चंगैजी ठेकेदारी प्रथा से श्रमिकों व कर्मचारियों को लुटवा रही है सरकार 


प्रधानमंत्री आवास पर श्रमिकों व कर्मचारियों को शोषण से मुक्त कराने के लिए पीड़ित कर्मचारियों ने बोला धावा 

कर्मचारियों व श्रमिकों को लूटने के तीन दोषी सरकार, अधिकारी व ठेकेदार 

नई दिल्ली(प्याउ)। सरकार आज भ्रष्ट ठेकेदारों व उच्चाधिकारियों की मिली भगत से देश में जंगेजी ठेकेदारी प्रथा को निजी क्षेत्र व सरकारी क्षेत्र में बलात थोप कर करोड़ों मजदूर व कर्मचारियों का बंधुआ मजदूरों से बदतर शोषण करा रही है। चंगैजी ठेकेदारी प्रथा के कारण आज हर महिने कर्मचारियों का आधा वेतन ठेकेदार, अधिकारियों व नेताओं डकार रहे हैं। वहीं उससे 12 से 18 घण्टों का काम ले कर श्रमिक हितों का गला घोंटा जा रहा है। 
14 जून को सायंकाल बड़ी संख्या से दिल्ली नगर निगम में वर्षो से बंधुआ मजदूरों से बदतर स्थिति में काम कर रहे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने यकायक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास पर धावा बोल कर उनसे न्याय की गुहार लगायी। अचानक दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों की जायज मांगों व सरकारी नगर निगम में हो रहे वर्षो से शोषण से प्रधानमंत्र.ी कार्यालय भी शर्मसार हुआ। दिल्ली नगर निगम में हजारों कर्मचारियों को जो चोकीदार, सफाई कर्मचारी आदि चतुर्थ श्रेणी के पदों पर वर्षो से अस्थाई रूप से काम कर रहे है। उनको न तो नियमित ही किया जा रहा है। उनको वेतन भी कम मिल रहा है। यही नहीं चोकीदार से तो 12 से 17 घण्टों की नोकरी ली जा रही है। जिसके लिए उसको न कोई अतिरिक्त वेतन दिया जा रहा है और कर्मचारियों के अधिकारों का खुला उल्ंाघन किया जा रहा है। 
किसी प्रकार से कर्मचारियों के नेता ईश्वर भारद्वाज सहित आंदोलनकारी कर्मचारियों को मना कर पुलिस प्रशासन के बल पर वहां से वापस जंतर मंतर पर भेज दिया गया। जंतर मंतर पर दिल्ली नगर निगम के ये पीड़ित कर्मचारी कई महिनों से अपनी मांगों को लेकर लोकहित मोर्चे के बेनर तले धरना दे रहे है। विगत सप्ताह से कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में आमरण अनशन भी चल रहा था। अनशनकारियों की हालत नाजुक देख कर आक्रोशित कर्मचारियों ने पहले प्रधानमंत्री आवास पर धावा बोला। वहां से आने के बाद जब जंतर मंतर पर कर्मचारी आये तो उन्होंने वहां पर सभा की। इसी दौरान दिल्ली नगर निगम के चिकित्सकों का एक दल अनशनकारियों के स्वास्थ्य की जांच करने धरना स्थल पर आया, इसी दोरान कर्मचारियों ने अनशनकारियों की स्थित नाजुक होने के बाबजूद दिल्ली नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगी तो कर्मचारियों ने संसद मार्ग की जाम कर दिया। सडक जाम होते देख कर पुलिस प्रशासन ने कर्मचारियों को हटाना चाहा परन्तु आक्रोशित कर्मचारियों ने पुलिस प्रशासन से नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों को धरने पर बुलाने की मांग की। स्थिति को भापंते हुए नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने दिल्ली नगर निगम के उच्चाधिकारी को तुरंत धरने पर आ कर कर्मचारियों की मांग सुनने का आग्रह किया। पुलिस प्रशासन द्वारा स्थिति की जानकारी पा कर दिल्ली नगर निगम के उच्चा अधिकारियों का एक शिष्टमण्डल धरना स्थल पर आया और उसने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि वह उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करके जल्द ही कर्मचारियों के हित में महत्वपूर्ण कदम उठायेगे। अधिकारियों के आश्वासन को लागू करने की मांग को लेकर कर्मचारियों का अनशन व धरना जंतर मंतर पर जारी है। 

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