मोदी के खिलाफ भाजपा के नेताओं की अंध सत्तालोलुपता को ढाल बना कर 

नीतीश ने रचा प्रधानमंत्री बनने का चक्रव्यूह 

भले ही देश के अधिकांश जागरूक लोग व अधिकांश मीडिया सर्वेक्षण देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को देखना चाहते हों परन्तु राजनीति की सियासी धरातल पर जहां एक तरफ मनमोहन सिंह खुद को 2014 में भी प्रधानमंत्री बनने की व्यूह रचना राहुल गांधी को अपना मंत्री बना कर व भाजपा -राजग में सत्ताद्वंद छेड़ कर अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटे हैं। वहीं कांग्रेस का एक बडा वर्ग राहुल गांधी को भावी प्रधानमंत्री के रूप में प्रस्तुत कर 2014 की लोकसभाई चुनाव की बैतरणी को पार उतरना चाहते है। वहीं दूसरी तरफ सपा प्रमुख उप्र में सबसे अधिक सांसद ला कर देश का अगला प्रधानमंत्री बनना चाहते है। तो वहीं इन सबसे हट कर बहुत ही मजबूती से बिहार के मुख्यमंत्री वं जदयू नेता  नीतीश कुमार में अगले प्रधानमंत्री बनने का चक्रव्यूह रच रहे है। इसके तहत नीतीश कुमार, नरेन्द्र मोदी की बढ़ती हुई राष्ट्रव्यापी लोकप्रियता से परेशान भाजपा नेताओं की अंध सत्तालोलुपता को ढाल बना कर धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति ही देश का प्रधानमंत्री होगा का बेमौसमी राग छेडे हुए है। इस दिशा में चतुर शिकारी की तरह वे जहां एक तरफ अपनी छवि को मोदी का प्रखर विरोध करके देश के सबसे बडे धर्मनिरपेक्ष नेता के रूप में गढ़ रहे हैं। वहीं राज ठाकरे प्रकरण पर ताल ठोक कर मुंहतोड़ बयान दे कर वे बिहार के हितों का सबसे बडे पेरोकार बन कर बिहार की जनता का दिल जीत कर आगामी लोकसभा चुनाव में अपना दावा और मजबूत करना चाहते है। इसके साथ ही नीतीश कुमार ने बिहार में अपराधियों की सम्पति को जब्त करने का ऐलान करके देश में अपनी छवि एक अपराधियों पर अंकुश लगाने वाले राजनेता के रूप में स्थापित कर रहे है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के विशेष निर्देश पर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए तीन दिवसीय अभियान के प्रथम दिन ही राज्य भर में 5,239 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया.। प्रदेश में भूमिहारों का दिल जीतने के लिए उन्होंने बिहार में रणवीर सेना के संस्थापक ब्रह्मेश्वर सिंह मुखिया की हत्या के आरोपी प्रिंस पांडेय को पुलिस ने झारखण्ड की राजधानी रांची के नजदीक से गिरफ्तार कर लिया.। गौरतलब है कि भूमिहार समाज मुखिया की हत्या से नीतीश कुमार से काफी खपा चल रहे थे।  यही नहीं उनके राज्य में भ्रष्टाचारियों की सम्पति को भी जब्त करके इसमें विद्यालय व चिकित्सालय बनाने की पहल पहले ही की जा चूकी है। बिहार सरकार ने प्रदेश में अपराधियों की सम्पत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.। इसके तहत वर्तमान में जेल में बंद कुख्यात अपराधी रितलाल यादव की सम्पत्ति जल्द ही जब्त कर ली जाएगी.।  वेसे भी बिहार में नीतीश के मुख्यमंत्री बनने के बाद अधिकांश बाहुबली जेलों में बंद है जो उनकी बड़ी उपलब्धी के रूप में जनता सरहा रही है।
यह सब नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री बनने के लिए देश के अन्य नेताओं में बेहतर साबित करने वाले ऐसे गुण हैं जो अन्य नेताओं में देखने को नहीं मिलेगे। यही कारण है कि  बिहार के उप मुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री के सारे गुण पाए जाने वाला  बयान के दे कर भाजपा में ही नहीं जदयू में भी हडकंप मचा चूके है।
यह तमाम घात प्रतिघातों का मूल कारण आगामी लोकसभा चुनाव में देश का प्रधानमंत्री बनने की कई नेताओं की मंशा है। सबसे हैरान करने वाला दृश्य भाजपा में है। यहां पर देश की अधिकांश जनता व भाजपा के अधिकांश समर्पित कार्यकत्र्ता नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री के पद पर देखना चाहते हैं परन्तु भाजपा की राजनीति में दशकों से काबिज  मुरली मनोहर जोशी व लाल कृष्ण आडवाणी, के साथ उनकी मण्डली सुषमा, जेटली, नायडू, व राजनाथ सिंह के साथ अब संघ द्वारा प्रदेश की राजनीति से यकायक देश की राजनीति का शिरमौर बनाये गये नितिन गडकरी भी प्रधानमंत्री के पद