भाजपा के गले का फांस बना नये जिलों का गठन
भाजपा के गले का फांस बना नये जिलों का गठन/
-कोटद्वार नहीं सलाण में हो जिला मुख्यालय/
-नये जनपदों के गठन के लिए सरक ार पर बढ़ा दवाब/
कोटद्वार/द्वाराहाट(प्याउ) । प्रदेष सरकार ने चुनावी वैतरणी में भाजपा की नैया पार लगाने के उदेष्य से जो चार जनपदों के गठन की घोशणा की थी वह सरकार के गले की फांस बन गयी है। प्रदेष में इस समय एक दर्जन से अधिक स्थानों पर नये जिले बनाने की मांग की जा रही है परन्तु सरकार ने केवल 4 जनपदों का गठन क र एक प्रकार पूरे प्रदेष के वंचित लोगों का आक्रोष भाजपा की तरफ मुड़ गया है । लोगों का आरोप है कि नये जनपदों का गठन करते समय सरकार ने न तो जिला गठन की मांगों का ईमानदारी से निर्णय लिया व नहीं दूरदर्षिता ही दिखायी। पुरानी मांगों दर किनारे किया गया उससे सरकार की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गयी है। मुख्यमंत्री के गृह जनपद पौड़ी में कोटद्वार जनपद जिला बनाने पर लोग आक्रोषित है। लोगों का मानना है कि कोटद्वार जनपद बनाने से पर्वतीय क्षेत्र की जनता को कोई लाभ नहीं मिलेगा, वहीं जिला मुख्यालय व जिला का नाम कोटद्वार बनाये जाने पर कड़ी भत्र्सना करते हुए अग्रणी समाजसेवी महाबीर प्रसाद लखेड़ा व सूचना अधिकार कर्मी प्रधान भगतसिंह नेगी ने दो टूक षब्दों में कहा कि इस जिले का नाम कोटद्वार के बजाय सलाण होना चाहिए वहीं इसका मुख्यालय भी सलाण क्षेत्र में ही होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सलाण में द्वारीखेत बिकासखण्ड के देवीखेत स्थान पर जिला मुख्यालय बनाया जाना चाहिए। जिससे पर्वतीय क्षेत्र के लोगों के साथ न्याय होगा।
वहीं कोटद्वार जिला बनाने पर कड़ी प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए धूमाकोट जिला बनाओं संयुक्त संघर्श समिति के संरक्षक महेषचंद्रा व कांग्रेस के वरिश्ठ नेता धीरेन्द्र प्रताप ने अन्याय के खिलाफ धूमाकोट जनपद बनाने की उपेक्षा करने पर गहरा क्षोभ प्रकट करते हुए जिला मुख्यालय को धूमाकोट में बनाने की पुरजोर मांग की। कांग्रेसी नेता धीरेन्द्र प्रताप ने इस पर प्रखर जनांदोलन छेडने की चेतावनी भी दी।
वहीं दूसरी तरफ द्वाराहाट जिले की मांग को लेकर चल रहा जिला बनाओ संयुक्त संघर्ष समिति ने 213 दिन पुराना आंदोलन को स्थगित करते हुए हाल में घोषित रानीखेत जिले का मुख्यालय द्वाराहाट में बनाए जाने की मांग उठाई गई। समिति ने सरकार को आगाह किया कि द्वाराहाट मे ं मुख्यालय नहीं बनाए जाने पर उग्र आंदोलन चलाने का ज्ञापन भी प्रदेष सरकार को प्रेशित किया।
इसी प्रकार रंवाई क्षेत्र की उपेक्षा कर यमुनोत्री को जिला बनाये जाने पर रंवाई में भी प्रचण्ड आंदोलन चल रहा है। रंवाई क्षेत्र की जिला बनाने में की गयी उपेक्षा से आहत रवांई की जनता सरकार को सबक सिखाने के पक्ष में लामबंद हो रही है। इसी के साथ काषीपुर, रूड़की, नरेन्द्र नगर व पिण्डर को जिला न बनाये जाने से यहां की जनता भाजपा को सबक सिखाने का मन बना चूकी है। जनता के मूड को देख कर चुनाव की चैखट में खड़ी भाजपा में हडकंप मचा हुआ है। प्रदेष भाजपा सरकार पर कुछ नये जनपदों के गठन का निरंतर दवाब बढ़ा रही है। सरकार इसी खतरे को कम करने के लिए कुछ नये जिला बनाने का कदम उठा सकती है।
