अण्णा के बाद अरविन्द गौड़ ने दिखाया टीम केजरीवाल को जनांदोलनों का आईना

23 सितम्बर को जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे अरविन्द केजरीवाल व उनकी टीम को उस समय गहरा झटका तब लगा जब इस प्रदर्शन के दौरान जंतर मंतर पर देश के जनांदोलनों पर गहरी पकड़ रखने वाले पुरोधा  अरविन्द गौड़ ने दो टूक शब्दों में अण्णा की तरह ही किसी राजनैतिक दल में न जुडने से साफ तौर पर मना कर दिया। सुत्रों के अनुसार देश के अधिकांश जनांदोलनों में अपनी सक्रिय भागेदारी व अपने ज्वलंत नाटकों के प्रभावशाली मंचन से हजारों लोगों को जागृत कर आंदोलनों को मजबूती देने वाले अरविन्द गौड़ रामलीला मैदान में हुए अण्णा के ऐतिहासिक आंदोलन तक भ्रष्टाचार के खिलाफ इस आंदोलन कर रही टीम के प्रमुख नेतृत्वकारी सदस्य थे। परन्तु कुछ माह से वे टीम अण्णा में चल रही गतिविधियों को देख कर श्री गौड़ ने खुद को एक प्रकार से अलग कर लिया। देश के अग्रणी पत्रकार एसपी सिंह के सहयोगी पत्रकार रहे अरविन्द गौड़ यदाकदा कुछ समय के लिए आंदोलन के दौरान यहां पर आम आदमियों के साथ जंतर मंतर पर एक कोने से आंदोलन की दिशा व दशा देखने जरूर आते। 23 सितम्बर को भी जब वे अपने नाटय मंच के कई साथियों के साथ चाय की चुस्कियां ले रहे थे तो तभी इंडिया अगेंस्ट करप्शन के एक वरिष्ठ कार्यकत्र्ता ने उनको मंच पर चलने का आग्रह किया। जब अरविन्द ने विनम्रता से मना किया तो उस कार्यकत्र्ता ने चुपचाप अपने एक अन्य साथी को मंच पर अरविन्द गौड के उपस्थित होने की खबर भिजवा दी। अण्णा सहित अनैक साथियों द्वारा राजनैतिक विकल्प बनाने के अरविन्द व साथियों की घोषणा के बाद खुद को अरविन्द केजरीवाल से अलग होने की खुली घोषणा के बाद एक एक साथी को अपने साथ जोड़ने के लिए दिन रात एक कर रही अरविन्द केजरीवाल व उनके साथियों के लिए अरविन्द गौड जेसे संघर्षशील साथी को जोड़ कर अपनी टीम को और मजबूती देने की आश किसी बड़ी खुशी से कम नहीं थी। यह सुनते ही इंडिया अगेन्सट करप्शन में प्रमुख नेता व केजरीवाल के सबसे करीबी सहयोगी मनीष सिसोधिया मंच से उठ कर सामने सबसे पीछे खडे अरविन्द गौड़ के पास आ कर उनसे गले मिले और उनको मंच की तरफ ले गये। मंच से पहले ही जब अरविन्द गौड़ ने दो टूक शब्दों में कहा कि मैं आंदोलन में साथ हॅू परन्तु अब आप लोगों ने राजनैतिक पार्टी बना रहे हैं इसलिए मैं किसी राजनैतिक दल के साथ नहीं दे सकता हॅू। अरविन्द गौड़ से अण्णा की तरह दो टूक उतर सुन कर मनीष सिसोदिया भी अवाक रह गये। अरविन्द गौड़ ने अपनी आंदोलन के साथ प्रतिबद्धता की बात दोहराते हुए उनसे विदा ले कर फिर जंतर मंतर के एक कोने में चाय के दुकान के समीप आ कर अपने अन्य साथियों के साथ खडे हो गये। जब प्यारा उत्तराखण्ड ने उनसे इस भरत मिलाप के बारे में जानना चाहा तो उन्होने दो टूक शब्दों कहा कि उन्होंने बता दिया कि वे किसी राजनैतिक दल के साथ नहीं है। वे जनांदोलनों से जडे हैं व जुडे रहेंगे।

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