टीम अण्णा से बनी टीम केजरीवाल हजारों से डेढ़ सो समर्थकों पर सिमटी!
9 सितम्बर को टीम केजरीवाल को चुनौती दे पायेंगे क्या टीम केजरीवाल से असंतुष्ट सदस्य
नई दिल्ली(प्याउ)। आकण्ठ भ्रष्टाचार में डूबे देश को मुक्ति दिलाने के लिए जनलोकपाल का आ
— 9 सितम्बर को टीम केजरीवाल को चुनौती दे पायेंगे क्या टीम केजरीवाल से असंतुष्ट सदस्य
नई दिल्ली(प्याउ)। आकण्ठ भ्रष्टाचार में डूबे देश को मुक्ति दिलाने के लिए जनलोकपाल का आ
ंदोलन हजारो ंसमर्थकों के साथ चला कर देश की सत्तासीन मनमोहन सरकार की सांसे बढाने की ताकत रखने वाली टीम अण्णा ने जैसे ही राजनैतिक विकल्प के रूप में अपना कायाकल्प करने की घोषणा करने के बाद टीम केजरीवाल के रूप में 3 सितम्बर को संसद मार्ग थाने पर विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम केवल 150 के करीब समर्थकों तक ही सिमट कर रह जाने से पूरी टीम हैरान है अपितु उनके विरोधी भी हस्तप्रद है। क्योंकि 26 अगस्त को भी प्रधानमंत्री, सोनिया व गडकरी के आवास के घेराव में भी हजारों समर्थकों को सड़कों पर उतारने का इतिहास रच चूकी टीम केजरीवाल अपने दूसरे कार्यक्रम मे ही मात्र 150 तक ही सिमट कर रह जायेगी इसका अंदाजा खुद केजरीवाल, मनीष, गोपाल राय, कुमार विश्वास व संजय सिंह को भी नहीं रहा होगा। इस कार्यक्रम में भले ही समर्थकों से अधिक पत्रकारों व आने जाने का जमघट था, परन्तु इस कार्यक्रम में समर्थकों का बहुत कम संख्या में पंहुचने की छाप टीम केजरीवाल के नेताओं के ही नहीं कार्यकत्र्ताओं के चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी। इस प्रदर्शन में भी टीम अण्णा की प्रमुख सदस्य किरण वेदी ने दूरी बनायी रखी। हालांकि किरण वेदी ने स्पष्ट कर दिया कि केजरीवाल का भाजपा के अध्यक्ष के आवास पर प्रदर्शन करना उचित नहीं था। इसके साथ उन्होंने राजनैतिक दल के बजाय अण्णा हजारे के साथ आंदोलन जारी रखने का बयान दिया।
वहीं दूसरी तरफ 26 अगस्त को आयोजित प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी व गडकरी के आवासों के घेराव के कार्यक्रम में पुलिस प्रशासन ने आश्चर्यजनक ढ़ग से टीम केजरीवाल के प्रदर्शनकारियों को इन अतिविशिष्ट नेताओं के आवास तक जाने दिया। यही नहीं वहां पर हल्की लाठीचार्ज करके अपने इरादों को ढकने का असफल प्रयास किया। परन्तु दिल्ली में आंदोलनों के समीक्षक यह भलीभांति जानते थे कि सरकार की मंशा के बिना नई दिल्ली पुलिस उपायुक्त के कार्यालय स्थित संसद मार्ग पर लाखों की भीड़ को भी पुलिस प्रशासन एक इंच आगे बढ़ने नहीं देती है। इस प्रकरण में प्रशासन ने अंत में टीम केजरीवाल के आईएसी के छह सदस्यों -केजरीवाल, प्रशांत भूषण, मनीष सिसोदिया, नीरज कुमार, कुमार विश्वास और गोपाल राय- तथा कई अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवासों के बाहर 26 अगस्त को विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में दंगा भड़काने के मामले दर्ज किए गए हैं.।
इसके विरोध में 3 सितम्बर को दिल्ली पुलिस के नई दिल्ली उपायुक्त कार्यालय पर केजरीवाल टीम ने विरोध प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन पढ़ा, इसमें अरविंद केजरीवाल ने दो टूक शब्दों में कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में कोई भेद नहीं हैं. दोनों पार्टियां एक ही सिक्घ्के के दो पहलू के समान हैं.। इस अवसर पर नई दिल्ली पुलिस उपायुक्त के कार्यालय के बाहर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र को पुलिस अधिकारियों व आंदोलनकारियों के समक्ष पढ़ते हुए कहा कि उन्होंने और उनकी टीम ने कोई भी कानून नहीं तोड़ा है.। उन्होंने रोष प्रकट किया कि पुलिस हमारे समर्थकों को प्रताडि़त कर रही है. उसने हमारे 40-50 समर्थकों को पुलिस थाने बुलाया और कोयला ब्लॉक आवंटन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के मामले में शाम तक बिठाए रखा.। इसके साथ केजरीवाल ने कहा कि ‘हमारे खिलाफ धारा 144 का इस्तेमाल असंवैधानिक था और हम इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार हैं.’ ज्ञात हो कि धारा 144 के दौरान पांच या उससे अधिक लोगों के एकसाथ जमा होने का निषेध करता है.।
नई दिल्ली पुलिस उपायुक्त के कार्यालय के बाद वे संसद मार्ग में पुलिस के तीन कतारी बेरिकेटों के अवरोध के बाद धरना दे रहे प्रदर्शनकारी समर्थकों को संबोधित करने के बाद संसद मार्ग से चले गये।
