नजफगढ़ की दामिनी की पहली बरसी पर जंतर मंतर पर आक्रोशित आहत उत्तराखण्डियों ने दी श्रद्धांजलि


उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन के बाद पहली बार सम्मलित हुए तमाम अग्रणी लोग


नई दिल्ली(प्याउ)। 9 फरवरी 2012 को दिल्ली के नजफगढ़ से बलात्कारियों की शिकार बनी दामिनी को एक बरस बीत जाने पर उत्तराखण्ड समाज ने संसद की चैखट राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस श्रद्धांजलि सभा में पंहुचे समाज के लोग इस बात से बेहद आहत थे कि इस घटना को एक साल होने के बाबजूद अभी तक न तो न्याय ही मिला व नहीं पीडि़ता के परिजनों को केन्द्र, दिल्ली या उत्तराखण्ड कहीं की भी सरकार ने सहायता देनी तो रही दूर उनकी सुध तक नहीं ली। उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन के बाद पहली बार इतनी बडी संख्या में अधिकांश अग्रणी समाजसेवी, राजनेता, पत्रकार, उ़द्यमी , महिलायें सहित बडी संख्या में उत्तराखण्डियों ने भाग लिया। इस श्रद्धांजलि सभा में उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भगतसिंह कोश्यारी, उत्तराखण्ड से राज्यसभा सांसद तरूण विजय, प्रोग्रेसिव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मंमगांई, उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत, खाडी देश दुबई से इस कार्यक्रम में सम्मलित होने आयी गीता चंदोला, वरिष्ट पत्रकार सुनील नेगी, मुम्बई से आये राष्ट्रीय राजीव सेना के चंदर शर्मा आदि ने संबोधित किया। इस मोमवती युक्त प्रदर्शन में सबसे महत्वपूर्ण गरीमामय उपस्थिति उत्तराखण्ड गौरव से सम्मानित महान गायक नरेन्द्रसिंह नेगी व हीरासिंह राणा के अलावा शिवदत्त पंत सहित अनैक प्रतिठित कलाकार भी उपस्थित थे।
इस श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित प्रबुद्ध लोगों में उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के संयोजक व प्रदेश के अपर महाधिवक्ता अवतार रावत, पूर्व अध्यक्ष खुशहाल सिंह बिष्ट, महासचिव जगदीश भट्ट, उत्तराखण्ड क्रांतिदल के उपाध्यक्ष प्रताप शाही, पत्रकार विजेन्द्र रावत, उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के सुरेश नौटियाल व प्रेम सुन्दरियाल,  उत्तराखण्ड जनमोर्चा के अध्यक्ष रविन्द्रसिंह बिष्ट, एस एन वसलियाल, हर्ष बर्धन खण्डूडी, दलवीर रावत, बृजमोहन सेमवाल व हुकमसिंह कण्डारी,उत्तराखण्ड महासभा के अनिल पंत व करण बुटोला, उत्तराखण्ड लोकमंच के बृजमोहन उप्रेती उत्तराखण्ड मानवाधिकार संगठन के प्रमुख एस के शर्मा, भाजपा नेता श्याम लाल मंझेडा, पीसी नैनवाल, श्री बिष्ट, युवक कांग्रेस के नेता राजपाल बिष्ट, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेता हरिपाल रावत, नन्दन रावत, विनोद नगर से श्री रावत, भूपेश शर्मा, गिरीश कडाकोटी, प्रमोद पंत, हमर उत्तराखण्ड परिषद के अध्यक्ष मोहन बिष्ट, म्यर उत्तराखण्ड के अध्यक्ष सुदर्शन रावत, महासचिव भूपाल सिंह बिष्ट, उपाध्यक्ष देवेन्द्र बिष्ट, धीरेन्द्र अधिकारी हिमांशु पुरोहित, हरीश रावत, मनीष सुन्दरियाल, भारत रावत,  व  टिहरी उत्तरकाशी जनविकास परिषद के अध्यक्ष गंभीर सिंह नेगी, प्रताप सिंह राणा, गंगोत्री संस्था से कमला रावत व दातराम जोशी, साहित्यकार ललित केशवान, जयपालसिंह रावत, देवेश्वर जोशी, दिनेश ध्यानी, सुरेन्द्र रावत, जोगीन्दर रावत, पत्रकार बनारसी सिंह, विवेक जोश, दाताराम चमोली, चारू तिवारी, श्री रावत, सतेन्द्र रावत, नीरज जोशी, कण्डारी, मोहन सिंह रावत, परमवीरसिंह रावत, फिल्म निर्माता राकेश गौड़ व महेश कुमार, समाजसेवी धर्मपाल कुमंई,  कमलेश जोशी, आशा बलोदी, फिल्म कलाकारा सुश्री रावत, रामचन्द्र भण्डारी पूर्व मुख्यमंत्री के साहयक यूएस नेगी नैनीडाण्डा विकास समिति के जयपाल रावत, अनूप रावत , चकबंदी आंदोलनवाले डोभाल,व शैलेन्द्र के अलावा बड़ी संख्या में महिलायें जलविहार से खुशहाल सिंह बिष्ट के साथ इस आंदोलन में सम्मलित होने आयी थी। इसके अलावा बड़ी संख्या में समाजसेवी उपस्थित थे।