-कोटद्वार नहीं सलाण में हो जिला मुख्यालय/
-नये जनपदों के गठन के लिए सरक ार पर बढ़ा दवाब/
कोटद्वार/द्वाराहाट(प्याउ) । प्रदेष सरकार ने चुनावी वैतरणी में भाजपा की नैया पार लगाने के उदेष्य से जो चार जनपदों के गठन की घोशणा की थी वह सरकार के गले की फांस बन गयी है। प्रदेष में इस समय एक दर्जन से अधिक स्थानों पर नये जिले बनाने की मांग की जा रही है परन्तु सरकार ने केवल 4 जनपदों का गठन क र एक प्रकार पूरे प्रदेष के वंचित लोगों का आक्रोष भाजपा की तरफ मुड़ गया है । लोगों का आरोप है कि नये जनपदों का गठन करते समय सरकार ने न तो जिला गठन की मांगों का ईमानदारी से निर्णय लिया व नहीं दूरदर्षिता ही दिखायी। पुरानी मांगों दर किनारे किया गया उससे सरकार की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गयी है। मुख्यमंत्री के गृह जनपद पौड़ी में कोटद्वार जनपद जिला बनाने पर लोग आक्रोषित है। लोगों का मानना है कि कोटद्वार जनपद बनाने से पर्वतीय क्षेत्र की जनता को कोई लाभ नहीं मिलेगा, वहीं जिला मुख्यालय व जिला का नाम कोटद्वार बनाये जाने पर कड़ी भत्र्सना करते हुए अग्रणी समाजसेवी महाबीर प्रसाद लखेड़ा व सूचना अधिकार कर्मी प्रधान भगतसिंह नेगी ने दो टूक षब्दों में कहा कि इस जिले का नाम कोटद्वार के बजाय सलाण होना चाहिए वहीं इसका मुख्यालय भी सलाण क्षेत्र में ही होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सलाण में द्वारीखेत बिकासखण्ड के देवीखेत स्थान पर जिला मुख्यालय बनाया जाना चाहिए। जिससे पर्वतीय क्षेत्र के लोगों के साथ न्याय होगा।
वहीं कोटद्वार जिला बनाने पर कड़ी प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए धूमाकोट जिला बनाओं संयुक्त संघर्श समिति के संरक्षक महेषचंद्रा व कांग्रेस के वरिश्ठ नेता धीरेन्द्र प्रताप ने अन्याय के खिलाफ धूमाकोट जनपद बनाने की उपेक्षा करने पर गहरा क्षोभ प्रकट करते हुए जिला मुख्यालय को धूमाकोट में बनाने की पुरजोर मांग की। कांग्रेसी नेता धीरेन्द्र प्रताप ने इस पर प्रखर जनांदोलन छेडने की चेतावनी भी दी।
वहीं दूसरी तरफ द्वाराहाट जिले की मांग को लेकर चल रहा जिला बनाओ संयुक्त संघर्ष समिति ने 213 दिन पुराना आंदोलन को स्थगित करते हुए हाल में घोषित रानीखेत जिले का मुख्यालय द्वाराहाट में बनाए जाने की मांग उठाई गई। समिति ने सरकार को आगाह किया कि द्वाराहाट मे ं मुख्यालय नहीं बनाए जाने पर उग्र आंदोलन चलाने का ज्ञापन भी प्रदेष सरकार को प्रेशित किया।
इसी प्रकार रंवाई क्षेत्र की उपेक्षा कर यमुनोत्री को जिला बनाये जाने पर रंवाई में भी प्रचण्ड आंदोलन चल रहा है। रंवाई क्षेत्र की जिला बनाने में की गयी उपेक्षा से आहत रवांई की जनता सरकार को सबक सिखाने के पक्ष में लामबंद हो रही है। इसी के साथ काषीपुर, रूड़की, नरेन्द्र नगर व पिण्डर को जिला न बनाये जाने से यहां की जनता भाजपा को सबक सिखाने का मन बना चूकी है। जनता के मूड को देख कर चुनाव की चैखट में खड़ी भाजपा में हडकंप मचा हुआ है। प्रदेष भाजपा सरकार पर कुछ नये जनपदों के गठन का निरंतर दवाब बढ़ा रही है। सरकार इसी खतरे को कम करने के लिए कुछ नये जिला बनाने का कदम उठा सकती है।
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