भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रही भाजपा से इस्तीफा दे कर जनरल रावत ने किया भाजपा सरकार को किया बेनकाब
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-श्रीनगर मेें जनरल रावत के समर्थन में हुई ऐतिहासिक रैली ने किया प्रदेश से भाजपा कांग्रेस के सफाये एक ऐलान/
-प्रदेश में एक सशक्त राजनैतिक विकल्प दे सकता है मोर्चा/
प्यारा उत्तराखण्ड की विशेष रिपोर्ट-
27 अगस्त को एक तरफ दिल्ली के रामलीला मैदान में पूर्व सैनिक से विश्व लोकशाही के महानायक बने अण्णा हजारे के ऐतिहासिक आमरण अनशन से सहमे राजनैतिक दल ने घुटने टेकते हुए उनकी मांगों को स्वीकार करने के लिए विवश कर चूके थे वहीं दूसरी तरफ भारतीय संस्कृति की पावन गंगोत्री उत्तराखण्ड मे भाजपा के पूर्व सांसद व प्रदेश के बहुसंख्यक पूर्वसैनिकों के सबसे कद्दावर नेता ले. जनरल तेजपाल सिंह रावत ने श्रीनगर में आयोजित विशाल रैली में भाजपा की प्रदेश निशक सरकार के भ्रष्टाचार को शर्मनाक संरक्षण दे रहे भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व से इस्तीफा देकर भाजपा को पूरी तरह बेनकाब कर दिया। उन्होंने प्रदेश को भाजपा व कांग्रेस के भ्रष्टाचारी व उत्तराखण्ड विरोधी चंगुल से बचाने के लिए उत्तराखण्ड रक्षा मोर्चा का गठन करके प्रदेश की राजनीति में जहां खलबली मचा दी है। उनके इस ऐतिहासिक ऐलान के साथ उनके करीबी सिपाहे सलार व प्रदेश भाजपा के दर्जाधारी नेता राजेन्द्र भण्डारी ने भी इस्तीफा दे दिया। इस रैली में प्रदेश में भ्रष्टाचार के कुशासन को उखाड़ फेंकने का संकल्प ले कर जनता को जागृत करने वाले प्रदेश के महान लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी, सहित प्रदेश के अग्रणी समाजसेवी, व पूर्व वरिष्ठ आईएएस सुरेन्द सिंह पांगती, रघुवीर बिष्ट सहित हजारों लोग उपस्थित थे। श्रीनगर में ऐसी ऐतिहासिक रैली लोगों को दशकों से देखने को नहीं मिली थी। मोर्चा के गठन से प्रदेश की राजनीति में नये समीकरण बन गये है तथा 2 सितम्बर को हल्द्वानी रेली व 12 सिंतम्बर को टिहरी में विशाल आयोजन करने का ऐलान कर उत्तराखण्ड रक्षा मोर्चा ने अपनी जमीनी दमखम दिखा कर प्रदेश में नये राजनैतिक समीकरणों की जनआशाओं को नयी हवा दे दी है। उक्रांद व अन्य तमाम दलों को चाहिए कि वे वक्त ंकी नजाकत समझ कर मोर्चा के नेतृत्व में बन रहे इस नये विकल्प के साथ गठजोड कर प्रदेश से भाजपा व कांग्रेस के जनविरोधी कुचक्र को दूर करके जनाकांक्षाओं के आदर्श उत्तराखण्ड बनाने में अपना सकारात्मक योगदान दें।
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-श्रीनगर मेें जनरल रावत के समर्थन में हुई ऐतिहासिक रैली ने किया प्रदेश से भाजपा कांग्रेस के सफाये एक ऐलान/
-प्रदेश में एक सशक्त राजनैतिक विकल्प दे सकता है मोर्चा/
प्यारा उत्तराखण्ड की विशेष रिपोर्ट-
27 अगस्त को एक तरफ दिल्ली के रामलीला मैदान में पूर्व सैनिक से विश्व लोकशाही के महानायक बने अण्णा हजारे के ऐतिहासिक आमरण अनशन से सहमे राजनैतिक दल ने घुटने टेकते हुए उनकी मांगों को स्वीकार करने के लिए विवश कर चूके थे वहीं दूसरी तरफ भारतीय संस्कृति की पावन गंगोत्री उत्तराखण्ड मे भाजपा के पूर्व सांसद व प्रदेश के बहुसंख्यक पूर्वसैनिकों के सबसे कद्दावर नेता ले. जनरल तेजपाल सिंह रावत ने श्रीनगर में आयोजित विशाल रैली में भाजपा की प्रदेश निशक सरकार के भ्रष्टाचार को शर्मनाक संरक्षण दे रहे भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व से इस्तीफा देकर भाजपा को पूरी तरह बेनकाब कर दिया। उन्होंने प्रदेश को भाजपा व कांग्रेस के भ्रष्टाचारी व उत्तराखण्ड विरोधी चंगुल से बचाने के लिए उत्तराखण्ड रक्षा मोर्चा का गठन करके प्रदेश की राजनीति में जहां खलबली मचा दी है। उनके इस ऐतिहासिक ऐलान के साथ उनके करीबी सिपाहे सलार व प्रदेश भाजपा के दर्जाधारी नेता राजेन्द्र भण्डारी ने भी इस्तीफा दे दिया। इस रैली में प्रदेश में भ्रष्टाचार के कुशासन को उखाड़ फेंकने का संकल्प ले कर जनता को जागृत करने वाले प्रदेश के महान लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी, सहित प्रदेश के अग्रणी समाजसेवी, व पूर्व वरिष्ठ आईएएस सुरेन्द सिंह पांगती, रघुवीर बिष्ट सहित हजारों लोग उपस्थित थे। श्रीनगर में ऐसी ऐतिहासिक रैली लोगों को दशकों से देखने को नहीं मिली थी। मोर्चा के गठन से प्रदेश की राजनीति में नये समीकरण बन गये है तथा 2 सितम्बर को हल्द्वानी रेली व 12 सिंतम्बर को टिहरी में विशाल आयोजन करने का ऐलान कर उत्तराखण्ड रक्षा मोर्चा ने अपनी जमीनी दमखम दिखा कर प्रदेश में नये राजनैतिक समीकरणों की जनआशाओं को नयी हवा दे दी है। उक्रांद व अन्य तमाम दलों को चाहिए कि वे वक्त ंकी नजाकत समझ कर मोर्चा के नेतृत्व में बन रहे इस नये विकल्प के साथ गठजोड कर प्रदेश से भाजपा व कांग्रेस के जनविरोधी कुचक्र को दूर करके जनाकांक्षाओं के आदर्श उत्तराखण्ड बनाने में अपना सकारात्मक योगदान दें।
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