मुजफरनगर काण्ड पर शर्मनाक मौन व राष्ट्र भक्त रामदेव को सीबीआई से प्रताडित क्यों ?


देश की संस्कृति व सम्मान तथा विकास के लिए वर्षो से देश विदेश में लाखों लोगों का नेतृत्व करने वाले बाबा रामदेव को प्रताडित करने के लिए जो जांच सीबीआई को उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने सोंपी है वह अपने आप में केवल अपने निहित स्वार्थ की पूर्ति के लिए व अपनी आका सोनिया गांधी की नजरों में सबसे बडा वफादार साबित करने के लिए किया गया कृत्य है। इसमें न्याय का कहीं दूर दूर तक वास्ता नहीं। अगर विजय बहुगुणा को न्याय से जरा सा भी वास्ता रहता तो वे तुरंत मुजफरनगर काण्ड-94 के दोषियों को सजा देने के लिए ऐसे कदम उठाते, स्टर्जिया प्रकरण सहित उत्तराखण्ड की जल जमीन व जंगल आदि संसाधनों की बंदरबांट करने वालों की जांच कराते, उत्तराखण्ड को शराब का गटर बनाने वाले राजनेताओं व नौकरशाहों के गठजोड़ को बेनकाब करने के लिए कराते। गंगा में अवैध खनन करने वालों को रोकने के लिए आमरण अनशन करने वाले बाबा को मौत के मुंह में धकेलने वालों को बेनकाब करने के लिए सीबीआई की जांच करते तो उत्तराखण्ड की जनता उसे स्वीकार करती। परन्तु विजय बहुगुणा को न्याय व उत्तराखण्ड से कहीं कुछ नहीं लेना उनको केवल अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए बाबा रामदेव जैसे देशभक्त को प्रताडित करने के लिए सीबीआई का दुरप्रयोग कर रहे है। जहां तक शंकरदेव जी का सवाल है उनका जो भी दोषी होगा उसको दण्ड अवश्य मिलेगा। पर न्याय देने के नाम पर राष्ट्रभक्तों को जलील करना सबसे बडा अधम है।
रामदेव के गुमशुदा गुरू की जांच सीबीआई से कराने की मांग करने वाले उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा तथा केन्द्र में आसीन सोनिया मनमोहन की सरकार को शायद मुजफरनगर काण्ड-94 में भारतीय संस्कृति को शर्मसार करने वाले गुनाहगारों को आज 18 साल बाद भी दण्डित करने की सुध नहीं रही। विजय बहुगुणा तो इस काण्ड के मुख्य खलनायक रहे मुलायम सिंह यादव व उनके प्यादों को गले लगाने में तनिक सी भी लज्जा नहीं आता। उत्तराखण्ड का धरती आज शर्मसार है इस प्रकार के निहित स्वार्थ में डूबे सत्तालोलुपुओं को देख कर ।

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