इस घटनाक्रम में एक महत्वपूर्ण मोड़ उस समय आया जब इंडिया अगेस्ट करप्शन में केजरीवाल के व्यवहार को अलोकतांत्रिक बताते हुए इंडिया अगेंस्ट करप्शन पर ही प्रश्नचिन्ह लगाने वाले महत्वपूर्ण सदस्य हरिओम ने ऐलान किया कि टीम केजरीवाल को छोड़ कर भ्रष्टाचार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी मुहिम को महत्वपूर्ण दिशा देने वाले महत्वपूर्ण सदस्यों की 9 सितम्बर को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक होगी जिसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी मेहनत से प्रारम्भ किये इस आंदोलन को नई दिशा देने का निर्णय लिया जायेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ इस व्यापक जनांदोलन को मजबूती देने वाले हरि ओम ने टीम केजरीवाल के 3 सितम्बर के प्रदर्शन के बाद जंतर मंतर पर प्यारा उत्तराखण्ड को बताया कि इसमें बड़ी संख्या में भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक संघर्ष करने वाले समर्पित लोग सम्मलित होंगे।
वहीं दूसरी तरफ 26 अगस्त को आयोजित प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी व गडकरी के आवासों के घेराव के कार्यक्रम में पुलिस प्रशासन ने आश्चर्यजनक ढ़ग से टीम केजरीवाल के प्रदर्शनकारियों को इन अतिविशिष्ट नेताओं के आवास तक जाने दिया। यही नहीं वहां पर हल्की लाठीचार्ज करके अपने इरादों को ढकने का असफल प्रयास किया। परन्तु दिल्ली में आंदोलनों के समीक्षक यह भलीभांति जानते थे कि सरकार की मंशा के बिना नई दिल्ली पुलिस उपायुक्त के कार्यालय स्थित संसद मार्ग पर लाखों की भीड़ को भी पुलिस प्रशासन एक इंच आगे बढ़ने नहीं देती है। इस प्रकरण में प्रशासन ने अंत में टीम केजरीवाल के आईएसी के छह सदस्यों -केजरीवाल, प्रशांत भूषण, मनीष सिसोदिया, नीरज कुमार, कुमार विश्वास और गोपाल राय- तथा कई अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवासों के बाहर 26 अगस्त को विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में दंगा भड़काने के मामले दर्ज किए गए हैं.।
इसके विरोध में 3 सितम्बर को दिल्ली पुलिस के नई दिल्ली उपायुक्त कार्यालय पर केजरीवाल टीम ने विरोध प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन पढ़ा, इसमें अरविंद केजरीवाल ने दो टूक शब्दों में कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में कोई भेद नहीं हैं. दोनों पार्टियां एक ही सिक्घ्के के दो पहलू के समान हैं.। इस अवसर पर नई दिल्ली पुलिस उपायुक्त के कार्यालय के बाहर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र को पुलिस अधिकारियों व आंदोलनकारियों के समक्ष पढ़ते हुए कहा कि उन्होंने और उनकी टीम ने कोई भी कानून नहीं तोड़ा है.। उन्होंने रोष प्रकट किया कि पुलिस हमारे समर्थकों को प्रताडि़त कर रही है. उसने हमारे 40-50 समर्थकों को पुलिस थाने बुलाया और कोयला ब्लॉक आवंटन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के मामले में शाम तक बिठाए रखा.। इसके साथ केजरीवाल ने कहा कि ‘हमारे खिलाफ धारा 144 का इस्तेमाल असंवैधानिक था और हम इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार हैं.’ ज्ञात हो कि धारा 144 के दौरान पांच या उससे अधिक लोगों के एकसाथ जमा होने का निषेध करता है.।
नई दिल्ली पुलिस उपायुक्त के कार्यालय के बाद वे संसद मार्ग में पुलिस के तीन कतारी बेरिकेटों के अवरोध के बाद धरना दे रहे प्रदर्शनकारी समर्थकों को संबोधित करने के बाद संसद मार्ग से चले गये।
इस घटनाक्रम में एक महत्वपूर्ण मोड़ उस समय आया जब इंडिया अगेस्ट करप्शन में केजरीवाल के व्यवहार को अलोकतांत्रिक बताते हुए इंडिया अगेंस्ट करप्शन पर ही प्रश्नचिन्ह लगाने वाले महत्वपूर्ण सदस्य हरिओम ने ऐलान किया कि टीम केजरीवाल को छोड़ कर भ्रष्टाचार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी मुहिम को महत्वपूर्ण दिशा देने वाले महत्वपूर्ण सदस्यों की 9 सितम्बर को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक होगी जिसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी मेहनत से प्रारम्भ किये इस आंदोलन को नई दिशा देने का निर्णय लिया जायेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ इस व्यापक जनांदोलन को मजबूती देने वाले हरि ओम ने टीम केजरीवाल के 3 सितम्बर के प्रदर्शन के बाद जंतर मंतर पर प्यारा उत्तराखण्ड को बताया कि इसमें बड़ी संख्या में भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक संघर्ष करने वाले समर्पित लोग सम्मलित होंगे।
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