सत्तांध हुक्मरानों के कारण भारत भी बन जायेगा पाकिस्तान की तरह आंतंकीस्तान
देश की सत्तांध राजनीति के कारण देश में आतंकी बैखौफ देश को तबाह कर रहे है। राजनेता अपने निहित स्वार्थ के लिए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने को ही अपना कर्तव्य मान रहे है। इसी कारण आतंकी संसद, मुम्बई, दिल्ली, कारगिल ही नहीं कल 21 फरवरी को हेदराबाद में भी बम विस्फोट कर 15 निर्दोष लोगों की हत्या व सवा सौ से अधिक लोगों को घायल कर चूके हैं। आखिर भारत की निर्दोष जनता कब तक इन सत्तांध सरकारों की लापरवाही के कारण इन नापाक आतंकियों के हाथों बम धमाकों में आये दिन मारे जायेंगे। मनमोहन सरकार अपने वोट बैंक के खातिर इन आंतंकियों के सफाया करने, घुसपेटिये आतंकियों को बाहर करने व एक ठोस नीति बनाने में पूरी तरह से विफल रही है। उप्र, असम, बंगाल, दिल्ली, आंध्र ही नहीं इन घुसपेटियों ने सीमाान्त प्रदेश उत्तराखण्ड में भी अपने पांव पसार लिये है। देश की सरकारें अगर इसी प्रकार मूक रही तो आने वाले 15 सालों में देश आतंकियों के पूरी तरह से शिकंजे में होगा और ये आतंकी भारत को भी पाकिस्तान की तरह आतंकीस्तान बना देंगे। देश में जिस प्रकार से बंगलादेशी घुसपेट हो गयी है और पाकिस्तान व चीन के साथ अमेरिका का भी साया भारत को कमजोर करने के लिए निरंतर खौफनाक हो रहा है। अगर इस पर अमेरिका व इस्राइल सरकारों की तरह कठोरता से कुचला नहीं गया तो आने वाला समय देश के लिए और भी खौफनाक होगा। जरूरत है इसके लिए देश में ठोस राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की जो देश में मुस्लिम समाज की भावनाओं को भडकाने के लिए चलाये जा रहे पाक व बग्लादेशी आतंकी नापाक गठजोड़ को पूरी तरह से बेनकाब कर सके। इसके लिए कांग्रेस व सपा के साथ जदयू,ममता,सहित तमाम पार्टियों को अपने संकीर्ण राजनैतिक ऐजेन्डे को त्याग कर राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए अमेरिका की तरह काम करना होगा।
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