भारत में बांध बनाने में खुला समर्थन व चीन के बांध बनाने पर हायतौबा क्यों?


चीन अपने देश में ब्रह्मपुत्र आदि नदियों में बांध बनाने पर भारत में जो हायतौबा मचाया जा रहा है वह हाय तौबा ये लोग तब क्यों नहीं मचाते हैं जब उत्तराखण्ड में गंगा व उसकी सहायक नदियों में, नर्वदा नदी सहित देश में अन्य भू भाग पर वहां के लाखों लोगों को बलात विस्थापन करके अरबों खरबों जीवों की निर्मम जल समाधि दे कर हत्या करके तथा पर्यावरण को भारी नुकसान पंहुचाया जाता है। तब ऐसे लोग विकास व ऊर्जा के नाम पर अपनी जमीन व जीवन बचाने के लिए इन बांधों का विरोध करते है। अगर भारत में बांध बने तो अच्छा और चीन इन्हीं ऊर्जा व विकास के नाम पर बांध बनाये तो उसका विरोध क्यों? चीन भारत का दुश्मन है तो उसका मुहतोड़ सीधे मुकाबला करना चाहिए। बांध जीवित विनाशकारी बम साबित होगे युद्ध काल में। भारत के लिए चीन में बने बांध तो विनाशकारी होंगे ही परन्तु भारत में भ्रष्टाचार के लिए बनाये गये बांधों की युद्धकाल में तथा भूकम्पकाल में होने वाली त्रासदी से कौन उबारेगा देश को। केवल देश के हुक्मरानों के कमिशन के लालच में पूरे क्षेत्र को डूबोने का कार्य भारत में क्यों? चीन द्वारा बांध बनाये जाने पर भारत में पानी की कमी से अधिक तबाही का भय सता रहा है। आज चीन का जवाब तो हमारी जांबाज सेनायें दे देगी परन्तु देश के विकास को भ्रष्टाचार के गर्त में धकेल कर तबाह करने वाले हुक्मरानों से देश केसे मुक्ति पायेगा इस पर गंभीरता से चिंतन व कार्य करने की जरूरत है। कमीशन व तबाही के लिए बनाये जा रहे बांधों का विरोध होना चाहिए। चाहे कहीं भी बने। कोई भी बनाये।

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