के लिए अपने अपने सपनों को साकार करने के ताने बाने बहुत ही चालाकी से बुन रहे है। इसी के साथ भाजपा व संघ की राजनीति के जानकारों के अनुसार भाजपा व संघ में एक बडा ताकतवर तबका इस पद के लिए केवल ब्राहमण व्यक्ति को ही हर हाल में आसीन करना चाहता है। इसी ताकतवर तबके के कारण आज भाजपा से अन्य जााति के जमीनी पकड वाले नेताओं की या तो उपेक्षा हुई या उनको गोविन्दाचार्य, कल्याणसिंह, उमा भारती, मदन लाल खुराना या कोश्यारी बनाना पडा। इसी गुट के प्रभाव के कारण अभी तक भाजपा नरेन्द्र मोदी को अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर पायी। जानकारों के अनुसार ये गुट नरेन्द्र मोदी के नाम को आगे करने का यह कह कर विरोध कर रहा है कि इससे धर्म निरपेक्ष मत भाजपा से दूर छिटक जायेंगे। इन लोगों को इस बात का कोई जवाब भी नहीं है कि रामजन्म भूमि प्रकरण में जब देश की जनता ने भाजपा को देश की सबसे बडी पार्टी बना दी तब उसको कोन से धर्म निरपेक्ष व्यक्तियों के मत मिले थे।
संघ व भाजपा में काबिज एक असरदार जातिवादी तबका गैर ब्राहमण नेताओं को दिल से स्वीकार नहीं कर पाता है। इसी कारण आज जहां भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष गडकरी को प्रांतीय स्तर से यहां पर थोपा गया। इसी कारण यहां मण्डल कमीशन के बाद भी देश के उपेक्षित व वंचित वर्ग में राजनैतिक जागरूकता आने के बाद भी भाजपा में महत्वपूर्ण पदो ंपर अधिकांश एक ही जाति विशेष के लोगों को आसीन किया जाता है। मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ की मजबूरी रही। यहां के लोगों में राजनैतिक जागरूकता बढ़ने से यहां पर स्थिति पूरी तरह बदल गयी। परन्तु उत्तराखण्ड में भाजपा ने यहां पर अपना असली मुखौटा खुद ही बेनकाब  करके अपने प्यादों को यहां पर थोप कर अपना घोर जातिवादी ऐजेन्डा बेशर्मी से चलाया। इस ऐजेन्डे के कारण आज भाजपा जहां भ्रष्टाचार के दल दल में कांग्रेस की तरह ही फंस गयी है वही वह दिशाहीन भी हो गयी है। लोग भाजपा को कांग्रेस की बी टीम कह कर तिरस्कार  कर रहे है। अगर भाजपा को फिर से अपना जनाधार मजबूत करना है तो उनको भारतीय समाज को अपनाना पडेगा और सबको साथ ले कर योग्य व्यक्ति को उचित पदों पर आसीन करना पडेगा। अगर भाजपा मोदी को प्रधानमंत्री का प्रत्याशी इस समय घोषित नहीं करती है तो देश में भाजपा जहां आम लोगों की भावना का अपमान करने के कारण जनता का समर्थन खो देगी वहीं वह खुद ही अपने हाथों अपने भविष्य को बेनकाब करने का कााम करेगी। जहां तक सवाल लाल कृष्ण आडवाणी का है वे रामजन्म भूमि आंदोलन तक जनता के पहले चेहते थे, परन्तु उनके जिना भक्ति, व रामजन्म भूमि मुद्दे पर ढुलमुल रवैया तथा जमीनी नेताओं के बजाय अपनी कटोरी ब्रिगेड को वरियता देने के कारण वे खुद ही कमजोर हो गये, आज भाजपा का आम कार्यकत्र्ता उनकी बजाय उनके समर्थक रहे नरेन्द्र मोदी को उनके ठोस कार्यो के कारण प्रधानमंत्री के लिए ज्यादा उपयुक्त मान कर समर्थन कर रहे है।
आज मोदी देश की जरूरत हो गयी है जिस प्रकार से देश में व्याप्त कुशासन व भ्रष्टाचार से आम आदमी त्रस्त है। जिस प्रकार से देश में आतंकी ताकतों से देश त्रस्त है उससे देश की नैया को पार लगाने के लिए मोदी जेसे मजबूत दृढ़ इच्छा शक्ति वाले नेता ही देश की बागडोर संभाल कर पार लगा सकते है। अब फेसला भाजपा व संघ को करना है कि वे अपनी संकीर्ण जातिवादी सोच को वरियता देते हैं या देश को। यह निश्चित है कि भाजपा के नेताओं के इस आत्मघाती प्रवृति से न तो भाजपा व नहीं कांग्रेस देश की बागडोर संभाल पायेगी। इसके साथ मुलायम सिंह यादव की प्रधानमंत्री बनने वाली हसरत पूरी नहीं हो पायेगी। देश में कोई अन्य नेता नितीश, जय ललिता व ममता या कोई अन्य ही देश का प्रधानमंत्री बन जायेगा। इसकी भविष्यवाणी मैने डेढ़ साल पहले उस समय कर दी थी जब जनता द्वारा नकारे गये खण्डूडी को भाजपा ने फिर से उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री बनाने का कृत्य करके देवभूमि उत्तराखण्ड की लोकशाही को अपमानित किया। शेष श्री कृष्ण कृपा। हरि ओम तत्सत्। श्री कृष्णाय् नमों।

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