उत्तराखण्ड की जनता की नजरों में कुशासक ही नहीं मीडिया भी बेनकाब

उत्तराखण्ड की जनता की नजरों में कुशासक ही नहीं मीडिया भी बेनकाब
देहरांदून(प्याउ)। उत्तराखण्ड में ं भाजपा व कांग्रेस के भ्रष्टाचारी कुशासन से उत्तराखण्ड की रक्षा के लिए ंचलाये जा रहे उत्तराखण्ड रक्षा मोर्चे के भ्रष्टाचार विरोधी रेलियों में उमड़ी भीड़ की खबरों को इलेक्ट्रोनिक मीडिया द्वारा कवरेज करने के बाबजूद ंन दिखाये जाने से ंजनता में ंमीडिया जहां पूरी तरह बेनकाब हो चूकी है वहीं लोगों को साफ लग ंरहा है कि विज्ञापन के लिए ंसत्तासीनों को खुश करने ंया सत्तासीनों के इशारों पर यह ंमीडिया का लोकशाही का गलाघोंटने वाला आत्मघाति चेहरा देख कर लोग भौंचंक्के हैं। निशंक राज की तरह विरोधियों की खबरों ंकंो गांयब ंकरने की खण्डूडी ं राज में चलं रही कलाकारी व महारथ को देख कर ंभी लोगों को भाजपा के सुशासन रूपि बदलाव पर ही ंप्रश्नचिन्ह लग गया है। ंगौरतलब है कि ंभाजपा राज में हो रहे ंशर्मनाक भ्रष्टाचार पर भ ाजपा आला नेतृत्व की शर्मनाक मौन से ंआहत हो कर पूर्व सांसद ले. जनरल तेजपालसिंह रावत ने उत्तराखण्ड की भ्रष्टाचार से रक्षा के लिए उत्तराखण्ड रक्षा मोर्चा ंबनांया। इसमें प्रदेश के शीर्ष लोक गायक नरेन्द्रसिंह नेगी, पूर्व आईएएस. सुरेन्द्रसिंह पांगती, मेजर जनरल शैलेन्द्र राज बहुगुणा सहित दर्जनों ले. जनरल, मेजर जनरल आदि सेना के वरिष्ठ ंसेवानिंवृत अधिकारियों के साथ प्रदेश के लिए समर्पित समाजसेवी, प्रबुद्वजन, छात्रं, महिलायें ंवं राजनेता जुड़े हुए है। इसंकी रेलियों में भारी संख्ंया में उमड़ी भीड़ से पूर्व सैनिक बाहुल्य प्रदेश की कमान चुनाव ंसे ऐनवक्त पहले ंजनता की नजरों में पहले से ही ंउतर चूके पूर्व मुख्ंयमंत्रंी खंण्डूडी कंांे मुख्यमंत्री बना कर ंअपना जनाधंांर बचाने की नापाक ंकोंशिश की। परन्तु इसंके बाबजूद भाजपा से जनता का मोह इस क दर भंग हो गया है कि खंडूडी के सत्तासीन होेने के बाबजूद 12 ंसितम्बर को ही वरिष्ठ भाजपा नेता व टिहरी जनपद के जिला ंपंचायत अध्यक्ष ंरतन सिंह ंगुनसोला ने भाजपा से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। देहरादून, श्रीनगर, ंहल्द्वानी, ंटिहरी के बाद 19 ंसितम्बर को ंधुमाकोट व 20 सितम्बर को ंकोटद्वार में आयोजित हजारों की जनता युक्त विशाल रेलियों को ंकवरेज करने के बाबजूद ंभ्रष्टाचार को मिटाने का दंभ भरने वाला व ंलोकशाहीं का चैथा स्तम्भ कहंलंाने वाला ंमीडियां ने लोकशाही के प्राण जनता कंे आक्रोश को न दिखा कर ंजनता के ंिवश्वास को ही डिगा दिया । ंउत्त्ंाराख्ंाण्ड में नेताओं के इशारे पर या स्वयं नेताओं को खुश करने के लिए सत्ता विरोधियों की महत्वपूर्ण खबरें भी ंसियार के सिंग की तरह गायब करने का निकृष्ठ ंव लोकशाही की हत्या करने वाला कृत्य करने के लिए मीडिया दागदार हो गयी है। आज ंप्रींट मीडिया व इलेक्ट्रोनिक मीडिया जहां देश में अण्णा हजारे का गुणगान करके अपने आप को लोकशाही का ंझण्डेबरदार बता रहे हैं वहीं देवभूमि उत्तराखण्ड में उनका भ्रष्टाचारी सत्ता समर्थक व जनभावनाओं को रौंदने का काम बहुत ही निर्लज्जता से कर रहा है। ंपरन्तु मीडिया की इन नापाक हरकतों व भ्रष्ट अलोकशाही सत्ता प्रतिष्ठानों के इन कुकृत्यों का उत्तराखण्ड की जनता मुंहतोड़ जवाब देना जानती है वह आगामी विधानसभा चुनाव में मीडिया के इन लाडलों को उनकी औकांत बता कर मीडिया को पूरी तरह से बेनकाब करेगी।

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