देश में आज का सबसे बडा यज्ञ प्रश्न
प्रश्न मोदी को कमान सौपने की आशंका से भाजपा के आडवाणी आदि कई नेता बीमार पडे, यदि मोदी प्रधानमंत्री बन गये तो कितने भाजपा व कांग्रेसी नेता देश छोड़ देंगे या बीमार पडेंगे?
गोवा में भाजपा के अधिवेशन में भाजपा की कमान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को सोंपने की सभावनाओं से ही जिस प्रकार भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी, उमाभारती, जसवंत सिंह, शत्रुघन सिन्हा जेसे कई वरिष्ठ नेता बीमार पड़ गये, उससे पूरे देश की जनता के दिला दिमाग में एक यज्ञ प्रश्न उठ रहा है कि अगर नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बन गये तो कितने कांग्रेस सहित भाजपा आदि तमाम दलों के नेता बीमार पड़ जायेंगे या देश छोड़ जायेंगे? लगता है देश के सत्तालोलुपु नेताओं में मोदी का ऐसा भय व्याप्त है तो देश की व्यवस्था में काबिज भ्रष्टाचारी व देशद्रोही तत्वों का क्या हाल होगा जब मोदी प्रधानमंत्री बन जायेंगे। देश के राजनेताओं में नहीं अपितु पाक, चीन व अमेरिका भी भयभीत है कि अगर मोदी बन गया तो भारत विश्व में एक महाशक्ति बन जायेगा और पूरे विश्व में भारत की सर्वभूतहितेरता की पताका फेहरायेगी। इसी कारण आज पूरे देश व विदेश में सभी मोदी को रोकने के लिए एक के बाद एक षडयंत्र कर रहे हे।
यहां मोदी के नाम से बीमार पड़ने वाले भाजपा के आडवाणी जेसे वरिष्ठ नेताओं ने शायद सत्यानारायण की कथा नहीं सुनी होगी? अगर वे सच में बीमार हो गये तो उनके प्रधानमंत्री बनने के सपने का क्या होगा? अब भाजपा व संघ के नेताओं को फेसला करना ही पडेगा कि वह राष्ट्रवादियों के साथ हैं या पदलोलुपु जीनावादियों के साथ। इसी प्रकार की प्रवृति के कारण ही देश को पतन के गर्त में धकेलने वाली मनमोहन जैसी कांग्रेसी सरकार को विगत दस सालों से देश को ढोने के मजबूर होना पड रहा है। आज पूरा देश मनमोहन सरकार के कुशासन से मंहगाई, भ्रष्टाचार व आतंक से त्राही-त्राही कर रही है। परन्तु देश को मनमोहनी कुशासन से मुक्ति दिलाने का प्रथम दायित्व पूरा करने के लिए मोदी जैसा जनप्रिय मजबूत नेतृत्व विकल्प देने के बजाय भाजपा के जनता की नजरों में पूरी तरह से बेनकाब हो चूके नेता पदलोलुपता के लिए देश की आशाओं में पदलोलुपता का बज्रपात कर मनमोहन सरकार को जीवन दान देने की निकृष्ठ काम करके देश की आशाओं व भविष्य पर बज्रपात कर रहे हैं। गोवा प्रकरण से साफ हो गया कि लालकृष्ण आडवाणी व उमा भारती नेताओं से अधिक खराब स्वास्थ्य असल में भारतीय जनता पार्टी का हो गया है। इसलिए आज स्पष्ट होता है कि भाजपा व संघ लालकृष्ण आडवाणी के रहमों करम पर जी कर देश में मनमोहनी सरकार को प्राण दान देगी या आज देश को मनमोहनी सरकार के शिकंजे से मुक्त करने के लिए जनता की आशाओं का केन्द्र बन चूके नरेन्द्र मोदी को कमान सौंपने का ऐलान करने का राष्ट्रीय दायित्व का निर्वहन करती है।
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