इसका आयोजन अनैक समाजसेवियों ने सामुहिक रूप से इंटरनेट फेसबुक आदि का साहयता ले कर किया। इंटरनेटी दुनिया से आंदोलनों में भाग लेने वाले लोगों को भले ही यह संख्या आशा से कम दिखी परन्तु जनांदोलनों के अपने लम्बे अनुभवों के आधार पर यह संख्या राज्य गठन आंदोलन के बाद पहली बार बड़ी संख्या में उत्तराखण्डी समाज के हित के लिए सडक पर उतरे। हाॅं यह संख्या उन लोगों को अवश्य कम नजर आती है जो केवल उत्तराखण्ड के जनांदोलनों से दूर रह कर केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उमडने वाली भीड़ को देख कर अभिभूत रहते। हमारे समाज में सबसे कमी इसी बात कि है कि हमारे लोग अपने हितों के संघर्षो को नजरांदाज व सांस्कृतिक कार्यक्रमों या दावत पार्टियों में भारी संख्या में डींगे हांकते नजर आते। परन्तु समाज की प्रवृति को देख कर जंतर मंतर में श्रद्धांजलि सभा में उमडा जनसमुदाय काफी है।
9 फरवरी 2013 को जंतर मंतर पर सांय 5 बजे से जंतर मंतर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन बहुत ही गमगीन माहौल में किया गया। इसमें न तो किसी प्रकार के संगठन का बैनर व माइक का ही प्रयोग किया गया। इस घटना पर प्रकाश डालते हुए अखिल भारतीय उत्तराखण्ड महासभा के जयसिंह रावत ने इसका संचालन किया। सभा को
9 फरवरी 2012 को उत्तराखण्ड मूल की दिल्ली के छावला नजफगढ़ निवासी 19 वर्षीय दामिनी को ऑफिस से घर आते वक्त 9 फरवरी 2012 सायं करीब 8 .30 बजे को कुतुब विहार (छावला) नजफगढ़ से उस समय एक बिना नम्बर प्लेट लगी हुए कार सवारों ने अगवा किया जब वह अपने सहेलियों के साथ घर वापस आ रही थी। सरेआम हुई इस घटना से क्षेत्र मे रह रहे सभी समुदायों के सेकडों लोगो ने नजफगड़ थाने व रोड़ पर निरंतर प्रदर्शन करके दोषियों को पकड़ने  तक लगातार मांग की।  इस काण्ड के विरोध में संसद के समक्ष 13 फरवरी 2012को सांय 6 बजे सेकड़ों लोगों ने घण्टों तक जंतर मंतर पर प्रदर्षन किया था। बाद में पुलिस ने इस दामिनी की लांश मिली व कुछ दिन बाद अपराधी भी पकडे गये। परन्तु इस काण्ड के घटित हुए एक साल गुजर जाने पर भी इस काण्ड के अपराधियों को अभी तक सजा तक नहीं दी गयी। गत वर्ष 16 दिसम्बर को दिल्ली के बसंत बिहार में 23 वर्षीया छात्रा दामिनी के साथ हुए सामुहिक बलात्कार के बाद जो जनाक्रोश 22 व 23 दिसम्बर को दिल्ली के इंण्डियागेट से लेकर राष्टपति भवन तक सडकों पर हजारों की संख्या में आम जनता आक्रोशित हो कर उतरी उससे पूरी व्यवस्था सहम गयी। आज लोगों के जेहन में यह सवाल उभर रहा है कि अगर किरण प्रकरण में सरकार ईमानदारी से कडे कदम उठाती तो 16 दिसम्बर को दामिनी के साथ ऐसा घृर्णित कृत्य करने का दुशाहस कोई नहीं कर पाता और दामिनी आज हमारे बीच अपना जीवन यापन करती।
इस श्रद्धांजलि में तमाम वक्ताओं ने दिल्ली व उत्तराखण्ड सरकार से जहां नजफगढ़ व जलविहार की पीडि़त परिवारों की सहायता करने, इन काण्डों के दोषियों को कड़ी सजा देने के साथ साथ देश में निरंतर बढ़ रही महिलाओं से दुराचार की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सशक्त कानून बनाने की पुरजोर मांग की। सभा में उपस्थित समाजसेवकों को जनहित के संघर्षो की लडाई में सडक पर सम्मलित होने वाले उत्तराखण्ड समाज को दलगत राजनीति से उपर उठ कर आंदोलन को तेज करना चाहिए न की एक दूसरे  को कमजोर करने का कार्य।


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