आओ दीप आशा का जला कर जग रोशन करें
मित्र ये जिन्दगी जिंदा दिली का नाम है,
जो अन्याय को देख कर भी विरोध न करे
वो जग में मृतक ही नहीं घोर पातक भी है
आओ साथी मिल कर गीत कुरूक्षेत्र में गायें
अपने ही कामों से इस संसार को हसींन बनाये
बहुत ़झगड गये हैं जग से ताउम्र इन्हीं राहों में
आओ दीप आशा का जला कर जग रोशन करें।।
देवसिंह रावत
(5 सितम्बर 2012, प्रातः 7.46 बजे)
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