क्षत्रपों के बर्चस्व की जंग से परेशान है भाजपा व कांग्रेस/

 क्षत्रपों के बर्चस्व की जंग से परेशान है भाजपा व कांग्रेस/
-बागियों से अधिक भीतर घातियों से है खतरा/

रूद्रप्रयाग(प्याउ) । भले ही भाजपा व कांग्रेस के चुनावी अभियान के प्रमुख विधानसभा चुनाव 2012 में अपनी पार्टी की फतह की चुनावी सभा में ऐलान कर रहे हों परन्तु उनकी इस दंभ भरी हुंकार को अगर कोई पलीता लगा रहे हैं तो उनके ही दल के बागी प्रत्याशी जो विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से चुनावी दंगल में उतरे हुए है।  परन्तु राजनैतिक दल इन बागियों से भी अधिक पार्टी के भीतरघातियों से सहमी हुई है। जहां भाजपा में निशंक बनाम खंडूडी-कोश्यारी में अंदर खाने चल रही  बर्चस्व की जंग से भाजपा के मठाधीश भी परेशान है। वहीं कांग्रेस में अगला मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेसी दिग्गजों हरीश रावत, सतपाल महाराज, विजय बहुगुणा व हरक सिंह में अंदर खाने चल रही शह और मात की जंग ने आला नेतृत्व भी सहमा हुआ है। दोनों दल पूरी ताकत से इन भीतरघातियों के दंश से उबरने का प्रयाश कर रही है परन्तु नाक की लड़ाई में प्रदेश व दलीय हितों को दाव पर लगाने में भी कोई कम कसर न छोड़ने वाले ये मठाधीश मानने का नाम नहीं ले रहे है। भले ही बाहर व मंचों में ये एक दिखे परन्तु अंदर अंदर जो कार्य एक दूसरे को मात देने का हो रहा है उससे दोनों पाटियां परेशान है। इसी कारण जहां खंडूडी, निशंक व अमृता रावत की सीटों पर कोई भी उलट फेर होने की आशंका से दल के नेता आशंकित हैं।
सबसे ज्यादा बागियों के बीच में कोई फंसे तो कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष डा हरक सिंह रावत, जो अपनी पंसदी विधानसभा सीट छोड़ कर दूसरे जनपद रूद्रप्रयाग में पहंुचे। वहां पर पहले से ही टिकट की आश लगा कर बेठे कांग्रेस के सबसे मजबूत महामंत्री बीरेन्द्र बिष्ट व भरत सिंह चैधरी ने उनको पूरी तरह से घेर लिया है। गौरतलब हे कि इस विधानसभा सीट से भाजपा के दिग्गज व स्वयं कांग्रेसी प्रत्याशी हरकसिंह रावत के साढ़ु भाई मातवर सिंह चुनावी मैदान में हैं। इस कारण पूरे प्रदेश में इस विधानसभा चुनाव पर सबकी नजर लगी हुई है। विद्रोहियों में भाजपा व कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी है। अनुशासन के नाम से जाने जानी वाली भाजपा इस समय पूरी तरह से बेनकाब हो गयी। उसके सबसे साफ छवि के वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व मंत्री केदारसिंह फोनिया ने पार्टी से नाता तोड़ कर बदरीनाथ से उत्तराखण्ड रक्षा मोर्चा के प्रत्याशी के रूप में चुनावी दंग में उतर कर भाजपा को सबक सिखाने के लिए कमर कस ली है। इसी विधानसभा सीट से कांग्रेसी टिकट के दावेदार रहे जिला पंचायत सदस्य नंदन सिंह बिष्ट ने भी अपने प्रबल विरोधी राजेन्द्र भण्डारी को यहां से कांग्रेसी प्रत्याशी बनाये जाने से आक्रोशित हो कर  निर्दलीय बन कर चुनाव मैदान में उतर गये है। कर्णप्रयाग से जहां भाजपा के पूर्व विधायक अनिल नौटियाल , कांग्रेस के सुरेन्द्र नेगी भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरे है। वहीं टिहरी के प्रताप नगर से राजेश्वर पैनूली भी स्वतंत्र उम्मीदवार की तरह उतर कर भाजपा की नाक में दम किये हुए है। टिहरी के देवप्रयाग सीट के सबसे मजबूत दावेदार  रहे पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी चुनावी दंगल में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर उतरे हुए है।
वहीं जनपद चमोली की थराली सीट पर भी भाजपा विधायक जीएल शाह निर्दलीय लड़ रहे हैं। यहीं से कांग्रेस के टिकट के दावेदार जिला पंचायत सदस्य महेश शंकर त्रिकोटी भी निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं। पौड़ी जिले की यमकेश्वर सीट से पूर्व पराजित प्रत्याशी व पूर्व ब्लाक प्रमुख रेनु बिष्ट कांग्रेस से टिकट न मिलने के कारण रक्षा मोर्चा से लड़ रहीं हैं। वहीं हरिद्वार जनपद से कांग्रेस के बागी प्रत्याशी महेश शर्मा भी पार्टी की चिंता में इजाफा करने का कारण बन चूके है। उत्तरकाशी जिले में भाजपा के बागी सिटिंग विधायक राजकुमार पुरोला सीट से तथा कांग्रेस के बागी सुरेश चैहान गंगोत्री सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
देहरादून की डोईवाला सीट पर कांग्रेसी टिकट का प्रबल दावेदार रहे एसपी सिंह निर्दलीय प्रत्यासी के रूप में मैदान में मजबूती से ताल ठोक रहे है। सहसपुर से जमीनी नेताओं को नजरांदाज कर यहां से प्रदेश में तिवारी कुशासन के प्रतीक रहे उनके ओ एसडी आर्येन्द्र शर्मा को टिकट देने से जहां अधिकांश कांग्रेसी ही नहीं यहां की जनता भी नाराज है ।
 ऋषिकेश सीट से टिकट के प्रबल दावेदार नगर पालिका अध्यक्ष निर्दलीय दीप शर्मा कांग्रेस के प्रत्याशी राजपाल सिंह खरोला को चुनौती दे रहे हैं। वहीं हरिद्वार में रानीपुर सीट पर पूर्व विधायक अंबरीष कुमार कांग्रेस टिकट न मिलने से उम्मीदवार हैं। किर्णप्रयाग सीट पर विधायक अनिल नौटियाल निर्दलीय मैदान में हैं। कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह नेगी भी निर्दलीय लड़ रहे हैं।  इस सीट पर 2002 से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते रहे अनिल नौटियाल पहली बार निर्दलीय तौर पर चुनाव मैदान में हैं। टिहरी जिले की धनौल्टी, प्रतापनगर, नरेन्द्रनगर, देवप्रयाग सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बागी प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। दोनों दलों के दो-दो प्रत्याशी बागी होकर चुनाव मैदान में हैं। बाजपुर में कांग्रेसी विद्रोही राजकुमार निर्दलीय चुनाव मैदान में है।  किच्छा में कांग्रेस के टिकट के दावेदार रहे पूर्व चेयरमैन सुरेश अग्रवाल भी चुनाव मैदान में  हैं। वहीं सितारगंज सीट पर बसपा के बागी पूर्व चेयरमैन अनवर अहमद भी चुनाव मैदान में है। यही नहीं धनोल्टी से कांग्रेसी विद्रोही जोतसिंह बिष्ट चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। वहीं कालाढ़ुगी से कांग्रेस के दिग्गज नेता महेश शर्मा भी चुनाव मेदान में निर्दलीय उतर कर कांग्रेसी प्रत्याशियों की नाक में नकेल डाले हुए है।

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