ड में बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक व प्रदेष के सबसे साफ छवि व वरिश्ठ अनुभवी नेता केदारसिंह फोनिया की टिकट काट ने का काम किया। देष में जनजाति नेताओं में सबसे अनुभवी व साफ छवि के वरिश्ठ नेताओं में अग्रणी केदारसिंह फोनिया को पर्यटन का मर्मज्ञ भी माना जाता है। परन्तु उनकी बेदाग व साफ छवि के कारण भाजपा के इस सरकार के मुख्यमंत्री खंडूडी व निषंक दोनों ने अपनी सरकार में उनको मंत्री पद उनकी साफ छवि व कुषल प्रषासन से अपने आप को बोना महसूस करने के कारण उत्तराखण्ड राज्य को मजबूत साकारात्मक दिषा देने में सहायक हो सकने वाली उनकी प्रतिभा से प्रदेष को वंचित रखा गया। इस प्रकरण से साफ हो गया कि भाजपा में भ्रश्टाचार व कुषासन के लिए कुख्यात लोगों का तो पार्टी में स्वागत ही नहीं होता अपितु इसमें महत्वपूर्ण पदों पर भी आसीन किया जाता है और साफ छवि के वरिश्ठ अनुभवी केदारसिंह फोनिया, मोहनसिंह ग्रामवासी जैसे नेताओ की षासन प्रषासन में षर्मनाक उपेक्षा की जाती है। गौरतलब हे कि भाजपा ने दो दिन पहले घोशित अपने 48 प्रत्याषियों की सूची में कई विधायकों व मंत्रियों की टिकट काटी थी उसके बाद जिस प्रकार से टिकट से वंचित किये गये कोटद्वार के विधायक षैलेन्द्र रावत के समर्थकों ने प्रचण्ड प्रदर्षन किया, उसके बाद केदारनाथ की विधायक आषा नोटियाल व प्रताप नगर के विधायक विजय सिंह पंवार के टिकट काटने की हिम्मत भाजपा नहीं कर पायी। हालांकि इसकी चर्चा दो दिन से लगातार थी कि आषा नौटियाल व विजय सिंह पंवार की टिकट कट जायेगी। इसके बाद दोनों के समर्थकों ने निरंतर जो दवाब बनाया, वह दवाब षैलेन्द्र समर्थकों के हंगामें के बाद काम कर गया और दोनों की टिकट बच गयी। केवल टिकट दूसरी लिस्ट में काटी गयी तो प्रदेष के सबसे अनुभवी व पाक छवि के नेता केदारसिंह फोनिया की जहां टिकट काटी गयी, वहीं प्रदेष के वरिश्ठ संघ समर्पित नेता मोहनसिंह ग्रामवासी को टिकट से वंचित ही रखा गया। इसी तर्ज में हल्द्वानी से नवागंतु रेणु अधिकारी को हल्द्वानी से पार्टी का प्रत्याषी बनाया गया। वहीं उक्रांद के दो वर्तमान विधायकों दिवाकर भट्ट व ओम गोपाल रावत को भाजपा के चुनाव चिन्ह पर चुनावी समर में गठबंधन करके उतारने का भी निर्णय लिया गया।
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